“100+ Dil Shayari” is a collection that delves into the complex landscape of the heart. With verses brimming with emotion, these shayaris explore the intricacies of love, pain, joy, and longing. The compilation encapsulates the essence of the human heart, portraying its vulnerabilities and strengths in eloquent words. Each verse paints a vivid picture of feelings, from the depths of passion to the pangs of heartache, offering a glimpse into the innermost chambers of the soul. Through its poetic grace, this collection captures the diverse shades of the heart’s journey, resonating with readers who seek to understand and express the myriad emotions that define our existence.
Dil Shayari
आरज़ू के दीए दिल में जलते रहेंगे,
मेरी आँखों से आंसू निकलते रहेंगे,
दिल में रौशनी तो करो तुम शमा बन के,
मोम बनकर हम यूं ही पिघलते रहेंगे।
दिल-ए-तबाह को ज़ख़्मों की कुछ कमी तो नहीं,
मगर है दिल की तमन्ना कि तुम फिर से वार करो।
दिल की कीमत तो मोहब्बत के सिवा कुछ न थी,
जितने भी मिले… सूरत के खरीदार मिले।
न हम रहे दिल लगाने के काबिल,
न दिल रहा ग़म उठाने के काबिल,
लगे उसकी यादों के जो ज़ख़्म दिल पर,
न छोड़ा उसने मुस्कुराने के काबिल।
मानता ही नहीं कमबख्त दिल उसे चाहने से,
मैं हाथ जोड़ता हूँ तो ये गले पड़ जाता है।
होती नहीं है मोहब्बत सूरत से,
मोहब्बत तो दिल से होती है,
सूरत उनकी खुद-ब-खुद लगती है प्यारी,
कदर जिनकी दिल में होती है।
कोई काम करना है,
तो दिल से करो,नहीं तो मत करो.
तेरा नाम था आज अजनबी की जुबान पर,
बात जरा सी थी पर दिल ने बुरा मान लिया।
इस दिल की सरहद को पार न करना,
नाज़ुक है मेरा दिल इस पर वार न करना,
खुद से बढ़कर भरोसा किया है तुम पर,
इस भरोसे को तुम बेकार न करना।
दिल तुम्हें चाहता है ये कैसे बताऊ,
इंतज़ार की ये घड़ियां कैसे बिताऊ।
जितना तुम तड़पते हो, उतना हम भी है तड़पते
कब आएंगे वो दिन, जब तुमसे रिश्ता निभाऐंगे।
अपने आँचल से बाँध लूं दिल को,कहीं तेरे ख्यालों के साथ उड़ न जाये,थाम लूँ हाथ इसका कसकर,कहीं तेरी यादों में राह से मुड़ न जाये।
इस दिल की दास्ताँ भी बड़ी अजीब होती है,
बड़ी मुश्किल से इसे ख़ुशी नसीब होती है,
किसी के पास आने पर ख़ुशी हो न हो,
पर दूर जाने पर बड़ी तकलीफ होती है।
समझाउंगी इसे प्यार से,
बहलाउंगी अलग-अलग अंदाज़ से,
अपन गले से लगाकर रखूंगी इसे,
कहीं तेरे दिल से फिर न जुड़ जाये।
तू ही बता ए दिल कि तुझे समझाऊं कैसे,
जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे,
यूँ तो हर तमन्ना हर एहसास है वो मेरा,
मगर उस एहसास को ये एहसास दिलाऊं कैसे।
इजहार-ए-इश्क करूं या पूछ लूं तबियत उनकी,
ऐ दिल कोई तो बहाना बता उनसे बात करने का।
इश्क़ हारा है तो दिल थाम के क्यों बैठे हो,
तुम तो हर बात पर कहते थे कोई बात नहीं।
फिर वही दिल की गुज़ारिश,
फिर वही उनका ग़ुरूर,
फिर वही उनकी शरारत,
फिर वही मेरा कुसूर।
यूँ तसल्ली दे रहे हैं हम दिल-ए-बीमार को,
जिस तरह थामे कोई गिरती हुई दीवार को।
दिल बेशक मेरा तुमसे दूर है,
पर तुम मेरे दिल के अभी भी पास हो.
दिल की बात है दिल ही समझेगा,
दिमाग लगाओगे तो काम बिगड़ेगाइतना भी क्या सोचना प्यार में ,
अगर है प्यार तो दिल हां कहेगा।
तू ही बता ए दिल कि तुझे समझाऊं कैसे,
जिसे चाहता है तू उसे नज़दीक लाऊँ कैसे,
यूँ तो हर तमन्ना हर एहसास है वो मेरा,
मगर उस एहसास को ये एहसास दिलाऊं कैसे।
दिल की कीमत तो मोहब्बत के सिवा कुछ न थी,
जितने भी मिले… सूरत के खरीदार मिले।