100+ Mirza Ghalib Shayari in Hindi

Immerse yourself in the profound world of Mirza Ghalib with 100+ Mirza Ghalib Shayari in Hindi. This mesmerizing collection of poetic gems showcases the brilliance of one of Urdu literature’s greatest poets. From exploring the depths of love and longing to contemplating life’s mysteries, Ghalib’s Shayaris resonate with raw emotions and philosophical insights. With their exquisite words and profound imagery, they transport you to a world of beauty, passion, and introspection. Whether you appreciate the nuances of Urdu poetry or seek solace in the power of words, these Shayaris are a true delight. Share them with fellow poetry lovers, savor them in quiet moments, or explore the vast treasure of Ghalib’s verses to uncover the hidden layers of his genius. Let the timeless wisdom of Mirza Ghalib touch your soul and ignite your love for Urdu poetry.

Mirza Ghalib Shayari

इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया,

वर्ना हम भी आदमी थे काम के।

तेरे वादे पर जिये हम

तो यह जान,झूठ जाना

कि ख़ुशी से मर न जाते

अगर एतबार होता ..

Mirza Ghalib

तुम अपने शिकवे की बातें

न खोद खोद के पूछो

हज़र करो मिरे दिल से

कि उस में आग दबी है..

तू ने कसम मय-कशी की खाई है ‘ग़ालिब’

तेरी कसम का कुछ एतिबार नही है..!

मोहब्बत में नही फर्क जीने और मरने का

उसी को देखकर जीते है जिस ‘काफ़िर’ पे दम निकले.

मगर लिखवाए कोई उस को खत

तो हम से लिखवाए

हुई सुब्ह और

घरसे कान पर रख कर कलम निकले.

मरते है आरज़ू में मरने की

मौत आती है पर नही आती,

काबा किस मुँह से जाओगे ‘ग़ालिब’

शर्म तुमको मगर नही आती ।

कहाँ मयखाने का दरवाज़ा ‘ग़ालिब’ और कहाँ वाइज

पर इतना जानते है कल वो जाता था के हम निकले.

बना कर फकीरों का हम भेस ग़ालिब

तमाशा-ए-अहल-ए-करम देखते है.।

तेरे वादे पर जिये हम, तो यह जान झूठ जाना,

कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर एतबार होता ।

Mirza Ghalib

उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़।

वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है।।

काबा किस मुँह से जाओगे ‘ग़ालिब’।

शर्म तुम को मगर नहीं आती।।

दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है।

आख़िर इस दर्द की दवा क्या है।।

इश्क़ पर जोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’।

कि लगाये न लगे और बुझाये न बुझे।।

इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना।

दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना।।

दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई।

दोनों को इक अदा में रज़ामंद कर गई।।

दर्द मिन्नत-कश-ए-दवा न हुआ।

मैं न अच्छा हुआ बुरा न हुआ।।

आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक।

कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक।।

क़र्ज़ की पीते थे मय लेकिन समझते थे कि हां।

रंग लावेगी हमारी फ़ाक़ा-मस्ती एक दिन।।

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का।

उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले।।

कितना ख़ौफ होता है शाम के अंधेरों में।

पूछ उन परिंदों से जिनके घर नहीं होते।।

Mirza Ghalib

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले।

बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले।।

हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे।

कहते हैं कि ‘ग़ालिब’ का है अंदाज़-ए-बयाँ और।।

न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता।

डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता।।

दर्द जब दिल में हो तो दवा कीजिए।

दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजिए।।

हाथों की लकीरों पे मत जा ऐ गालिब।

नसीब उनके भी होते हैं जिनके हाथ नहीं होते।।

रही न ताक़त-ए-गुफ़्तार और अगर हो भी।

तो किस उम्मीद पे कहिये के आरज़ू क्या है।।

नज़र लगे न कहीं उसके दस्त-ओ-बाज़ू को।

ये लोग क्यूँ मेरे ज़ख़्मे जिगर को देखते हैं।।

तेरे वादे पर जिये हम, तो यह जान, झूठ जाना।

कि ख़ुशी से मर न जाते, अगर एतबार होता।।

हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन।

दिल के खुश रखने को ‘ग़ालिब’ ये ख़्याल अच्छा है।।

ज़िन्दगी से हम अपनी कुछ उधार नही लेते,

कफ़न भी लेते है तो अपनी ज़िन्दगी देकर।

Mirza Ghalib in Hindi

हम न बदलेंगे वक़्त की रफ़्तार के साथ,

जब भी मिलेंगे अंदाज पुराना होगा।

खैरात में मिली ख़ुशी मुझे अच्छी नहीं लगती ग़ालिब,

मैं अपने दुखों में रहता हु नवावो की तरह।

हम तो फना हो गए उसकी आंखे देखकर गालिब,

न जाने वो आइना कैसे देखते होंगे।

दर्द जब दिल में हो तो दवा कीजिए,

दिल ही जब दर्द हो तो क्या कीजिए।

बस कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना

आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना

मैं नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिब

यह न सोचा के

एक दिन अपनी साँस भी बेवफा हो जाएगी

फ़िक्र-ए-दुनिया में सर खपाता हूँ

मैं कहाँ और ये वबाल कहाँ !!

वो जो काँटों का राज़दार नहीं,

फ़स्ल-ए-गुल का भी पास-दार नहीं !!

तू मिला है तो ये अहसास हुआ है मुझको,

ये मेरी उम्र मोहब्बत के लिए थोड़ी है

हम जो सबका दिल रखते हैं

सुनो, हम भी एक दिल रखते हैं

खुद को मनवाने का मुझको भी हुनर आता है

मैं वह कतरा हूं समंदर मेरे घर आता है

कुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होता,

तुम न होते न सही ज़िक्र तुम्हारा होता !!

हम भी दुश्मन तो नहीं हैं अपने

ग़ैर को तुझ से मोहब्बत ही सही

की वफ़ा हम से, तो गैर उसको जफ़ा कहते हैं

होती आई है, कि अच्छो को बुरा कहते हैं

उम्र भर देखा किये, मरने की राह

मर गये पर, देखिये, दिखलाएँ क्या

हमारे शहर में गर्मी का यह आलम है ग़ालिब

कपड़ा धोते ही सूख जाता है

पहनते ही भीग जाता है

लोग कहते है दर्द है मेरे दिल में ,

और हम थक गए मुस्कुराते मुस्कुराते

दिल ही तो है न संग-ओ-खिस्यार से डर, इलाज़ इम्तिहान लेकर होगा।

बस वक़्त का हैं इंतेज़ार इम्तिहान लेकर होगा।

दिल दहल जाए तो क्या करें, रोज़ मिलते हैं नए ग़म,

यही जीने का तरीका है, हर किसी को इन्तेज़ार लेकर होगा।

खुशी रे तो कुछ भी नहीं खास, ग़म रे तो सब कुछ है बेहद खास,

ये ज़िंदगी भी क्या ज़िंदगी है, जो हर लम्हा इक नया इलाज़ चाहती है।

ग़ालिब, कहूं तो बातें भी बहुत हैं चीज़ें हमसे,

मगर जब से वो कहीं हैं, कहती बहुत कुछ हैं हमसे।

इश्क़ में ग़ालिब इतना कहता हूँ रंग तो है फिर भी उदासी में हूँ,

अब तो हर रंग है बेख़ौफ छोड़, सब सिर्फ काला नज़र आता हूँ।

दिल ही तो है न संग-ओ-खिस्यार से डर, इलाज़ इम्तिहान लेकर होगा,

बस वक़्त का हैं इंतेज़ार इम्तिहान लेकर होगा।

आहिस्ता चल इन्तज़ार में हूँ,

कहीं ख्वाबों की दुनिया में हूँ।

उम्र भर गरीबों का ही सहारा मिलता रहा,

खुदा जब बना दोस्त, दुनिया से कुछ नहीं मिला।

हमने माना कि तबीयत नहीं कुछ बदली बदली सी है,

मगर इतना नहीं कि तू अब भी खफा न हो।

कितनी शिकायत हैं उनसे मुझे,

मगर कितना गिला भी है अपनी तक़दीर से।

वक्त की क़ीमत समझा नहीं करते,

लोग बिना वक्त गवा हुए ख़ुदा समझा नहीं करते।

तेरी मुस्कान की बातों में हैं कुछ बातें,

मेरे दिल को छू जाती हैं तेरी ये मुस्कानें।

हम तो तेरे दीवाने हैं, मगर शिकायत नहीं करते,

तू जब से मिली है, हम अब से हैं तेरे दीवाने।

रोज़ मिलते हैं हम नए लोग,

पर तू ही सिर्फ दिल में रहती है।

ख्वाबों में जो आएंगे, वो बातें करेंगे,

चाँदनी रातों में, हमसे मुलाकातें करेंगे।

दिल से तेरे दिल की तरह बातें करता हूँ,

मगर जब बातें करता हूँ, दिल मेरा रोता हूँ।

इश्क़ की राहों में रोज़ हैं मुश्किलें बहुत,

मगर हर मुश्किल को आसानी से हल करता हूँ।

बदलते वक़्त की राहों में हम,

अपनी मंजिल को हमेशा पा लेते हैं।

रातें लम्बी होती हैं, मगर सोने से पहले,

ख्वाबों में तेरे मुलाकातें होती हैं।

दिल की बातें दिल से सुनने वाला कोई नहीं है,

हर बार तू ही मेरी ख्वाहिश है, कोई नहीं है।

जिंदगी की राहों में हमेशा रोशनी हो,

ताकि हम हमेशा सच्चे मार्ग पर चले।

हर ख्वाहिश पूरी होती नहीं,

मगर हर ख्वाहिश का असर होता है।

दिल की बातें हमेशा दिल से करो,

क्योंकि दिल की आँखें सब कुछ कह जाती हैं।

मोहब्बत में हर रिश्ता नहीं बनता,

मगर जो बनता है, वो हमेशा सच्चा होता है।

दुनिया में हर कोई खुश नहीं होता,

मगर खुशियाँ हमेशा मुस्कान से शुरू होती हैं।

ज़िन्दगी की हर कहानी में होता है कोई सच,

मगर सच बयां होता है शायरी की ज़ुबानी में।

बेहद खास है तेरी मुस्कान,

जो दिल को बेहद खुश कर देती है।

रातों की चाँदनी में तेरी बातें,

मेरे दिल को छू जाती हैं, रातों की रातें।

इश्क़ में जो तुझसे मिला है,

वो कुछ भी नहीं, सब कुछ है मेरे लिए।

जिंदगी का सबसे हसीं रंग है इश्क़,

जिसमें हर रोज़ कुछ नया सबकुछ हसीं है।

दिल की बातों को समझना मुश्किल है,

मगर तेरी मुस्कान में सब कुछ साफ़ है।

ख्वाबों में तुझे पाना है मेरी रातों की राह,

इन रातों को तेरी तस्वीरों से सवारा करना है।

इश्क़ का सफर है बेहद लम्बा,

मगर जो बीत जाए, वही सबसे प्यारा होता है।

रिश्तों की मिठास में है बेहद अद्वितीयता,

जैसे गुड़ में गुड़ और चाशनी में मिठास होती है।

जीवन का हर पल है कुछ खास,

मगर जो तेरे साथ होता है, वही सबसे खास होता है।

हर किसी की मुसीबतें अद्वितीय होती हैं,

मगर जो उन्हें साथ बिताते हैं, वही सही दोस्त होते हैं।

रिश्तों में भरा है इश्क़ का जहाँ,

हर कोई एक दूसरे के लिए है महान।

दिल की बातें जो हमेशा छुपी रहती हैं,

उन्हें एक दूसरे से कहना ही इश्क़ है।

रातों की तन्हाई में है अलग ही मज़ा,

तुझसे मिलकर होता है दिल का सवालीया राजा।

चेहरे की हंसी और दिल की बातें,

ये हैं वो कहानियाँ जो शब्दों में कही नहीं जा सकतीं।

दिल से दिल मिला करो, इश्क़ की बातें करो,

क्योंकि इश्क़ ही तो है, जो सब कुछ बोल जाता है।

ज़िन्दगी की राहों में हमेशा दोस्ती रहे,

क्योंकि दोस्ती ही तो है, जो हमेशा साथ रहे।

राहों में कभी हम, कभी तुम, बस साथ चलना है,

मुसीबतों को हमारे साथ हमेशा हो।

दिल की धड़कन तेरे नाम है,

तू मेरी जिंदगी का हर सवाल है।

Leave a Comment