Narazgi Shayari in Hindi | नाराजगी शायरी

Narazgi Shayari in Hindi | नाराजगी शायरी” is a poignant collection of Hindi verses that explore the intricate emotions surrounding disappointment and estrangement. Through eloquent poetry, this anthology delves into the complexities of human relationships, expressing feelings of hurt, longing, and the hope for reconciliation. Each shayari is a lyrical journey through the labyrinth of misunderstandings, offering solace and a glimmer of optimism amidst the shadows of discord. The verses evoke empathy and understanding, painting vivid portraits of the moments when hearts drift apart. “Narazgi Shayari in Hindi” invites readers to delve into the depths of emotional turbulence, finding solace and connection through the power of language and sentiment.

Narazgi Shayari

बस एक यही बात उसकी मुझे अच्छी लगती है,
उदास कर के भी कहती है तुम नाराज तो नहीं हो ना !

मुझको छोडने की वजह तो बता देते,
मुझसे नाराज थे या मुझ जैसे हजारों थे !

तुझसे नहीं तेरे वक्त से नाराज हूँ
जो तुझे कभी मेरे लिए मिला ही नहीं !

बात बात पे नाराज होने की ये तेरी आदत,
जाना एक दिन मेरी जान ले जाएगी !

उसकी हर गलती भूल जाता हूँ
जब वो मासूमियत से पूछती है,
नाराज है क्या !

कुछ रिश्ते खामोशी और नाराजगी के
चलते बच जाते है इस दुनिया में !

तुम भी चली आया करो कभी मनाने मुझको,
यूँ बेफजूल की नाराजगी तुमसे मेरी भी जान लेती है !

खामोशियां ही बेहतर हैं,
शब्दों से लोग नाराज बहुत हुआ करते हैं।

हम तो नाराज होने का नाटक कर रहे थे,
उन्होंने सही समझ लिया !

नाराज हमसे खुशियाँ ही होती है,
गमों के तो इतने नखरे नही होते !

नाराजगी वहाँ मत रखिएगा मेरे दोस्त,
जहाँ आपको ही बताना पड़े आप नाराज है !

यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है,
दौर नाराजगी का खत्म हो फिर बात करते है !

नाराज हो कर भी नाराज नहीं होते,
ऐसी मोहब्बत है तुमसे !

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना,
कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !

मेरी फितरत में नहीं हैं किसी से नाराज होना,
नाराज वो होते हैं जिन्हें अपने आप पर गुरूर होता है !

नाराज ना होना हमारी,
बेमतलब की शायरियों से क्योंकि,
इन्ही हरकतों से,
हम हमेशा आपको याद आयेंगे !

नाराजगी शायरी 2023

तुम से नाराज होने के बाद,
मैं अपने आप के साथ कैसे बात कर सकता हूँ !

झगड़ा तब होता है जब शिकायत होती है,
और शिकायतें उनसे होती है जिनसे प्यार होता है !

इश्क में नाराजगी नहीं हुई,
तो फिर आपको इश्क भी नहीं हुआ !

कुछ नाराजगी सिर्फ गले लगने से ही दूर होती हैं,
समझने समझाने से नहीं !

मुझे अपने किरदार पे इतना तो यकीन है की,
कोई मुझे छोड़ सकता है लेकिन भूल नही सकता !

सूख जाते हैं मेरी आँखों के आंसू भी,
तुम्हारी नाराजगी मेरी जान लेकर रहेगी किसी दिन !

जैसे मैं तुम्हारी हर नाराजगी समझता हूँ
काश वैसे ही तुम मेरी सिर्फ एक मजबूरी समझते !

सुनो तुम बादाम खाया करो,
नरागजी में तुम मेरा प्यार भूल जाते हो !

नाराज होकर भी नाराजगी न दिखाना,
मेरी ये एक अदा है तुमसे नाराज होने की,
पर तुम समझते ही नहीं !

चेहरे अजनबी हो जाये तो कोई बात नही लेकिन,
रवैये अजनबी हो जाये तो बडी तकलीफ देते हैं !

बेशक मुझपे गुस्सा करने का हक है तुम्हें,
मगर नाराजगी में हमारा प्यार मत भूल जाना तुम !

कहीं नाराज न हो जाए उपरवाला मुझसे,
हर सुबह उठते ही सबसे पहले तूझे जो याद करता हूँ !

तुम्हारी नाराजगी हक्क है,
कभी हमको मानने का मौका तो देती,
तुम हमसे इस कदर रूठे हो,
के फिलहाल कुछ बात भी नहीं होती !

न जाने किस बात पे नाराज हैं वो हमसे,
ख्वाबों में भी मिलती है तो बात नहीं करती !

जब तड़पेगी तू प्यास से,
तूझे वो बादल याद आएगा,
जब छोर जाएगा तूझे वो,
तब तूझे ये पागल याद आएगा !

कभी-कभी नाराजगी दूसरों से ज्यादा,
खुद से होती है !

इल्जाम चाहे हजार देदो मेरी सादगी पर,
मगर सच कहूँ तो,
गुस्सा आता है तेरी नाराजगी पर !

मत पूछो कैसे गुजरता है हर पल तुम्हारे बिना,
कभी बात करने की हसरत कभी देखने की तमन्ना !

यूँ शक ना किया करो मेरी दोस्ती पे,
तुम्हारे बिना भी हम तुम्हारे ही रहते हैं !

यूँ तो हम रोज तुम्हे याद करते है,
दौर नाराजगी का खत्म हो फिर बात करते है !

कुछ दूर हमारे साथ चलो,
हम दिल की कहानी कह देंगे,
समझे ना जिसे तुम आखो से,
वो बात जुबानी कह देंगे !

मुद्दतों से था जो नाराज मुझसे,
आज वही मुझसे मेरी नाराजगी की वजह पूछता है !

Leave a Comment