100+ Best Tanhai Shayari in Hindi

“100+ Tanhai Shayari” is a poetic exploration of solitude and the emotions it evokes. With over a hundred verses, this collection beautifully captures the essence of loneliness, introspection, and the profound moments of self-discovery that arise in moments of solitude. Each shayari is a window into the depths of one’s thoughts and feelings when alone, expressing the complex emotions that solitude can bring. Whether you seek solace in introspective poetry or appreciate the beauty of self-reflection, this anthology offers a poignant and relatable journey through the world of “Tanhai” (solitude).

Tanhai Shayari

तन्हाई में बैठ कर रात भर रोता हूँ,
दिल की गहराइयों में अपनी यादों में खोता हूँ।

तन्हाई की रातों में दर्द बढ़ता जाता है,
जब सब सोते हैं, तब आँखें रोती हैं।

तन्हाई ने सिखा दिया है सबकुछ सहना,
दर्द को छुपा कर हँसना, यही तो तन्हाई का सच है।

तन्हाई में बिताई हर रात,
मेरे दिल की बेचैनियों का ही सबब है।

तन्हाई सब कुछ सिखा देती है,
दर्द को छुपा कर हँसना और मुस्कराना।

तन्हाई में बैठ कर दर्द को चुपा लेता हूँ,
यही है मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी मांग।

तन्हाई में जब भी याद आती हो तुम,
दिल में बस जाती हो तुम, और कुछ नहीं।

तन्हाई सबसे अच्छी दोस्त है,
वो हमें हमारी कमियों का पता दिलाती है।

तन्हाई में जब तकदीर की बात होती है,
दिल की आवाज़ हमें खोती है।

तन्हाई एक ऐसी सजावट है जो हमें खुद से मिलाती है,
और हमें अपनी हकीकत से मिलाती है।

तन्हाई की रातों में, तुम्हारी यादें आती हैं,
और दिल रो रो कर बेहल जाता है।

तन्हाई में बैठकर दिल को बहलाता हूँ,
तुम्हारी यादों से मोहब्बत करता हूँ।

तन्हाई की रातों में जब चाँद बार-बार मुस्काता है,
तो दिल तुम्हारी यादों में खो जाता है।

तन्हाई ने सिखाया है कि जिंदगी में हर किसी का आना,
और हर किसी का जाना होता है।

तन्हाई की रातों में, दर्द को अपने साथ लेकर जाता हूँ,
और खुद को धीरे-धीरे समझाता हूँ।

तन्हाई ने सिखाया है कि कुछ चीजें हमारे पास होती हैं,
लेकिन वो हमारी नहीं होतीं।

तन्हाई की रातों में, दिल की बातें कहता हूँ,
क्योंकि तन्हाई ही मेरी सच्ची साथी है।

तन्हाई में जब भी यादें आती हैं,
तो दर्द को छुपा कर हँसने की कोशिश करता हूँ।

तन्हाई की रातों में, तुम्हारी यादें मेरे दिल को छू लेती हैं,
और मैं तुम्हें अपने सपनों में पुकारता हूँ।

तन्हाई में बैठकर दर्द को अपनी क़लम से बयां करता हूँ,
क्योंकि तन्हाई ही मेरी मुसाफिर है।

तन्हाई के लम्हों में, दिल अकेलापन से भरा होता है,
और आंसू दिल के दर्द को आवाज़ देते हैं।

तन्हाई के पलों में, मैं अपने आप से बातें करता हूँ,
और खुद से खो जाता हूँ।

तन्हाई में जब दर्द सबसे गहराई से महसूस होता है,
तो आँसू बिना रुके बहने लगते हैं।

तन्हाई की रातों में, चाँद की रौशनी में जब भी बुढ़ापे का सफर सोचता हूँ,
दिल दहल जाता है।

तन्हाई में जब भी खुद को खो जाता हूँ,
तो मेरा दिल एक सितारे की तरह चमकता है।

तन्हाई की रातों में, तेरी यादें मेरे दिल को छू जाती हैं,
और मैं तुझे फिर से पाने की कोशिश करता हूँ।

तन्हाई में बैठकर दिल को सुकून देता है ये शाम,
और आँखों में आंसू छोड़ जाता है।

तन्हाई के पलों में, खुद से मिलने का मन होता है,
और अपने दर्द को सुनने का समय होता है।

तन्हाई की रातों में, दिल के सबसे गहरे कोने में छुपा होता है,
और वही आवाज़ बनकर निकलती है।

तन्हाई में जब भी चुपके से आँसू बहते हैं,
तो वो मेरे दर्द की कहानी सुनाते हैं।

तन्हाई की रातों में, दर्द की गहराइयों में खो जाता हूँ,
और आपकी यादों में बिताता हूँ।

तन्हाई में बैठकर दर्द को अपनी क़लम से लिखता हूँ,
और वो शब्द मेरे दिल की गहराइयों से आते हैं।

तन्हाई की रातों में, दिल के सबसे गहरे सवालों का समाधान ढूँढ़ता हूँ,
और अपने आप से सवाल करता हूँ।

तन्हाई में जब भी चुपके से आँसू बहते हैं,
तो वो मेरे दिल की कहानी सुनाते हैं।

तन्हाई की रातों में, दर्द की गहराइयों में खो जाता हूँ,
और आपकी यादों में बिताता हूँ।

तन्हाई की रातों में, दिल के दर्द को छुपाने की कोशिश करता हूँ,
पर आँखों से गिरे आँसू दर्द की आवाज़ कह जाते हैं।

तन्हाई में जब सब चुप होते हैं,
तो दिल की आवाज़ बेहद सुनाई देती है

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