100+ Sharab Shayari in Hindi

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Sharab Shayari

Sharab Shayari

शराब और मेरा कई बार ब्रेकअप हो चुका है,

पर कमबख्त हर बार मुझे मना लेती है।

निकलूं अगर मयखाने से तो,

शराबी ना समझना मेरे दोस्त,

मंदिर से निकलता,

हर शख्स भी तो भक्त नहीं होता !

जाम पीने का मजा जिंदगी जीने से जादा हैं,

अगर इसे न पिया तो जिंदगी जीने का मजा क्या हैं !

तू डालता जा साकी शराब मेरे प्यालो में,

जब तक वो न निकले मेरे ख्यालों से !

कुछ तो शराफत सीख ले ए इश्क शराब से,

बोतल पे लिखा तो है मैं जान लेवा हूँ !

थोड़ी सी पी शराब थोड़ी उछाल दी,

कुछ इस तरह से हमने जवानी निकाल दी !

यूँ तो ना थी जनम से पीने की आदत,

शराब को तन्हा देखा तो तरस खा के पी गये।

यारो कहा मैं शौख से पीता हूँ !

गम भुलाने के लिए होश से पीता हूँ !

मत कहिये मुझसे शराब छोड़ने के लिए !

शराब पीता हु तभी तो जीता हूँ !!

हर बार सोचता हूँ

छोड़ दूंगा मैं पीना अब से,

मगर तेरी याद आती है,

और हम मयखाने को चल पड़ते हैं l!

Sharab Shayari

शराबी इलजाम शराब को देता है,

आशिक इलजाम शबाब को देता है,

कोई नहीं करता कबूल अपनी भूल,

कांटा भी इलजाम गुलाब को देता है !!

मत पूछ उसके मैखाने का पता ऐ साकी,

उसके शहर का तो पानी भी नशा देता है !

ये ना पूछ मैं शराबी क्यूँ हुआ बस यूँ समझ ले,

गमों के बोझ से नशे की बोतल सस्ती लगी !

बर्फ का वो शरीफ टुकड़ा जाम में क्या गिरा,

बदनाम हो गया देता जब तक अपनी गवाही

वो खुद शराब हो गया !

तेरे जाने के बाद जीने की ख्वाइश ना थी,

कमबख्त शराब ने हमें मरने से बचा लिया !

मजा तो तब ही आये पीने का यारो,

शराब हम पियें और नशा उनको हो जाए !

परदा तो होश वालों से किया जाता है हुजूर

तुम बेनकाब चले आओ हम तो नशे में हैं !

सोचा था कुछ और लेकिन हुआ कुछ और,

इसीलिए ये भुलाने के लिए चले गए शराब की ओर !

Sharab Shayari

जाम तो यू ही बदनाम है यारों कभी इश्क करके देखो

या तो पीना भूल जाओगे,

या फिर पी-पी के जीना भूल जाओगे !

फिर इश्क़ का जूनून चढ़ रहा है सिर पे,

मयख़ाने से कह दो दरवाजा खुला रखे !

फिर ना पीने की कसम खा लूँगा,

साथ जीने की कसम खा लूँगा,

एक बार अपनी आँखों से पिला दे साकी,

शराफत से जीने की कसम खा लूँगा !

यादों से सलाम लेता हूँ,

वक्त के हाथ थाम लेता हूँ,

ज़िन्दगी थम जाती है पल भर के लिए,

जब हाथों में शराब-ए-जाम लेता हूँ !

अब के सावन में सबका हिसाब कर दूंगा,

जिसका जो वाकी है वो भी हिसाब कर दूंगा !

सुना है मोहब्बत कर ली तुमने भी !!

अब किधर मिलोगे पागलखाने या मैखान !!

रहता हूँ बहका बहका तो शराबी ना समझना,

कभी किसी की यादें भी बहका दिया करती हैं !

नशा हम किया करते हैं,

इल्ज़ाम शराब को दिया करते हैं,

कसूर शराब का नहीं उनका है,

जिसका चेहरा हम जाम में तलाश किया करते हैं !

एक बार टूट जाए दिल तो,

फिर ना किसी से मोहब्बत दुबारा होती है,

जब आए उस बेवफा की याद तो,

फिर जीने का शराब ही सहारा होती है !

कभी देखेंगे ऐ जाम तुझे होठों से लगाकर,

तू मुझमें उतरता है कि मैं तुझमें उतरता हूँ ।

एक वक्त था जब तेरी आँखों से पी कर जीते थे,

लाख बुरे थे लेकिन शराब कभी नहीं पीते थे ।

उन्हीं के हिस्से में आती है ये प्यास अक्सर,

जो दूसरों को पिलाकर शराब पीते हैं !

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