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Top Viral shayari
हमारे जीने का अलग अंदाज़ है
एक आंख में आंसू और दूसरे में ख़्वाब है
सख़्त रातों में आसान सफ़र लगता है
यह मेरी मां की दुआओं का असर लगता है
दिल दे तो इस मिज़ाज का परवरदिगार दे
जो रंज की घड़ी भी ख़ुशी से गुजार दे.
काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएं तो क्या करें,
उस बेवफ़ा को भूल न जाएं तो क्या करें.
दुश्वार काम था ग़म को समेटना
मैं ख़ुद को बांधने में कई बार खुल गया
हँस के फ़रमाते हैं वो देख के हालत मेरी,
क्यूँ तुम आसान समझते थे मोहब्बत मेरी.
कुछ तो तन्हाई की रातों का सहारा होता,
तुम न होते न सही जिक्र तुम्हारा होता.
तजुर्बा कहता है मोब्बत से किनारा कर लूं
दिल कहता है कि ये तजुर्बा दोबारा कर लूं
फ़िराक-ए-यार ने बेचैन मुझ को रात भर रक्खा,
कभी तकिया इधर रक्खा कभी तकिया उधर रक्खा.
वो भी रो देगा उसे हाल सुनाएं कैसे
मोम का घर है चराग़ों को जलाएं कैसे।
यूं तो हमने घूम लिया सारा जहां
लेकिन तेरी गली की बात ही कुछ और है
हमदर्दी न करो मुझसे ऐ मेरे हमदर्द दोस्तों
वो भी बड़ा हमदर्द था जो दर्द हजारों दे गया
एक खून के रंग ने रंग नहीं बदला
वर्ना सारे रिश्ते जहां के बेरंग हो गए
ठंड की रात भी दुशाला ओढ़ रही थी चांदनी का कुहरे के साए में
ये चांद की मोहब्बत थी जो पाकीज़ा बनकर धरती पर उतरी थी
यूं तो फरिश्तों ने भी एक फ़रिश्ते का साथ छोड़ दिया
अजीब इतेफाक था उसको भी किसी से ‘इश्क़’ हुआ था।
जिन्दगी को खुलकर जीने के लिए
एक छोटा सा उसूल बनाये,
रोज कुछ अच्छा याद रखे और
कुछ बुरा भूल जाये.
वजह नफरतों की तलाशी जाती है,
मोहब्बत तो बेवजह ही हो जाती है.
छोड़ दो मुड़कर देखना उनको,
जो तुमसे दूर जाया करते है,
जिनको साथ नहीं चलना होता
वो अक्सर रूठ जाया करते है.
हंसकर जीना दस्तूर है जिन्दगी का
एक यही किस्सा मशहूर है जिन्दगी का
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते
यही सबसे बड़ा कसूर है जिंदगी का
सीने में धड़कता जो हिस्सा है,
उसी का तो ये सारा किस्सा है.
अब नही होगी जरूरत तेरी मोहब्त की हमे,
कल जब थी तुम बड़े अहम में थे ।।
जानते नही हो हम कितने एटीट्यूड है,
जब पैदा हुए तो बाद नही की पूरे 2 साल तक ।।
फसाया अपनो ने है लेकिन डरूंगा नही में,
इन कुछ हालातो से हार जाऊ, इस नहीं हूं में ।।
हम तो आज उस बाजी को खेलना पसंद करते है ।
जिसमे जीत का कोई रास्ता ना हो ।।
हमे तो अपनी किस्मत पर भरोसा कुछ इस कदर है,
हम हारि हुई बाजी को भी जीत लिया करते है ।।
हो अपने दम पर और एटीट्यूड भी खूब,
लाइन में होती है ये इश्क़ विश्क सब हूर ।।
हमारा अंदाजा तुम इस बात से ही लगा लो जनाब
हम बदल भी बड़ी शराफत के साथ लेते है ।।
वैसे तो शरीफ हम बचपन से है । Dil तोड़ना लड़कियों ने
और कुछ लोगो की हड्डियां दोस्तो ने सिखाया है ।।
चलो तुम साजिश ही करलो अब
लोग लिख दिया अब तो होना ही है ।।
किस्मत को क्या दोष दूं साहब
जब अपने ही अपनी पे आ जाते है ।।
धन भी है गन भी है भाई ।
तो थोड़ा जगह बना के रखी,
क्युकी ठोकने का जिगर भी है भाई ।।
उन्हे नजरंदाज करने का शोक है बहुत,
हमने भी उनके शोक पूरे करने में कसर नहीं छोड़ी ।।
कभी कुछ इसलिए भी खामोश रह लेते है ।
बोलने लग जायेंगे तो धज्जियां उड़ जायेगी।।
हम सुखा नही पाए इन मीठे बोलने का तरीका ,
हम कड़वे ही अच्छे है मेरे दोस्त ।।
कूनुन तो भाई बुरे लोगो के लिए है ।
अच्छे लोग तो अवि मर जाते है।।
शोर कर लो भाई जब तक चुप हु में
जब मेरी बारी आएगी हिसाब एक एक आवाज का होगा ।।
हमे शादी का शोक नही था भाई
ये तो मेरे बच्चे की जिद थी जल्दी आने की ।।
हम जैसे सिरफिरे ही इतिहास रचते है
समझदार तो केवल इतिहास पढ़ते है ।।
फूल जब कभी छुआ होगा।
साला होश तो खुशबू के उड़ गए होंगे ।
हम भी छोड़ देते लेकिन साहब जी
हमारी जिद में था ,
You know, जिद के हम बादशाह है ।।
हारने ने बुराई नही लेकिन
हार मान लेने में बुराई है ।
हमारे जीने का अलग अंदाज़ है
एक आंख में आंसू और दूसरे में ख़्वाब हैll
सख़्त रातों में आसान सफ़र लगता है
यह मेरी मां की दुआओं का असर लगता है l
दुश्वार काम था ग़म को समेटना
मैं ख़ुद को बांधने में कई बार खुल गया l
तजुर्बा कहता है मोब्बत से किनारा कर लूं
दिल कहता है कि ये तजुर्बा दोबारा कर लूं l
वो भी रो देगा उसे हाल सुनाएं कैसे
मोम का घर है चराग़ों को जलाएं कैसे l
यूं तो हमने घूम लिया सारा जहां
लेकिन तेरी गली की बात ही कुछ और है l
हमदर्दी न करो मुझसे ऐ मेरे हमदर्द दोस्तों
वो भी बड़ा हमदर्द था जो दर्द हजारों दे गया l
एक खून के रंग ने रंग नहीं बदला
वर्ना सारे रिश्ते जहां के बेरंग हो गए l
ठंड की रात भी दुशाला ओढ़ रही थी चांदनी का कुहरे के साए में
ये चांद की मोहब्बत थी जो पाकीज़ा बनकर धरती पर उतरी थी l