Mahadevi Verma, a prominent figure in Indian literature, left an indelible mark with her thought-provoking writings. Her quotes continue to resonate with readers, offering insights into various facets of life, society, and spirituality. This collection brings together some of her most impactful quotes, showcasing her ability to distill complex ideas into simple yet profound words. From reflections on gender equality to musings on the human condition, Mahadevi Verma’s wisdom remains relevant and inspiring across generations. This compilation serves as a tribute to her enduring legacy and a source of motivation for those seeking wisdom in the written word. It invites readers to explore the depth of her philosophical outlook and appreciate the timeless relevance of her thoughts.
Mahadevi Verma Quotes in Hindi
अमरता है जीवन का हास
मृत्यु जीवन का चरम विकास।
Mahadevi Verma
युगों से पुरुष स्त्री को उसकी शक्ति के लिए नहीं,
सहनशक्ति के लिए ही दण्ड देता आ रहा है।
महादेवी वर्मा
कला मनुष्य के हृदय और बुद्धि को
प्रभावित करके ही उसके कर्म को प्रभावित करती है
और एक-एक को बदल कर ही सबको
बदलने में समर्थ होती है।
Mahadevi Verma
जितने भी दिन जीओ
फूल बनकर जियो,
काँटा बनकर नहीं।
महादेवी वर्मा
वास्तविक पवित्रता का प्रमाण
तो यही है कि मलिन-से-मलिन
दृष्टि भी उसका स्पर्श कर पवित्र हो जावे,
इस सत्य को समझना सहज ही नहीं।
आँसू के खारे पानी में डुबाये
बिना सौन्दर्य के चित्र-रंग पक्के नहीं हो सकते,
पर प्रकृति के पास सौन्दर्य है, आँसू नहीं।
महादेवी वर्मा
जो अप्राप्त है, उसे पा लेना कठिन नहीं है.
परंतु जो प्राप्त था, उसे खोकर फिर पाना
अत्यंत कठिन है.
Mahadevi Verma
ऊँचाई अच्छी है,
पर उस पर धूप, आँधी,
पानी और भी अधिक वेग से
आक्रमण करते हैं.
महादेवी वर्मा
नारी अपने सृजन की बाधाएँ
दूर करने के लिए या अपनी कल्याणी
सृष्टि की रक्षा के लिए ही रुद्र बनती है।
Mahadevi Verma Quotes in Hindi
सच है कण का पार न पाया,
बन बिगड़े असंख्य संसार;
पर न समझना देव हमारी
लघुता है जीवन की हार!
महादेवी वर्मा
कीचड़ से कीचड़ को धो सकना
न सम्भव हुआ है न होगा;
उसे धोने के लिए निर्मल जल चाहिए।
Mahadevi Verma
स्त्री के गुणों का चरम-विकास
समाज के शांतिमय वातावरण में ही है.
महादेवी वर्मा
प्रतिभा जाति पर निर्भर नहीं करती,
जो परिश्रमी है, वही सब कुछ प्राप्त करता है।
जानते हो यह अभिनव प्यार
किसी दिन होगा कारागार।
महादेवी वर्मा
स्नेह ही मनुष्यता के
मन्दिर का एकमात्र देवता है।
Mahadevi Verma
त्याग हमारी पूर्णता का परिणाम है।
महादेवी वर्मा
मैं किसी कर्मकांड में विश्वास नहीं करती।
मैं मुक्ति को नहीं, इस धूल को अधिक चाहती हूँ।
जीवन में कला का सच,
सुन्दरता के माध्यम से व्यक्त
किये गये सच से अखंड होता है।
महादेवी वर्मा
हमारी शिष्टता की परीक्षा तब नहीं हो सकती,
जब कोई बड़ा अतिथि हमें अपनी कृपा का दान
देने घर में आता है, वरन् उस समय होती है,
जब कोई भूला-भटका भिखारी द्वार पर खड़ा होकर
हमारी दया के कण के लिए हाथ फैला देता है ।
Mahadevi Verma
अपनी शक्ति में विश्वास न करने वाला
व्यक्ति अपनी दुर्बलता में विश्वास करता हैं.
महादेवी वर्मा
🌿 प्रत्येक गृह स्वामी अपने गृह का राजा और उसकी पत्नी रानी है कोई गुप्तचर, चाहे देश के राजा का ही क्यो न हो, यदि उसके निजी वार्ता का सार्वजनिक घटना के रूप मे प्रचारित कर दे, तो उसे गुप्तचर का अधिकार दुष्टाचरण ही कहा जाएगा।
🌿 प्रत्येक विज्ञान मे क्रियात्मक कला का कुछ अंश अवश्य होता है।
ठकुरी बाबा का मन प्रसन्न हो गया। कहने लगे – ‘ सो तो हम जानित है बिटिया! हम उहां अस सोर मचाउब कि भगवानजी पुन धरती पै ढनकाय देहै! हम फिर धान रोपब , कियारी बनाउब , चिकारा बजाउब और तुम पचै का आल्हा-ऊदल की कथा सुनाउब । सरग हमका ना चही , मुदा हम दूसर नवा शरीर मांगै बरे जाब जरूर। ई ससुर तौ बनाय कै जरजर हुइग ’ – और वे गा उठे : चलत प्रान काया काहे रोई राम ।
पैताने की ओर यंत्र से रखी हुई काठ और निवाड़ से बनी खटपटी कह रही थी कि जूते के अछूतेपन और खड़ाऊँ की ग्रामीणता के बीच से मध्यमार्ग निकालने के लिए ही स्वामी ने उसे स्वीकार किया है।