“Explore 100+ heartfelt Shab e Barat Mubarak Shayari: A collection of poetic blessings, wishes, and reflections for the auspicious night of forgiveness and blessings in Islam. Express your devotion and seek divine mercy with these beautifully crafted verses that celebrate the spiritual significance of Shab e Barat.”
Shab e Barat Mubarak Shayari
गुल को गुलशन मुबारक,
शायर को शायरी मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
आशिक को उसकी महबूबा मुबारक,
हमारी तरफ से आपको शब-ए-बारात मुबारक
रहमतों की आई है रातदुआ है आप सदा रहें आबाददुआ में रखना हमें भी यादमुबारक हो आपको ‘शब-ए-बारात
या अल्लाह शब-ए-बारात की मुबारक रातके सदके हमें बख्श देऔर हमारी दुआएं कुबूल फरमा
मेरी तरफ से आप सबकोशब-ए-बारात मुबारक हो
रहमतों की आई है रात,नमाजों का रखना साथ,मनवा लेना रब से हर बात,दुआ में रखना हमें भी याद,
अगर मुझसे कोइ गलती हो गई हो तो मुझे माफ कर देनाआज ‘शब-ए-बारात’ है खुदा की इबादत कर लेना
या अल्लाह मैं तुझसे मांगता हूं,ऐसी माफी जिसके बाद कोई गुनाह न हो,ऐसी सेहत जिसके बाद कोई बीमारी न हो,ऐसी रजा जिसके बाद कोई नाराजगी न हो.शब-ए-बारात मुबारक
या अल्लाह शबे बारात इबादात की रात है
हमें ज़्यादा से ज़्यादा नेकियाँ कमाने की और बूरायों से दूर
रहने की तौफीक अता फरमा
या अल्लाह मैंने सबको माफ़ किया
जिसने मेरे साथ बूरा किया
मुझे दुख दिया
जो मेरी गीबत है
मुझे भी सब माफ़ कर देना
अल्लाह माफ़ करने वालों को पसंद करता हैl
रही ज़िन्दगी तो फिर बात होगी रही ज़िन्दगी तो फिर बात होगी ना रही ज़िन्दगी तो बस याद होगी अगेर हो कोई गलती तो माफ कर देना क्या पता ये ज़िन्दगी की आखरी शबे ए रात होगी
या अल्लाह जिसने भी सब ए बारात के रात आप की इबादत में गुज़री या अल्लाह तू उन सब की दुआओं को कुबूल करना और जो नहीं कर पाए उन्हें हेदायत देना, और उनकी भी मगफिरत करना आआआआअमिन
रहमतों की आई है रात
दुआ है आप सदा रहें आबाद
दुआ में रखना हमें भी याद
मुबारक हो आपको ‘शब-ए-बारात’!
आज की शब रौशनी की जरूरत नहीं
आज चांद आसमान से मुस्कुराएगा,
तुम दुआओं का सिलसिला जारी रखना
रहमतों का गुलिस्तां जमीं पर आएगा
शब-ए-बारात मुबारक!
रात को नया चांद मुबारक,
चांद को चांदनी मुबारक,
फलक को सितारे मुबारक,
सितारों को बुलंदी मुबारक,
आपको हमारी तरफ से,
शब-ए-बारात मुबारक!
जवाब खुदा है हर सवाल का,
तु नए-नए सवाल ना बना,
ये रहमत की रात है बंदे
तु वबाल ना बना।
शब-ए-बारात मुबारक!
अगर आप खुद को माफ कर सकते हैं
तो आप दूसरों को भी माफ कर सकते हैं
‘शब-ए-बारात’ आपको मुबारक हो!
या अल्लाह मैं तुझसे मांगता हूं,
ऐसी माफी जिसके बाद कोई गुनाह ना हो,
ऐसी सेहत जिसके बाद कोई बीमारी ना हो,
ऐसी रजा जिसके बाद कोई नाराजगी ना हो।
शब-ए-बारात मुबारक!
या अल्लाह शब-ए-बारात की मुबारक रात
के सदके हमें बख्श दे
और हमारी दुआएं कुबूल फरमा
मेरी तरफ से आप सबको
शब-ए-बारात मुबारक हो!
रहमतों की आई है रात,
नमाजों का रखना साथ,
मनवा लेना रब से हर बात,
दुआ में रखना हमें भी याद,
शब-ए-बारात मुबारक!
ऐ अल्लाह मैं तुझसे मांगता हूं ऐसी माफी
जिसके बाद कोई गुनाह न हो
ऐसी सेहत जिसके बाद बीमारी न हो
ऐसी रजा जिसके बाद कोई नाराजगी न हो
‘शब-ए-बारात’ मुबाकर हो!