Tum Badal Gaye Ho – Sad Shayari

Tum Badal Gaye Ho or You Have Changed is a poignant theme that resonates deeply within the realm of Sad Shayari, a poetic expression of sorrow and heartache. This particular genre of Shayari delves into the complex emotions associated with the transformation of a person, especially in the context of relationships. The phrase “Tum Badal Gaye Ho” encapsulates the realization that someone once known intimately has undergone a profound metamorphosis, altering the dynamics of a connection that was once cherished.

Sad Shayari

तुम्हारी तलाश में निकलूँ भी तो क्या फायदा..?
तुम बदल गए हो, खो गए होते तो और बात थी।

फलक के तारों से क्या दूर होगी जुल्मत-ए-शब,
जब अपने घर के चरागों से रोशनी न मिली।

तुझे फुर्सत ही न मिली मुझे पढ़ने की वरना,
हम तेरे शहर में बिकते रहे किताबों की तरह।

अधूरी हसरतों का आज भी इलज़ाम है तुम पर,
अगर तुम चाहते तो ये मोहब्बत ख़त्म ना होती।

राह-ए-वफ़ा में हम को ख़ुशी की तलाश थी,
दो कदम ही चले थे कि हर कदम पे रो पड़े।

सपनों से दिल लगाने की आदत नहीं रही,
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नहीं रही,
ये सोच के कि कोई मनाने नहीं आएगा,
अब हमको रूठ जाने की आदत नहीं रही।

प्यार का रस्ता इतना भी दुश्वार नहीं था,
बस तुमको हमारी चाहत पे ऐतबार नहीं था,
तुम ही चल न सके हमारे साथ वरना,
हमें तो जान देने से भी इन्कार नहीं था।

Tum Badal Gaye Ho – Love Shayari

रास्ते खुद ही तबाही के निकाले हमने,
कर दिया दिल किसी पत्थर के हवाले हमने,
हमें मालूम है क्या चीज है मोहब्बत यारो,
घर जला कर किये हैं उजाले हमने।

वो रोज़ देखता है डूबते सूरज को इस तरह,
काश… मैं भी किसी शाम का मंज़र होता।

ये तेरा खेल न बन जाए हक़ीकत एक दिन,
रेत पे लिख के मेरा नाम मिटाया न करो।

मिला क्या हमें सारी उम्र मोहब्बत करके,
बस एक शायरी का हुनर एक रातों का जगना।

बस ये हुआ कि उसने तकल्लुफ़ से बात की,
और हम ने रोते-रोते दुपट्टे भिगो लिए।

कल क्या खूब इश्क़ से इन्तकाम लिया मैंने,
कागज़ पर लिखा इश्क़ और उसे जला दिया।

औरों के पास जा के मेरी दास्तान न पूछ,
कुछ तो मेरे चेहरे पे लिखा हुआ भी देख।

टूट कर रह गया है खुद से रिश्ता अपना,
एक मुद्दत हुई कि देखा नहीं चेहरा अपना।

देखी है बेरुखी की आज हमने इन्तेहाँ,
हमपे नजर पड़ी तो वो महफ़िल से उठ गए।

क्या खूब ही होता अगर दुख रेत के होते,मुठ्ठी से गिरा देते… पैरो से उड़ा देते।

प्यास दिल की बुझाने वो कभी आया भी नहीं,
कैसा बादल है जिसका कोई साया भी नहीं,
बेरुख़ी इस से बड़ी और भला क्या होगी,
एक मुद्दत से हमें उसने सताया भी नहीं।

ये सिलसिला उल्फत का चलता ही रह गया,
दिल चाह में दिलबर के मचलता ही रह गया,
कुछ देर को जल के शमा खामोश हो गई,
परवाना मगर सदियों तक जलता ही रह गया।

रात भर मुझको ग़म-ए-यार ने सोने न दिया,
सुबह को खौफ़-ए-शब-ए-तार ने सोने न दिया,
शमा की तरह मेरी रात कटी सूली पर,
चैन से याद-ए-कद-ए-यार ने सोने न दिया।

था जहाँ कहना वहां कह न पाये उम्र भर,
कागज़ों पर यूँ शेर लिखना बेज़ुबानी ही तो है।

अब भी इल्जाम-ए-मोहब्बत है हमारे सिर पर,
अब तो बनती भी नहीं यार हमारी उसकी।

वो एक ख़त जो उसने कभी लिखा ही नहीं,
मैं रोज बैठ कर उसका जवाब लिखता हूँ।

रंज़िश ही सही दिल को दुखाने के लिए आ,
आ फिर से मुझे छोड़ जाने के लिए आ।

इक झलक देख लें तुझको तो चले जाएंगे,
कौन आया है यहाँ उम्र बिताने के लिए।

मुद्दत से थी किसी से मिलने की आरज़ू,
ख्वाहिश-ए-दीदार में सब कुछ गँवा दिया,
किसी ने दी खबर कि वो आयेंगे रात को,
इतना किया उजाला कि घर तक जला दिया।

ये आरज़ू थी कि ऐसा भी कुछ हुआ होता,
मेरी कमी ने तुझे भी रुला दिया होता,
मैं लौट आता तेरे पास एक लम्हे में,
तेरे लबों ने मेरा नाम तो लिया होता।

वो दर्द ही क्या जो आँखों से बह जाए,
वो खुशी ही क्या जो होठों पर रह जाए,
कभी तो समझो मेरी खामोशी को,
वो बात ही क्या जो लफ्ज़ आसानी से कह जायें।

किसी को इतना मत चाहो कि भुला न सको,
यहाँ मिजाज बदलते हैं मौसम की तरह।

अब सोचते हैं लाएँगे तुझ सा कहाँ से हम,
उठने को उठ तो आए तेरे आस्ताँ से हम।

दस्त-ए-तक़दीर से हर शख्स ने हिस्सा पाया,
मेरे हिस्से में तेरे साथ की हसरत आई।

न हारा है इश्क़ और न दुनिया थकी है,
दिया भी जल रहा है हवा भी चल रही है।

अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिसने भी मोहब्बत की,
मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई।

तुम बदल गए हो, ये ख्याल रहता है, जैसे रातों को चाँदनी से मिला हूँ।

जिन्दगी की राहों में, खो गया हूँ मैं, तुम्हारे बिना हर पल, रूह में जला हूँ।

दिल को छूने वाली बातें थीं तेरी मुस्कान, अब सिर्फ छुपा रहा हूँ, आँसुओं के दरिया में हूँ।

तेरे जाने के बाद, सिर्फ ये बचा है मेरे पास, इन अकेले रातों में, तुझे खोजता हूँ।

तुम्हारी यादों में, बिता रहा हूँ जिन्दगी, पर खुदा से मेरी एक गुजारिश है, तुम मेरे पास वापस आ जाओ।

इश्क में बिछा दिया था सपनों का आसमान, तुम्हारे बिना ये जहां, लगता है सुना सा।

तुम्हारी मुस्कान की बातें, अब हैं सिर्फ यादें, दिल टूटा है, फूलों की बहारें गईं कहाँ।

जब से तुम बदले, दिल का हर कोना है उदास, रातें लम्बी हैं, और दर्द बना है मेरा साथ।

तुम्हारी बेवफाई ने की है ज़िंदगी की तारीक़, अब रह गई हैं ये खाकी सी राहें और इन बिगड़ी हुई रातों की चादर।

दिल की दहलीज़ पे बसी है तेरी यादों की महक, तू मेरे दिल की रौशनी था, अब तेरे बिना है अंधेरा रात।

ये जिंदगी की कहानी, बदल गई है रूठ जाने से, तू बदल गया है, इस बदले हुए दिल को बहुत याद आता है।

रातों की तन्हाई में, खोया हूँ खुद को, तुम्हारी आँखों की बातें, बस यादें बन गई हैं।

तुम्हारी मुस्कान के साथ था सब कुछ मेरे पास, अब तुम्हारी बेवफाई ने कर दिया है सब कुछ बेहाल।

तेरे जाने के बाद, दिल है बेहद उदास, तू बदल गया है, पर मोहब्बत बरकरार रहती है।

कितनी रातें बीत गईं, बेताब राहों में, तेरी आशाओं की क़िताब अधूरी रह गई है।

तेरी यादों की बूँदें गिरा रही हैं बरसातों में, मेरी दुनिया रात के आंधेरे में खो गई है।

इस बदलते मौसम में, दिल का हाल बताना मुश्किल है, तुम बदल गए हो, मेरी ज़िन्दगी को रूला रहे हो।

बैराग है रातों की रौंगत में बहा, तुम्हारी छाया में, दिल रोज़ बहा है।

तेरे जाने के बाद, रातें हैं बेहद सुनसान, तुम्हारी बेवफाई से, दिल में चुभा है ग़म का आलम।

चाँदनी रातों में भी है तेरी तलाश, पर तू कहाँ है, इस रात की बेराहमी से।

जिंदगी की क़ीमत, हमें बहुत सी सिखाई, तेरी यादों का कोई मोल नहीं, और दिल में उबाल बढ़ा है।

तुम्हारी आँखों की बातों में, छुपा है एक किस्सा, अब तेरे बिना, ये दिल है बेहद ही उदासा।

Tum Badal Gaye Ho – Sad Shayari

रात की चाँदनी में, छुपा है मेरा दर्द, तुम्हारी बेवफाई ने किया है, इस दिल को बेहद ही ग़मगीन।

जिस दिन तूने छोड़ा, छूटा सब कुछ मेरा, रातें लम्बी हो गईं, मेरी तन्हाई में तू है खो गया।

Tum Badal Gaye Ho

तेरे बिना ज़िन्दगी बेहद बेराहम है, तुझसे मिले बिना, मेरी रूह को चैन नहीं आता।

तेरी मुस्कान की आगे, बनी थी सारी राहें, अब उन राहों में, दर्द की चादर बिछ गई है।

तेरी यादें बसी हैं, दिल के कोने में, तुझसे बिछड़ने के बाद, दर्द ने किया है मेरा इलाज़।

रातें हैं सुनी, बिना तेरे की तलाश में, तू बदल गया है, मेरी ज़िन्दगी को रूला रहा है।

तेरे बिना दिल, है बेहद ही उदास, तुझे याद करता हूँ, रात भर करीब बैठा हूँ।

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