Embark on a poetic journey with our collection of 100+ Safar Shayari (Travel Poetry). These verses beautifully encapsulate the spirit of exploration, adventure, and self-discovery. Whether traversing physical landscapes or metaphorical paths, these Shayaris resonate with the thrill of the unknown and the lessons learned along the way. From the joy of starting anew to the introspection that comes with the journey, these Shayaris capture the essence of life’s ever-changing expedition. Share these verses to inspire wanderlust or reflect on your personal voyage. Each Shayari paints a vivid picture of the transformative power of travel, both outward and within.
Safar Shayari
माना की जिंदगी में गम बहुत है ,
कभी सफर पर निकलो और देखो खुशियां ।
दहशत सी होने लगी है इस सफर से,
अब तो ए-जिंदगी कहीं तो पहुँचा दे,
खत्म होने से पहले !
रस्ते कहाँ ख़त्म होते हैं जिंदगी के सफर में,
मंजिल भी वहीं है जहाँ ख्वाहिशें थम जाएँ ।
मंजिल बड़ी हो तो सफर में कारवां छूट जाता है,
मिलता है मुकाम तो सबका वहम टूट जाता है ।
इस सफर में नींद ऐसी खो गई,
हम न सोए रात थक कर सो गई ।
इन अजनबी सी राहों में जो तू मेरा,
हमसफ़र हो जाये बीत जाए पल भर में,
ये वक्त और हसीन सफर हो जाये !
मैं तो यूँ ही सफर पर निकला था,
एक अजनबी मिला और,
उसने अपना बना लिया !
बहुत कुछ सिखाया जिंदगी के
सफर अनजाने ने,
वो किताबों में दर्ज था ही नहीं,
जो पढ़ाया सबक जमाने ने !
चल वहीं ऐ दिल जहाँ हमसफर है मेरा ,
ये अजनबी रास्ते वो आखिरी सफर है तेरा !
हमे तो पता था की तू कहीं,
और का मुसाफीर था,
हमारा शहर तो बस यूं ही तेरे,
रास्ते मैं आ गया था !
मायूस हो गया हूँ जिंदगी के सफर से,
कुछ इस कदर,
कि ना खुद से मिल पा रहा हूँ ना मंजिल से !
ना मंजिलों के लिए ना ही रास्तों के
लिए मेरा ये सफर है खुद से खुद की
पहचान के लिए !
मैं लौटने के इरादे से जा रहा हूँ मगर,
सफर सफर है मिरा इंतिजार मत करना ।
इन अजनबी सी राहों में जो तू मेरा हमसफर हो जाये,
बीत जाए पल भर में ये वक्त और हसीन सफर हो जाये !
जिंदगी की तरह ये वादियां भी कितनी,
हसीन हैं आसमान नीला,
और जमीन रंगीन है !
हर गाम हादसा है ठहर जाइए जनाब,
रस्ता अगर हो याद तो घर जाइए जनाब,
दिन का सफर तो कट गया सरज के साथ साथ,
अब शब की अंजुमन में बिखर जाइए जनाब !
अपनी मर्ज़ी से कहाँ अपने सफ़र के हम हैं,
रुख हवाओं का जिधर का है उधर के हम हैं !!
किसी को घर से निकलते ही मिल गई मंज़िल
कोई हमारी तरह उम्र भर सफ़र में रहा!
सफर से लौट जाना चाहता है,
परिंदा आशियाना चाहता है,
कोई स्कूल की घंटी बजा दे,
ये बच्चा मुस्कुराना चाहता है !
यू ही हाथ थाम मेरा साथ निभाना,
जिंदगी का सफर संग है तेरे बिताना!
वो जीवन में क्या आये बदल गयी जिंदगी हमारी,
वरना सफर ए-जिंदगी कट रही थी धीरे-धीरे !
जिंदगी की खूबसूरती देखना है,
तो कभी सफर पर निकलो !
अगर अपने आप से ऊब जाए तो,
जरूर सफर पर निकल जाय,
हो सकता है की आपकी जिंगदी संवर जाए !
अब जाना मैंने ज़िंदगी क्या है,
सफर में भी हूँ लेकिन जाना कहीं नहीं है !
ये तेरी संघर्ष कि जो कहानी है ये,
एक शानदार सफर कि कहानी है !
कुछ सपने पुरे करने हैं,
कुछ मंजिलों से मिलना है,
अभी सफर सुरु हुआ है,
मुझे बहुत दूर तक चलना है !
अजीब सा सफर है ये ज़िंदगी,
मंजिल मिलती है मौत के बाद !
हम जितनी दुनिया देखते जाते है,
हमारी नजरिया का दायरा उतना ही,
बढ़ जाता है !
नफरत सी होने लगी है,
इस सफर से अब जिंदगी कहीं तो,
पहुँचा दे खत्म होने से पहले !
ना थके हैं कभी पैर,
ना कभी हिम्मत हारी है,
जज्बा है कुछ बनने का जिंदगी में,
इसलिये सफर जारी है !
ज़िंदगी एक ऐसा सफर है,
जिसकी राह ही इसकी मंजिल है !
मैं तो यूँ ही सफर पर निकला था,
एक अजनबी मिला और उसने अपना बना लि
अजीब सी पहेलियां हैं मेरे हाथों की लकीरों में,
लिखा तो है सफर मगर मंजिल का निशान नहीं !
पांव जमीन पर थे आसमान नजर में रहा निकला था,
मंजिल के लिए लेकिन उम्र भर सफर में रहा !
रस्ते कहाँ खत्म होते हैं जिंदगी के सफर में,
मंजिल तो वही है जहां ख्वाहिशें थम जाएँ !
जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
काफीला साथ और सफ़र तन्हा !
जिन्दगी से मौत तक के सफर को ही,
जिन्दगी कहते हैं !
जिंदगी यूँ हुई बसर तन्हा
काफिला साथ और सफर तन्हा !
मेरी हर मंजिल एक नए
सफर का आगाज होती है !