100+ Chaand Shayari in Hindi

“100+ Chand Shayari: Bask in the ethereal beauty of the moon through this enchanting collection of shayaris. Each verse paints a poetic picture of the mesmerizing moon, its luminous glow, and the emotions it evokes. Whether it’s a symbol of love, longing, or tranquility, these shayaris capture the essence of the moon’s allure in all its phases. From romantic musings to soulful reflections, immerse yourself in the magic of moonlit poetry. Let the Chand Shayari transport you to a world of dreams and emotions, where the moon becomes a muse for expressing the deepest sentiments of the heart. Embrace the celestial charm and find solace in the beauty of these moon-inspired verses.”

Chaand Shayari

कहा से लाऊं वो लफ्ज
कि सिर्फ तुझे सुनाई दे
दुनिया देखे चांद को
और मुझे सिर्फ तू दिखाई दे

जैसे पूरे आसमान में
चांद एक ही है
वैसे इस जमीन की चांद हो तुमl

साथ साथ घूमते है हम दोनो रात भर
लोग मुझे आवारा और उसे चांद कहते है

आसमान में एक आशियाना हमारा होता
तू चांद और मैं सितारा होता
लोग देखते तुम्हे दूर से
पास से देखने का हक सिर्फ हमारा होता

चांद सा चमकता मुखड़ा तुम्हारा
फूलो सी महाकती बदन
जितना भी देख लू तुम्हे
होता नही सबर

तू मेरा वो चांद है
जिसके निकलने का
बेसब्री से इंतजार रहता है

चांद को देख कर पता चलता है
खूबसूरत चीज पाना कितना मुस्किल है

तुम भी बिलकुल चांद की तरह हो
नूर भी गुरुर भी और दूर भी

तारे तो बहुत है आसमान में
मगर हमे चांद प्यारा है
हसिनाए तो बहुत है इस जहा में
मगर हमे आपका साथ प्यारा है

तुम भी चांद की तरह हो
कभी दिखते हो कभी छुप जाते हो

चांद आधा हो या पूरा
नूर पूरा बिखेरता है

तुम जिद करो चांद की
और मैं तुम्हे आईना दिखा दूं

जहा तक मुमकिन है तुम्हारे साथ रहूंगा
हो ना सका तुम्हारी सुबह की सूरज
तो रात का चांद बनूंगा

लोगो को चांद निकलने का इंतजार होता है
और मुझे तेरा छत पे आने का

ना चाह कर भी मेरे लब पर
फरियाद आ जाती है
ए चांद सामने न आ
किसी की याद आ जाती है

लगता है चांद सूरज की
आपस में बनती नही
तभी तो एक छुप जाता है
दूसरे के आने के बाद

आखिर क्यों न देखे चांद को
एक ये ही देख कर तेरी याद आती है

तुम भी ईद की चांद की तरह हो गए हो
कोई तुम्हारा बेसब्री से इंतजार करता है
और तुम आने में देरी करते हो

ए चांद तू ईद के दिन
जरा जल्दी आ जाया कर
कोई भूख प्यास छोड़ के
इंतजार करता है तेरे दीदार को

मैं तपता सूरज सा
तुम मुझे सीतल करने वाला चांद हो
जिसे कभी खोना नही चाहता
तुम मेरा वो प्यार हो

आज टूटेगा गुरुर चांद का
तुम देखना यारो, मैने उन्हे
छत वो बुला रखा है

जब चांद निकले तो
तुम भी छत पे आ जाया करो
चांद के दीदार के बहाने
तुम्हे देख लिया करूंगा

चांद भी फीका लगने लगता है
तेरे दीदार के बाद
खुदा भी हैरान है हम दोनो को
साथ देखने के बाद

एक चांद है आसमान पर
जिसके सब दीवाने है
एक चांद सिर्फ जमीन पर
जो सिर्फ हमारा है

पूछो इस चांद से हम
तुम्हारे बिन कैसे जीते है
बैठ के छत पे सिर्फ
चांद को निहारते है

मैं वो चांद जिसका
ना कोई आसमान

तुम थोड़ा कम मुस्कुराया करो
वरना डूब मरेंगे तुम्हारे
गालों के गढ्ढों में

रात के अंधेरे में भी
हसीन हो जाती है
जब चांद बिखेरता है रोशनी

लोगो के लिए चांद आसमान पे है
और मेरा चांद मेरे पास है

हमेशा साथ रहे हम दोनो
जैसे जोड़ी चांद सितारों की
तुम आओ तो महक उठे आंगन
जैसे खुशबू फूल बाहरों की

वो चांद कह के गया था
की आज निकलेगा तो
इंतजार में बैठा हूं शाम से ही

तुम्हे देखा तो लगा
चांद जमीन पर उतर गया है
रात हुई तो एहसास हुआ
खुदा ने दूसरा चांद बनाया है

सूरज चांद सितारे मेरे साथ रहे
जब तक तेरे हाथ मेरे हाथ में रहे

रात भर आसमान में
हम चांद ढूढते रहे
चांद चुपके से मेरे
आंगन में उतर आया

सबको चांद आसमान में दिखाई देता है
मुझे चांद एक छत पे दिखाई देता है

जब वो मेरे घर से होकर निकला
तो दिल ने कहा गली में
आज चांद निकला

कोन कहता है चांद सिर्फ
आसमान में निकलता है
कभी मेरे महबूब से मिलकर देखो

चांद सिर्फ रातों को कमाल लगता है
तुम तो दिन में भी कहर ढाती हो

बेचैन इस कदर था की
सोया ना रात भर
पलको से लिख रहा था
तुम्हारा नाम चांद पर

हमारे हाथो में एक शक्ल चांद जैसी थी
तुम्हे कैसे बताए वो रात कैसी थी

चांद सा सनम मेरा
कभी दिखते है कभी छुप जाते है

रात का चांद आसमान में
निकला है साथ में सितारों की
बारात लाया है

ए चांद तू क्यों फिरता है
रातों को मेरी तरह
क्या तेरा मेहबूब भी
है खो गया कही

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