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Khwab Shayari
प्यार का ज़ज़्बा भी
क्या क्या ख्वाब दिखा देता है,
अजनबी चेहरों को महबूब बना देता है।
सोने लगा हूँ तुझे ख्वाब
में देखने कि हसरत ले कर,
दुआ करना कोई जगा
ना दे तेरे दीदार से पहले।
काश उनका चेहरा आता रोज
हमारे ख्वाब में, मर जाते पर नींद
से उठने की जुर्रत नहीं करते।
एक मुस्कान तू मुझे एक बार दे दे,
ख्वाब में ही सही, एक दीदार दे दे,
बस एक बार कर लें तू आने का वादा,
फिर उम्र भर का चाहे इंतजार दे दे।
मेरे ख्वाबो को अब बिखरने न देना,
बहुत प्यार से थामा है,
तेरे हाथो को, अपने हाथों में।
जो इस दुनिया में नहीं मिलते
वो फिर किस दुनिया में मिलेंगे जनाब
बस यही सोचकर रब ने एक दुनिया बनायी
जिसे कहते हैं ख्वाब।
कभी तुम्हारी याद आती है,
कभी तुम्हारे ख्वाब आते है,
मुझे सताने के सलीके तो
तुम्हें बेहिसाब आते है।
रोज़ वो ख़्वाब में आते हैं
गले मिलने को,
मैं जो सोता हूँ तो जाग
उठती है किस्मत मेरी।
कुछ ख़ास फर्क नहीं पड़ता
अब ख्वाब अधूरे रहने पर
बहुत करीब से कुछ
सपनो को टूटते देखा है।
एक ख्वाब गया मेरे संग रात बिताकर,
टूट गया वो भी मुझे ख्वाब दिखाकर।l
जब निभाने ही नहीं थे,
तो क्यों दिखाए थे इतने ख्वाब,
अब ये शिकायत मुझे,
तुमसे उम्र भर रहेगी।
जीते जी एक ख्वाब नजर में
रह गया प्यार किया जिससे
वो हमसे बेखबर गया।
आ भी जाओ मेरी आँखों के
रूबरू अब तुम, कितना ख्वावों में
तुझे और तलाशा जाए
बहोत सारे ख्वाब अधूरे है मेरे।
चाहत हुई ना मुकम्मल,
बस चाहने के ख्याल रह गए हैं,
ना वो आए, ना उसकी कोई खबर,
बस ख्वाब रह गए हैं।
सोचता हूँ इस दिल में
एक कब्रिस्तान बना लूँ,
सारे ख्वाब मर रहे हैँ
एक एक करके।
मुझे मौत से डरा मत,
कई बार मर चुका हूँ,
किसी मौत से नहीं कम
कोई ख्वाब टूट जाना।
हमसफ़र न बन सके,
हमराज़ बन कर रह गए,
तुम हमारी हसरतों का,
ख्वाब बन कर रह गए!
बस यही दो मसले जिंदगी
भर ना हल हुए ना नींद पूरी हुई
ना ख्वाब मुकम्मल हुए।
तेरे ख़्वाबों की लत लगी जब से
रात का इंतिज़ार रहता है।
खुदा का शुक्र है कि उसने ख्वाब बना दिए
वरना तुम्हें देखने की हसरत रेह ही जाती।
ज्यादा ख्वाब मत बुनिये,
मिलेगा वही जो मंजूरे खुदा होगा।
आँखों में नहीं, दिल में तुझे बसाया है,
जागती आँखों में ख्वाब तुम्हारा सजाया है।
तुम ख़्वाबों में आकर बड़ा सताते हो,
खुद चैन से सोते हो और मुझे जगाते हो।
माजरा क्या है ये भी बता दो
आजकल ख्वाबों मे छा जाते हो।
पूरा नहीं हुआ ,तो क्या हुआ,
दिखाने वाले तेरा ख्वाब अच्छा था।
कोई बताएगा कैसे दफनाते हैं उनको,
वो ख्वाब जो दिल में ही मर जाते हैं।
किताबों के पन्नो को पलट के सोचता है,
यूँ पलट जाए मेरी ज़िंदगी तो क्या बात है,
ख्वाबों में रोज मिलता है जो,
हक़ीकत में आए तो क्या बात है।
ये ख्वाब झूठे है और ये ख्वाहिशें अधूरी है,
मगर ज़िंदा रेहने के लिए
कुछ ग़लत-फ़ेहमियाँ भी ज़रूरी है।
पूरा अब मेरा ये ख़्वाब हो जाये,
लिख दू उनके दिल पे किताब हो जाये,
ना मयकदे की जरूरत हो ना मयखाने की
अगर नज़र से पिला दो शराब हो जाये।
मेरा हर ख्वाब आज हकीकत बन जाये,
जो हो बस तुम्हारे साथ ऐसी जिंदगी बन जाये,
हम लाये लाखो में एक गुलाब तुम्हारे लिए,
और ये गुलाब मोहब्बत की शुरुआत बन जाये।
हर रात हसीन रात हो
बस एक अगर तेरा साथ हो
बीते मेरा हर लम्हा खूबसूरत
जैसे कोई हसीन ख्व़ाब हो।
तेरे ख्वाबों का भी है शौक़
तेरी यादों में भी है मज़ा,
समझ नहीं आता सोकर तेरा दीदार
करूँ या जाग कर तुम्हें याद।
ख़्वाब जितने भी थे जल गए सारे
अब इन आँखों में नमी के सिवा
कुछ भी नही।
ताबीर जो मिल जाती तो एक ख्वाब बहुत था,
जो शख्स गँवा बैठे है नायाब बहुत था,
मै कैसे बचा लेता भला कश्ती-ए-दिल को,
दरिया-ए-मोहब्बत में सैलाब बहुत था।
कल रात भर मैं ख्वाब में
उसके आगोश में रहा,
ख्वाब ही सही, मगर
कुछ पल तो मैं उसका रहा।
छु जाते हो तुम मुझे हर रोज़
एक नया ख्वाब बनकर,
ये दुनिया तो खामखा केहती है
कि तुम मेरे करीब नहीं।
दब गई थी नींद,
कहीं करवटों के बीच,
दर पर खड़े रहे,
कुछ ख्वाब रात भर।
ख्वाब मनुष्य को जीने नहीं देता,
और मनुष्य ख्वाब को कभी मरने नहीं देता।
मेरे आँखों के ख्वाब, दिल के अरमान हो तुम,
तुम से ही तो मैं हूँ, मेरी पहचान हो तुम,
मैं ज़मीन हूँ अगर तो मेरे आसमान हो तुम,
सच मानो मेरे लिए तो सारा जहां हो तुम।