Sawaal Shayari, a captivating form of Urdu and Hindi poetry, weaves intricate questions into poetic verses. This genre of Shayari explores the enigmas of life, love, and existence through thought-provoking inquiries. Each line is a riddle, evoking introspection and contemplation. Sawaal Shayari poses philosophical queries, delves into the mysteries of emotions, and unravels the complexities of the human mind. These poetic questions evoke a sense of wonder and curiosity, leaving readers pondering the deeper meanings of life’s enigmatic aspects. With its depth and lyrical charm, Sawaal Shayari stands as a timeless expression of poetic inquiry, captivating hearts and minds alike.
Sawaal Shayari
तुम्हें शिकायत है कि मुझे बदल दिया है वक़्त ने,
कभी खुद से भी तो सवाल कर कि क्या तू वही है।
तू तो हँसकर जी रहा है जुदा होकर भी,
कैसे जी पाया होगा वो जिसकी ज़िन्दगी है तू।
तुझे मनाऊं के अपनी अना की बात सुनु,
उलझ रहा है मेरे फैसलों का रेशम फिर।
उसकी जीत से होती है खुशी मुझको,
ये ही जवाब मेरे पास अपनी हार का था।
मुझसे बहुत करीब है तू फिर ऐ मुनीर,
पर्दा सा कोई तेरे मेरे दरमियाँ तो है।
वो ही ज़मीं है वो ही आसमान वो ही हम तुम,
सवाल ये है ज़माना बदल गया कैसे।
मैं उसका हूँ ये तो मैं जान गया हूँ लेकिन,
वो किसका है ये सवाल मुझे सोने नहीं देता।
न सवाल बन कर मिला करो, न जवाब बन कर मिला करो,
मेरी ज़िन्दगी मेरा ख्वाब हैं, मुझे ख्वाब बन कर मिला करो।
जवाब तो था मेरे पास उनके हर सवाल का
पर खामोश रहकर मैंने उनको लाजवाब बना दिया।
हजार जवाबों से अच्छी है खामोशी,
ना जाने कितने सवालों की आबरू रखती है !
मैं उम्र भर जिनका न दे सका जवाब,
वो एक नजर में ही इतने सवाल कर गए।
जाने किस बात पे उसने मुझे छोड़ दिया है,
मैं तो मुफ्लिश था किसी की दुआओं की तरह।
इतने कहाँ मशरूफ हो गए हो तुम,
आज कल दिल दुखाने भी नहीं आते।
ये जो तुम मेरा हाल-चाल पूछते हो,
बड़ा ही मुश्किल सवाल पूछते हो।
एक मैं हूँ, किया ना कभी सवाल कोई,
एक तुम हो, जिसका कोई जवाब नहीं।
सवाल बदलते रहे…मगर मेरा जवाब,
हमेशा वही रहा…तुम…. सिर्फ तुम।
ज़िन्दगी कितने मोड़ देती है,
हर मोड़ पर एक सवाल देती है,
ढूंढते रहते हैं,
हम जबाब उम्र भर, जब
जबाब मिल जाता है तो…
ज़िन्दगी सवाल ही बदल देती है।
हमें अब खो कर कहते हो मुझे तुम याद आते हो,
किसी का हो कर कहते हो मुझे तुम याद आते हो,
न पूछ उसकी बद-नसीबी का आलम क्या है,
के सब कुछ खो के कहते हो मुझे तुम याद आते हो।
दर्द देते हो और खुद ही सवाल करते हो,
तुम भी सनम क्या कमाल करते हो,
देख कर पूछ लिया है हाल मेरा,
चलो शुक्र है कुछ तो ख्याल करते हो।
इतने सवाल थे मेरे पास के,
मेरी उमर से न सिमट सके,
जितने जबाब थे तेरे पास के,
सभी तेरी एक निगाह में आ गये।
मोहब्बत है के नफरत है,
मुझे तू इतना समझा दे,
कभी मैं दिल से लड़ता हूँ,
कभी दिल तुझसे लड़ता है।
मेरी निगाह-ए-कमाल का इन्तिखाब हो तुम,
वफ़ा के फूलों में हसीन गुलाब हो तुम,
लोग कहते हैं दोस्तों में वफ़ा नहीं होती,
लोगों के सब सवालों का जबाब हो तुम…।
उसने पूछा सबसे ज्यादा क्या पसंद है तुम्हे,
मैं बहुत देर तक देखता रहा उसे,
बस ये सोचकर कि…
खुद जवाब होकर उसने सवाल क्यूँ किया।
ज़िन्दगी के सवालों का जबाब ढूढता हूँ,
दर्द को कम कर सके वो शराब ढूढता हूँ,
वक्त के हाथों मजबूर एक शख्स हूँ मैं,
जो जीने का दे बहाना वो किताब ढूढता हूँ।
काँटों के बदले फूल क्या दोगे,
आँसुओं के बदले खुशी क्या दोगे,
हम चाहते हैं आपसे उम्र भर का साथ,
हमारे इस सवाल का जबाब क्या दोगे।
मुझे वास्ता नहीं रखना तो,
फिर मुझ पे नज़र क्यों रखता है?
मैं किस हाल में जिंदा हूँ
तू मेरी खबर क्यों रखता है?
मैंने उस से बस इतना ही पूछा था कि,
एक पल में किसी की जान कैसे निकल जाती है,
उस ने चलते चलते अपना हाथ,
मेरे हाथ से छुड़ा लिया…
दिल की महफ़िल में बुलाया है किसी ने,
खुद बुला कर सताया है किसी ने,
जब तक जली शमा मचलता रहा परवाना,
क्या इस तरह साथ निभाया है किसी ने।