100+ Kabir Das Quotes in Hindi

Kabir Das, a 15th-century Indian mystic poet and saint, is renowned for his profound philosophical verses and spiritual teachings. His timeless words have transcended centuries, resonating with people from all walks of life. The richness and simplicity of his verses make them accessible to both the scholarly and the common folk, carrying messages of love, truth, and inner awakening. In this collection of 100+ Kabir Das quotes, one can explore the essence of his teachings that revolve around universal truths and the pursuit of self-realization. Kabir’s poetry is deeply rooted in the idea of oneness, emphasizing the unity of all beings and the ultimate truth that lies within each individual. His verses often serve as a mirror to reflect upon the human condition, urging people to look within and discover their true selves. Through his dohas (couplets) and bhajans (devotional songs), Kabir beautifully elucidates the impermanence of worldly pleasures and the significance of seeking spiritual enlightenment. He encourages detachment from material desires and a deeper connection with the divine. Kabir’s verses are not confined to any particular religion but embrace the essence of humanity and the universality of the soul.

Kabir Das Quotes

सभी जानते हैं कि बूंद सागर में विलीन हो जाती है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि सागर बूंद में विलीन हो जाता है।

तुझमें जो नदी बहती है, वह मुझमें भी बहती है।

प्यार पेड़ों पर नहीं उगता है या बाजार में नहीं लाया जाता है, लेकिन अगर कोई “प्यार” होना चाहता है, तो पहले यह जानना होगा कि प्यार कैसे देना है।

यदि आप जीवित रहते हुए अपनी रस्सियों को नहीं तोड़ते हैं, तो क्या आपको लगता है कि भूत बाद में ऐसा करेंगे?

सूर्य मेरे भीतर है और चंद्रमा भी।

जीवन उस घूंघट को जीवन दें जो दिल को अस्पष्ट करता है, और वहां आपको वह मिलेगा जो आप ढूंढ रहे हैं।

खुद की तारीफ़ न करे दुसरो की निंदा न करें अभी बहुत दिन है कुछ भी हो सकता है।

आपने अपने प्रिय को छोड़ दिया है और दूसरों के बारे में सोच रहे हैं:
और इस कारण तुम्हारा परिश्रम व्यर्थ है।

श्रम का उदेश्य सीखना है जब आप इसेजानते हैं श्रम समाप्त हो गया है।

केवल ह्रदय में ही सत्य की दिव्य उपस्थिति का अनुभव किया जा सकता है।

अन्त में सुख के सागर में आ जाओ तो प्यासे न लौटना।

न यही आधीक बोलना अच्छा है न ही ज़रूरत से ज़्यादा चुप रहना ठीक है जैसे बहुत अधिक वर्षा भी अच्छा नहीं है वैसे बहुत अधिक धुप भी अच्छा नहीं है।

इस संसार का नियत यही है की जो उदय हुआ उसका अस्त भी होगा जो बिकसित हुआ वो मुरझा भी जाएगा जो छिना हुआ वो गिर पड़ेगा और जो आया है वो जाएगा।

आप लाखों-करोड़ों साल सोए हैं।
आज सुबह क्यों नहीं उठे?

अगर आप कुछ समझ नहीं पा रहे हैं, तो आपने इसे गलत तरीके से समझा है।

जहां आपकी योग्यता और गुणों का प्रयोग नहीं होता वंहा आपका रहना बेकार है जैसे ऐसे जगह धोबी का क्या काम जहां पर लोगो के पास पहनने के लिए कपडे ही नहीं हो।

दुःख के समय भगवान् को ही याद करते हैं ,परन्तु सुख के समय कोई नहीं याद करता है यदि सुख में भी भगवान् को याद किया तो दुःख हो ही क्यों।

जब मैं इस संसार में बुराई खोजने चला तो मझे कोई बुराई न मिला जब मैं अपने मन में झांक के देखा तब पाया मुझे बुरा कोई नहीं है।

सबके बारे में ज्यादा सोचो न किसी से ज्यादा दोस्ती रखो।

प्यार पेड़ों पर नहीं उगता है या बाजार में लाया जाता है, लेकिन अगर कोई “प्यार” करना चाहता है, तो उसे पहले बिना शर्त प्यार देना आना चाहिए।

गुरु का अस्थान इस्वर से भी ऊपर है क्योकि गुरु के शिक्षा के कारण ही भगवान के दरसन होते हैं।

जिस तरह चिड़ियाँ के चोंच भर पानी ले लेने से नदी के पानी में कोई कमी नहीं आती उसी तरह ज़रूरत मंद को दान देने से किसी के धन में कोई कमी नहीं आती।

सब्जी मंडी में अपने हीरे न खोलें उन्हें गट्ठर में बांधकर अपने ह्रदय में रखना और अपने मार्ग पर चलना।

पानी में मछली प्यास से लथपथ है: मैं इसके बारे में सुनता हूं और हंस पड़ता हूं। आप जिस चीज की तलाश कर रहे हैं वह घर पर है और फिर भी आप जंगल से जंगल में घूमते हैं, उदास से भरे हुए हैं

कबीर कहते हैं, केवल वे ही पवित्र हैं जिन्होंने अपनी सोच को पूरी तरह से शुद्ध किया है।

संसारी व्यक्ति का सरीर पक्षी बन गया है जहां उसका मन होता है शरीर वही उड़कर पहुंच जाता है सच यही है की जो जैसा साय करता है वह वैसा ही फल पाता है। ,

जो हमारी निंदा करता है उसे ज्यादातर अपने पास ही रखना चाहिए वो तो बिना साबुन और पानी की हमारी कमियां बताकर हमारे स्वाभाव को साफ़ करता है।

मेरे भगवान का महल इतना ऊंचा है, मेरा दिल इसकी सीढ़ियों पर चढ़ने के लिए कांपता है: फिर भी मुझे शर्म नहीं आनी चाहिए, अगर मैं उनके प्यार का आनंद लूंगा।

जो कल करना है उसे आज करे जो आज करना है उसे अभी करो कुछ ही समय में जीवन ख़त्म हो जाएगा फिर तुम क्या कर पाओगे।

अगर आप कुछ समझ नहीं पा रहें हैं तो आपने इसे गलत तरीके से समझा है।

जब मैंने अपने ह्रदय के भीतर दीपक को देखा तो सारा अँधेरा गायब हो गया।

मन में धीरज रखने से सबकुछ होता है अगर कोई माता किसी पेड़ को सौ घड़े पानी से सींचने लगे तब भी फल ऋतू आने पद ही लगेगा।

Leave a Comment