Tareef Shayri: तारीफ, चाहे वह झूठी हो या सच्ची हो, किसी को भी अच्छा लगेगा. लेकिन अगर तारीफ सच्ची होती है, तो व्यक्ति को खुशी मिलती है और किसी भी रिश्ते की नींव बनती है। अपने प्यार की तारीफ करने से वह प्रसन्न होता है। प्रियजनों की प्रशंसा करने के लिए लोग तारीफ शायरी का बहुत उपयोग करते हैं।
यही कारण है कि आज हम आपके लिए Tareef Shayari लाये हैं, जिससे आप किसी की प्रशंसा करना चाहते हैं और इसे कॉपी करके किसी को भी भेज सकते हैं। Tareef Shayari चित्र भी इस पोस्ट में शामिल हैं।
नींद से क्या शिकवा करूं मैं जो रात भर आती नहीं,
कसूर तो उस चेहरे का है जो रात भर सोने नही देता !
अब क्या लिखूं तेरी तारीफ में मेरे हमदम,
अलफाज कम पड़ जाते है तेरी मासूमियत देखकर !
अल्फाज खुशी दे रहे थे मुझे और,
वो मेरे इश्क की तारीफ कर रही थी !!
उसने महबूब की तारीफ कुछ इस कदर की,
रात भर आसमान में चाँद भी दिखाई न दी !

मुझको मालूम नहीं हुस़्न की तारीफ,
मेरी नजरों में हसीन वो है जो तुम जैसा हो !
तुम्हारे गालों पर एक तिल का पहरा भी जरूरी है,
डर है की इस चहरे को किसी की नजर न लग जाए !!
ख्वाहिश ये नहीं की मेरी तारीफ हर कोई करे,
बस कोशिश ये है की मुझे कोई बुरा न कहे !!
मासूम सी सूरत तेरी दिल में उतर जाती है,
भूल जाऊं कैसे मैं तुझे,
तू मुझे हर जगह नजर आती है !
देख कर तेरी आँखो को मदहोश मैं हो जाता हूँ !
तेरी तारीफ किये बिना मैं रह नहीं पाता हूँ !

ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है,
उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है !!
लोग मेरी शायरी की तारीफ कर रहे है !
लगता है दर्द अच्छा लिखने लगी हूं मैं !
अजब तेरी है ऐ महबूब सूरत !
नजर से गिर गए सब खूबसूरत !
तेरे हुस्न का दीवाना तो हर कोई होगा,
लेकिन मेरे जैसी दीवानगी हर किसी में नहीं होगी !
मुझे देखकर शर्म से नजरें चुरा लेती है वो,
उसे बेवफा न समझ लूं इसलिए,
चेहरे से जुल्फों को हटा जरा सा मुस्कुरा देती है वो !
यह तेरा हुस्न और ये अदाएं तेरी,
मार जाते हैं इन्हें देख मुहल्ले के सारे आशिक,
उतर आते है ।

बेवफाई की तारीफ मैं क्या करूं !
वो जहर भी हमें किस्तों में देते रहे !
ढाया है खुदा ने जुल्म हम दोनों पर,
तुम्हें हुस्न देकर मुझे इश्क देकर !
तारीफ क्या करू में तुम्हारी क्यूंकि,
तुम्हीं एक तारीफ हो !
रोज इक ताजा शेर कहाँ तक लिखूं तेरे लिए,
तुझमें तो रोज ही एक नई बात हुआ करती है !
तू भी मेरे दिल के Library की वो डायरी है,
जिसे हम पढ़ना कम और देखना,
ज्यादा पसंद करता है ।
मत मुस्कुराओ इतना कि फूलों को खबर लग जाए,
कि करे वो तुम्हारी तारीफ,
और तुम्हें नजर लग जाएँ !

तू बेमिसाल है तेरी क्या मिसाल दूं !
आसमां से आई है, यही कह के टाल दूं !
और भी इस जहां में आएंगे आशिक कितने,
उनकी आंखों को तुमको देखने की हसरत रहे !
रात भर करता रहा तेरी तारीफ चाँद से,
चाँद इतना जला कि सुबह तक सूरज हो गया !
तुम्हे देख के ऐसा लगा चाँद को जमीन पर देख लिया,
तेरे हुस्न तेरे शबाब में सनम हमने कयामत को देख लिया !
खुबसूरत सा एक पल किस्सा बन जाता है,
जाने कब कौन जिंदगी का हिस्सा बन जाता है,
कुछ लोग जिंदगी में ऐसे मिलते हैं जिनसे,
कभी ना टूटने वाला रिश्ता बन जाता है !
वो हाल मेरा पूछने आये जरूर थे मगर,
अपनी निगाहों में वही पुराना गुरूर लिए हुए।

नशीली आँखों से वो जब हमें देखते हैं,
हम घबराकर आँखें झुका लेते हैं,
कौन मिलाए उनकी आँखों से आँखें सना है,
वो आँखों से अपना बना लेते है !
मेरे दिल के धड़कनों की वो जरूरत सी है,
तितलियों सी नाजुक परियों जैसी खूबसूरत सी है !
कैसी थी वो रात कुछ कह सकता नहीं मैं,
चाहूँ कहना तो बयां कर सकता नहीं मैं !
मैं तुम्हारी सादगी की क्या मिसाल दूँ
इस सारे जहां में बे-मिसाल हो तुम !
खूबसूरत हो इसलिए मोहब्ब्त नहीं है,
मोहब्बत है इसलिए खूबसूरत लगती हो !
देख कर खूबसूरती आपकी चांद भी शर्मा रहा है,
तू कितनी खूबसूरत है यही फरमा रहा है !