Republic Day Shayari

Happy Republic Day 2022 Shayari: Since the Constitution of India came into force on 26 January 1950, 26 January is celebrated as Republic Day every year. This day reflects the freedom struggle, sacrifices of freedom fighters and the history of India. This day is a symbol of India’s unity in diversity and secularism. We should be proud to be Indians. Poem on Republic Day, Shayari on Republic Day, Speech on Republic Day and Essay on Republic Day are on top in Google Trends.

वतन की मोहब्बत हम में खुद को तपाये बैठे है
हम मरेंगे तो वतन के लिए ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं।

जो अब तक खून ना खौला खून नही वह पानी हैं
जो इस देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं।

शाम होते ही हम बिस्तर पर चले जाते हैं
और सूरज ढलते ही वो सीमा पर तैनात हो जातेहैं।

अनेकता में एकता ही इस देश की शान है
इसीलिए तो मेरा भारत सबसे महान है।

खून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्किल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है।

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पे मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।

लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा
मेरे लहू के हर एक कतरे से इंकलाब लाएगा।

इस देश के लिए शहीद होना कबूल है मुझे
क्योंकि अखंड भारत बनाने का जूनून है मुझे।

अपनी आज़ादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।

मरने का हमें कोई गम नही लेकिन… ये खुदा
जिस मिट्टी में मिलूँ वो मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।

वतन की मोहब्बत हम में खुद को तपाये बैठे है
हम मरेंगे तो वतन के लिए ये मौत से शर्त लगाये बैठे हैं।

जो अब तक खून ना खौला खून नही वह पानी हैं
जो इस देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं।

शाम होते ही हम बिस्तर पर चले जाते हैं
और सूरज ढलते ही वो सीमा पर तैनात हो जाते है।

अनेकता में एकता ही इस देश की शान है
इसीलिए तो मेरा भारत सबसे महान है।

खून से खेलेंगे होली अगर वतन मुश्किल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है।

शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले
वतन पे मरने वालों का यही बाकी निशां होगा।

Happy Republic Day Wishes In Hindi | Happy Republic Day Shayari In Hindi | Happy Republic Day Quotes In Hindi

लिख रहा हूँ मैं अंजाम जिसका कल आगाज आएगा
मेरे लहू के हर एक कतरे से इंकलाब लाएगा।

इस देश के लिए शहीद होना कबूल है मुझे
क्योंकि अखंड भारत बनाने का जूनून है मुझे।

अपनी आज़ादी को हम हरगिज मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।

मरने का हमें कोई गम नही लेकिन… ये खुदा
जिस मिट्टी में मिलूँ वो मिट्टी हिन्दुस्तान की हो।

भारत की फ़जाओं को सदा याद रहूँगा
आज़ाद था, आज़ाद हूँ, आज़ाद रहूँगा।

अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।

उड़ जाती है मेरी नींद ये सोचकर
कि सरहद पर दी गईं जवानो की कुर्बानियां,
मेरी नींद के लिए थीं।

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