100+ Bollywood shayari in Hindi

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Bollywood shayari

गर्मी-ए-हसरत-ए-नाकाम से जल जाते हैं,
हम चिरागों की तरह शाम से जल जाते हैं,
शमा जिस आग में जलती है नुमाइश के लिए,
हम उसी आग में गुमनाम से जल जाते हैं।

नसीब अच्छे न हूँ तो खूबसूरती का किया फ़ायदा
दिलों के सहेन्सा अक्सर फकीर हुआ करते हैं

ता उम्र बस एक सबक याद रखिये
रिश्ते और इबादत में नियत साफ़ रखिये।

लगा कर आग सीने में चले हो कहा तुम
अभी तो राख उडने दो तमाशा और भी होगा

खुद को मसरूफ समझते हो जरा एक बात भी सुन लो
जिस दिन हम हुए मसरूफ तुम्हें सिकवा बहुत होगा।

गजब छाया सितम टूटा क़यामत हो गयी यहाँ
फ़क़त इनता ही पूछा था की तुम को प्यार है किया हम से

अचानक सामने देक कर कही सांस ना रुख जाये
मेरी आँखों से अपने हाथ हटाओ जरा आइश्ता आइश्ता

हकीकत में दर्द वो है जो दूसरों के दर्द देख कर मिले
वरना अपना दर्द तो जानवर को भी महेसूस होता है

तन्हाई में जो चूमता है मेरे नाम के हुरूफ़
महेफिल में वो सख्स मेरी तरफ देखता भी नहीं

मुझे से अब और तमाशा नहीं हो सकता
ले जा ये दिखावे की मुहब्बत और हसी

हम ने कहा अगर भूल जाओ हमें तो कमाल हा जाये
हम ने तो सिर्फ लफ्ज़ कहा और उसने तो कमाल कर दिया

धुप में निकलो घटाओ में नाहा कर देखो
ज़िन्दगी किया है किताबों को हटा कर देखो

एक तरफ यारों का प्यार था के खुल आँखें
एक तरफ मौत कहे रही थी अब तुझे सुना होगा

मैं आखीर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर दू
यहाँ हर एक मौसम को गुजर जाने कि जल्दी है

दिल को ज़ुबान, आँखों को सपने मिल गये…
आशिकी में, ज़िन्दगी को मैं मिल गये।

हमसे दूर जाओगे कैसे, दिल से हम में भुलाओगे कैसे…
हम वो खुशबू है जो सासों में बसते हैं, खुद की सासों को रोक पाओगे कैसे

अब तो बस धड़कनों का फैसला करते हैं,
क्या कहें इन दुनिया वालों को जो,
आखिरी सांस पर भी एतराज करते हैं।

एक पल में जो आकार गुजर जाए,

ये हवा का वो धोखा है और कुछ नहीं,
प्यार कहती है दुनिया जिसे,
एक रंगीन धोखा है और कुछ नहीं।

तुझे याद कर लिया है आयत की तरह…
अब तेरा जिक्र होगा इबादत की तरह।

तेरे दिल में मेरी सांसों को पनाह मिल जाए…तेरे इश्क में मेरी जान फना हो जाए।

फूल खिलते हैं बहारों का समा होता है,
ऐसे मौसम में ही तो प्यार जवान होता है।
दिल की बातों को होठों से नहीं कहते,
ये फसाना तो निगाहों से बयां होता है।

यूं नजर की बात है और दिल चुरा गए…
हम तो समझे थे बुद्दू, आप तो धड़कन सुन गए।

मोहब्बत को समझना है तो प्यारे खुद मोहब्बत कर…
किनारे से कभी अंदाज़-ए-तूफ़ान नहीं होता।

तू भोला भला है दिल, बेकार रुलाया जाएगा…
शोक हसीनों से मिलकर, वल्लाह बहुत पछताएगा।

जिंदगी कमाल होती है…उल्हाज जाए तो जान लेले…
सुलहज जाए तो बेमिसाल होती है।

अब के सावन में ये शरारत हमारे साथ हुई…
हमारा घर चोदके सारे शहर में बरसात हुई।

हम में तो अपनों ने लूटा, गैरों में कहां दम था…
मेरी किस्मत थी डूबी वहां, जहां पानी कम था।

काटे नहीं कटते लम्हे इंतजार के,
नजरें बिछाए बैठे हैं रस्ते पे यार के,
दिल ने कहा देखे जो जलवे हुस्न-ए-यार के,
लाया है उनको कौन फलक से उतार के।

इतनी शिद्दत से मैंने तुम्हें पाने की कोशिश की है…
हर जर्रे ने मुझे तुमसे मिलाने की कोशिश की है।

फूल हूं गुलाब का चमेली का मत समझना…आशिक हूं आपका अपनी सहेली का मत समझना।

मगर अब ये आलम है कि तू नहीं
तेरा गम तेरी जुस्तजू भी नहीं,
गुजर रही है कुछ इस तरह से जिंदगी जैसी
इसमें किसी के सहारे की आरजू भी नहीं।

हमसे दूर जाओगे कैसे, दिल से हम में भुलाओगे कैसे…
हम वो खुशबू है जो सासों में बसते हैं, खुद की सासों को रोक
पाओगे कैसे

तुझे याद कर लिया है आयत की तरह…
अब तेरा जिक्र होगा इबादत की तरह।

मोहब्बत हमने माना जिंदगी बर्बाद कर देती है…
ये क्या काम है कि मर जाने पर दुनिया याद करती है।

तेरी याद कर ली है आयत की तरह अब तेरा ज़िकर होगा इबादत की तरह
दोस्त तू हो गया है आयत की तरह तेरा जिक्र रहेगा तू आदत की तरह

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