Taqdeer Shayari, a soul-stirring form of Urdu and Hindi poetry, delves into the concept of fate and destiny. This genre of Shayari contemplates the intricate web of life’s predestined events and the inexplicable twists of fate that shape our journey. Through poignant verses, Taqdeer Shayari muses on the highs and lows of life, the encounters with joy and sorrow, and the power of acceptance in the face of uncertainties. With a touch of mysticism and a profound understanding of human experiences, these poetic expressions offer solace to those grappling with life’s unpredictable turns.
Taqdeer Shayari celebrates the idea that destiny has its course, but our resilience and spirits determine how we navigate the path ahead. In its poetic brilliance, this genre continues to enchant readers, comforting hearts with the notion that every twist of fate holds a deeper purpose and meaning in the grand tapestry of life.
Taqdeer Shayari
ख़ुदी को कर बुलंद इतना कि
हर तक़दीर से पहले
ख़ुदा बंदे से ख़ुद पूछे
बता तेरी रज़ा क्या है~इक़बाल
अपने प्यार को देख कर
अक्सर ये एहसास होता है,
जो तक़दीर में नहीं होता
वही इंसान ख़ास होता है.
देख कर मेरा नशीब मेरी तकदीर रोने लगी
लहू के अल्फाज़ देखकर तहरीर रोने लगी
हिज्र में दीवाने की हालत कुछ ऐसी हुई
सूरत को देखकर खुद तस्वीर रोने लगी
चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली
कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली
उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे
शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली।
तेरे दामन में गुलिस्तान भी हैं वीराने भी,
मेरा हासिल मेरी तकदीर बता दे मुझको.
टूट कर चाहने वालो के दिल क्यों टूटते हैं ….
इश्क की राहों में ही ज्यादा कांटे क्यों मिलते हैं !
जिनके दिल मिलते हैं …..
उनके तकदीर क्यों नही मिलते हैं !!
राहों में सिर्फ पत्थर ही क्यों मिलते हैं ….
एक पल की ख़ुशी के लिए तड़प जाते वो हैं !!!
उन्हें बहाने के लिए सिर्फ आंसू मिलते हैं ….
प्यार के फूल तो उनके लिए बागों में भी नही खिलते हैं !!!!
तक़दीर लिखने वाले एक एहसान कर दे
मेरे दोस्त की तक़दीर में एक और मुस्कान लिख दे
न मिले कभी दर्द उनको
तू चाहे तो उसकी किस्मत मैं मेरी जान लिख दे
तक़दीर के आईने में मेरी तस्वीर खो गई आज
हमेशा के लिए मेरी रूह सो गई मोहब्बत
करके क्या पाया मैंने वो कल मेरी थी
आज किसी और की हो गई….!
मुझे मालूम है मेरा मुक़द्दर तुम नहीं,
लेकिन मेरी तक़दीर से
छुप कर मेरे इक बार हो जाओ.
अपनी तकदीर में तो कुछ ऐसे ही सिलसिले लिखे हैं;
किसी ने वक़्त गुजारने के लिए अपना बनाया;
तो किसी ने अपना बनाकर ‘वक़्त’ गुजार लिया!
प्यार की कली सबके लिए खिलती नहीं
चाहने पर हर एक चीज मिलती नहीं
सच्चा प्यार किस्मत से ही मिलता है
और हर किसी को ऐसी तकदीर मिलती नहीं
मुझे मालूम है
मेरा मुक़द्दर तुम नहीं… लेकिन….
मेरी तक़दीर से छुप कर
मेरे इक बार हो जाओ..!!
ये तकदीर भी अजीब चीज़ है दोस्तों..
इनके दायरे में बस कमाल होता है !!
किसी की तकदीर अगर रूठ जाये
उसको कोई भी किनारा नहीं मिलता
गैरों की बात ही छोड़ो दोस्तों
अपनों का भी सहारा नहीं मिलता
कड़ी से कड़ी जोङते
जाओ तो जंजीर बन जाती है,
मेहनत पे मेहनत करो
तो तक़दीर बन जाती है !
सांसों में बगावत का सुख़न बोल रहा है,
तक़दीर के फ़र्ज़ंद का दिल डोल रहा है.
ज़िन्दगी तस्वीर भी है और तकदीर भी!
फर्क तो रंगों का है!
मनचाहे रंगों से बने तो तस्वीर;
और अनजाने रंगों से बने तो तकदीर!
मेरी मोहब्बत की तक़दीर देखो
जो रूठे थे उनके पैगाम आ रहे हैं
जब मार डाला मेरी प्यास ने मुझको
वो आँखों में लेकर जाम आ रहे हैं
हमारी रहगुज़र मे देखो
कया हम पे गुजर रही है ,
हम तो लिख रहे है तक़दीर
मगर जाने कयो हर तस्वीर बदल रही है
कभी जो मुझे हक मिला
अपनी तकदीर लिखने का
कसम खुदा की तेरा नाम
लिख कर कलम तोड़ दूंगा
लिखी खुदा ने मोहब्बत सबकी तक़दीर में,
हमारी बारी आई तो स्याही ही ख़त्म हो गई.
तक़दीर के पन्ने ख़ाली हैं
औरभरे हैं हाथ लकीरों से..
वो मुझे, हर जगह मिला,
एक मेरी, तकदीर के सिवा.l
क्या गजब की तकदीर पायी है
उस इंसान ने
जिसने तुझसे मोहोब्बत भी नही की
और तुझे पा लिया ..
ये बात और है
के तक़दीर लिपट के रोई वरना
बाज़ू तो हमनें तुम्हे देख कर ही फैलाए थे
“कुछ इस तरह से बुनेंगे
हम अपनी तक़दीर के धागे,
की अच्छे अच्छो को
झुकना पड़ेगा हमारे आगे.
क्या पानी पे लिखी थी
मेरी तकदीर मेरे मालिक,
हर ख्वाब बह जाता है,
मेरे रंग भरने से पहले ही…
इश्क करना तो लगता है जैसे
मौत से भी बड़ी एक सजा है
क्या किसी से शिकायत करें हम
जब अपनी तकदीर ही बेवफा निकली
तमन्नाओ की महफ़िल तो हर कोई सजाता है,
पूरी उसकी होती है जो “तक़दीर” लेकर आता है.
प्यार तो तकदीर में
लिखा होता है…
किसी के लिए तड़पने से
कोई अपना नहीं होता है,,,
कुछ हार गयी तकदीर कुछ टूट गए सपने;
कुछ गैरों ने बर्बाद किया कुछ छोड़ गए अपने!
कुछ इस तरह बुनेंगे हम अपनी तकदीर के धागे,
कि अच्छे अच्छो को झुकना पड़ेगा हमारे आगे.
Latest Taqdeer Shayari in Hindi
कितने मज़बूर है हम तकदीर के हाथो..
ना तुम्हे पाने की औकात रखतेँ हैँ,
और ना तुम्हे खोने का हौसला.!!
मेरी झोली मे कुछ
अल्फ़ाज़ दुआ के डाल दो
क्या पता तुम्हारे लब हिले
और मेरी तक़दीर संवर जाऐ
तेरे दामन में गुलिस्ता भी है, वीराने भी
मेरा हासिल मेरी तक़दीर बता दे मुझको
तकदीर लिखने वाले एक एहसान लिख दे,
मेरे प्यार की तकदीर में मुस्कान लिख दे,
ना मिले जिंदगी में कभी भी दर्द उसको,
चाहे उसकी किस्मत में मेरी जान लिख दे।
तक़दीर ने हमें आज़माया बहुत
हमने उसे मनाया बहुत
जिसकी ज़िंदगी ख़ुशियों से
सजा दी उसी शख़्स नें हमें रुलाया बहुत
जहाँ जहाँ लिखीं मेरी किरदार में ज़िल्लतें…
वहीँ वहीँ लिए फिरती है ये तक़दीर मुझे
वो अपनी निगाहों से हमें मार गये,
हम तकदीर की अदाकारी से हार गये.
वक़्त मेरी तबाही पे हँसता रहा बार बार,
नजाने रंग मेरी तकदीर क्या क्या बदलती रही.
मेहरबानी जाते-जाते मुझपे कर गया
गुज़रता सा लम्हा एक दामन भर गया
तेरा नज़ारा मिला, रौशन सितारा मिला
तक़दीर की कश्तियों को किनारा मिला
मैं तेरे नसीब की बारिस नहीं
जो तुज पे बरस जाऊ।।
तुझे तक़दीर बदल नि
होगी मुझे पाने के लिए ।
तेरे दामन में गुलिस्तां भी है वीराने भी,
मेरा हासिल मेरी तकदीर बता दे मुझको.
अपनी तक़दीर की आजमाइश ना कर
अपने गमो की नुमाइश ना कर
जो तेरा है तेरे पास खुद आएगा
रोज रोज उसे पाने की ख्वाहिश ना कर
हाथों की लकीरों पर
बराबर विश्वास नही करना चाहिए
तक़दीर तो उनकी भी
होती है जिनके हाथ नही होते
नाकामी का इमकान भी मुम्किन ना रहेगा,
तक़दीर से मिल कर कोई तदबीर करेंगे.