100+ Waqt Shayari in Hindi | वक्त पर शायरी

Reflect on the fleeting nature of time with our collection of 100+ Waqt Shayari in Hindi. These poetic verses delve into the essence of time, its transience, and its profound impact on our lives. From contemplating the significance of the present moment to reminiscing about the past and envisioning the future, our collection captures the depth of emotions that time evokes. Whether you seek solace in shared sentiments or want to express your thoughts on the passage of time, these Waqt Shayaris will resonate with your heart and soul. Explore the power of words to encapsulate the beauty and complexities of time, and let these Shayaris remind you of the importance of cherishing every moment. Embrace the essence of time through poetry and experience the magic of words that stand the test of time, leaving an indelible mark on the canvas of your life.

आने में थोड़ा वक्त जरूर लगता है,

पर वक्त सबका आता है !

वक्त दिखाई नहीं देता है,

पर बहुत कुछ दिखा जाता है !

वक्त और इंसान,

कब बदल जाए पता ही नहीं चलता !

तुझे चाहने वाले कम न होंगे,

वक्त के साथ शायद हम न होंगे,

चाहे किसी को कितना भी प्यार देना,

लेकिन तेरी यादों के हकदार सिर्फ हम ही होंगे !

बुरा वक्त तो सबका आता हैं,

कोई बिखर जाता हैं कोई निखर जाता है !

कितना भी पकड़ो फिसलता जरूर है,

यह वक्त है साहब बदलता जरूर है !

वक्त की यारी तो हर कोई कर लेता है,

मजा तो तब है जब,

वक्त बदले और यार न बदले !

तुझे वक्त के साथ चलना पड़ेगा,

जो बदलेगा रूट तो बदलना पड़ेगा !

वो वक़्त भी बहुत खास होता है,

जब सर पर माता पिता का हाथ होता है।

वक्त का खास होना जरूरी नही,

खास लोगो के लिए वक्त होना जरूरी है !

वक्त मौसम और लोगों की एक ही फितरत होती है,

कब कौन और कहाँ बदल जाए कुछ कह नहीं सकते !

कभी वक्त मिला तो जुल्फें तेरी सुलझा दूंगा,

आज उलझा हूं जरा वक्त को सुलझाने में !

वो जो कपडे बदलने का शौक रखते थे,

आखिरी वक्त न कह पाये कफ़न ठीक नही !

आज तेरा वक्त है,

कल मेरा होगा !

वो वक्त सी थी जो गुजर गई,

और मैं यादों सा था जो ठहर गया !

बुरे वक्त में जो साथ दे वही होते हैं अपने,

यू बीच राहों में जो साथ छोड़ दे वो नहीं होते हैं अपने !

ए वक्त जरा संभल के चल कुछ बुरे,

लोगो का कहना है कि तू सबसे बुरा है ।

वक्त की रफ़्तार रुक गयी होती,

शर्म से आँखें झुक गयी होती,

अगर दर्द जानती शम्मा परवाने का,

तो जलने से पहले ही वो बुझ गयी होती !

वक्त रहते अगर बात हो जाती है,

तो बात ज्यादा नहीं बिगड़ती !

वक्त जैसा भी हो बीतता जरुर है,

आदमी अगर ठान ले तो,

वक्त से भी जीत सकता है !

वक्त नहीं लगता दिल को दिल तक आने में,

पर सादिया लग जाती है एक रिश्ता भूलने में !

औरों की मर्जी से कभी जिया नहीं करते,

हम वक्त पर अफसोस किया नहीं करते !

ये वक्त गुजरता रहता है,

इंसान भी बदलता रहता है,

संभाल लो खुद को तुम जनाब,

वक्त खुद चीख कर कहता है !

वक़्त बदलने से उतनी तकलीफ नहीं होती,

जितनी किसी अपने के बदल जाने से होती है !

मेरे महबूब की प्यारी बातें,

मेरे हर पल को हसीन बनाती है,

इंतजार भी करता हूं उसका,

उस वक्त को भी सुंदर बनाती है !

तुम्हारा किया तुम्हे ही बतलाता है,

समय आइना जरूर दिखलाता है !

दिल खोल कर हंसना तो मैं भी चाहता था,

जिम्मेदारियों के बीच कभी वक्त ही नही मिला !

कुछ इस कदर खोये हैं तेरे ख्यालो में,

कोई वक्त भी पुछता है तो तेरा नाम बता देते है !

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