“Explore a collection of over 100 ‘khaamoshi’ Shayari in Hindi, celebrating the eloquence of silence. Delve into verses that unravel emotions, pain, love, and stories hidden within quiet moments. These poetic expressions paint the canvas of unspoken feelings, where words fall short but the heart resonates. Discover the power of silence to convey thoughts that transcend language, a symphony of emotions woven in each verse.”
Khamoshi Shayari
कुछ ख्वाब सजती है ख़ामोशी मेरी,
आँखों में बस जाती है तेरी यादें तेरी।
ज़ुबां की तरह जो तूने छोड़ दी है मुझे,
वो ख़ामोशियाँ मेरी हर दर्द की कहानी है।
दर्द की इस तलवार से कुछ कह नहीं सकता,
ख़ामोशी ही वो भाषा है जिसका कोई अनुवाद नहीं।
ख़ामोशी भी एक तरह की बात होती है,
जिसे समझने के लिए दिल की ज़रूरत होती है।
जब से वो ख़ामोशी में बस गए हो तुम,
ज़िंदगी भर की बातें बेहद ख़ूबसूरत हो गई।
ख़ामोशी की एक अलग सी दुनिया होती है,
जिसमें हर एहसास बिना किसी ज़बानी बयां होता है।
वक़्त की बेमिशाल रफ़्तार है ख़ामोशी,
जिसमें छुपे हैं अनगिनत ज़ख़्म और दर्द।
कभी-कभी वो ख़ामोशी ही सबसे बड़ी बात होती है,
जो सब कुछ कह जाती है बिना किसी शब्द के।
दिल की गहराइयों में बसी एक ख़ामोशी है,
जिसमें छुपे हैं अनगिनत राज और ख्वाब।
जब तक शब्दों की आवश्यकता नहीं होती,
तब तक ख़ामोशी ही सबसे सटीक व्यक्ति होती है।
ख़ामोशी में छुपे हैं हज़ारों ख्यालात,
जो शब्दों की तरह नहीं बिखरते।
ज़िंदगी की हर छोटी-बड़ी मुश्किल में,
मेरी साथी है ख़ामोशी, जो करती है सहारा।
ख़ामोशी में छुपे हैं वो दर्द जिन्हें,
शब्दों में बयान करना मुश्किल है हमें।
वक़्त के साथ ख़ामोशियाँ भी बदल जाती हैं,
कुछ ख़ास लम्हों की धड़कन, कुछ ख़ास बातें होती हैं।
जब सब कुछ खो जाता है, तब ख़ामोशी ही सहारा बनती है,
वो दर्द और ग़म जिन्हें शब्दों में नहीं कह सकते हम।
तेरी यादों की ख़ामोशी मेरे दिल में बसी है,
जैसे एक दरिया जो खुद में बहता है, पर किसी को नहीं बताता।
ज़िंदगी की राहों में कभी-कभी मिल जाती है ख़ामोशी,
जो हर बड़ी बात को समझने की ताक में होती है।
दिल की ख़ामोशी में छुपी ये तलवारें,
ज़िन्दगी के हर सवाल का जवाब होती हैं।
ख़ामोशियों में छुपी है एक ख़ास बात,
जो सिर्फ तेरे दिल की मांग का जवाब हो सकती है।
वक़्त की लहरों में भटकती ये ख़ामोशी,
दिल की गहराइयों में छुपे अनगिनत ख्यालों की कहानी है।
ख़ामोशी भी एक प्यारी सी दास्तान है,
जिसमें छुपी होती है हर दर्द और मोहब्बत की बात।
जब तेरे ख़ामोश होने की ख़बर मिलती है मुझे,
तो दिल की धड़कनें भी अपनी दास्तान सुनाने लगती हैं।
ख़ामोशियों की गहराइयों में छुपे हैं वो अहसास,
जिन्हें शब्दों में नहीं, सिर्फ दिल से समझा जा सकता है।
दिल की हर धड़कन बोलती है ख़ामोशी की ज़बान से,
जैसे हमारी रूहें एक-दूसरे से बिना शब्दों के बात करती हो।l
वक़्त के साथ ख़ामोशियों की मिठास बढ़ती है,
जैसे एक पुराने गीत की यादें जिन्दगी को सजाती हैं।
जब ख़ामोशी से मिलती है बिना कुछ कहे तू,
तो वोही तेरी मोहब्बत की सबसे गहराई तक पहुँचाती है।
वो बेहद ख़ामोश लम्हे जब हम एक-दूसरे के साथ बिताते हैं,
तो हर एक पल हमारे दिल की कहानी कह जाते हैं।
ख़ामोशी के पर्दे में छुपे हैं हज़ारों ख्यालात,
जो शब्दों में कभी नहीं कह सकते हम।
ख़ामोशी की दुनिया में बसा है एक ख़याल,
जो सिर्फ तुझसे मिलकर सचमुच सच होता है।
वक़्त की लहरों में ख़ामोशी जैसे एक राज हो,
जिसमें छुपे हैं हमारे दिल के सबसे गहरे ख्वाब।
खामोसियाँ तेरी मुझसे बाते करती है
मेरी हर आह हर दर्द समझती है
पता है मजबूर है तू भी और मै भी
फिर भी आँखे तेरे दीदार को तरसती है।
मेरी खामोशी थी जो सब कुछ सह गयी,
उसकी यादे ही अब इस दिल में रह गयी
तड़प रहे है हम तुमसे एक अल्फाज के लिए,
तोड़ दो खामोशी हमें जिन्दा रखने के लिए।
उसने आँसू बहा के
अपने सारे दर्द बयां कर दिए
हमने खामोश रहकर सारे दर्द छुपा लिए
कभी-कभी कुछ सवालों
का जवाब खामोशी होती है।
खामोशी अच्छी है कई रिश्तो की
आबरू ढक लेती है।
किसी की खामोशी को उसकी
कमजोरी मत समझ लेना
क्योंकि एक चिंगारी ही काफी होती है
सारे शहर को आग लगाने को
बता दो मेरे इश्क को मैं खामोश हूं
उसके लिए, जमाने के लिए नहीं
अजीब है मेरा अकेलापन
ना खुश हूँ, ना उदास हूँ
बस अकेला हूँ और खामोश हूँ…!!!
खामोशी भी मजा देती है
जरा बेतहाशा…..
मोहब्बत करके तो देखो
खामोशी से बसर हो जाएँ,
दर्द की ज़िद हैं कि दुनिया को खबर हो जाएँ।
जमाना पूछता है इतनी खामोश क्यों हो
मैं कहता हूं खामोशी के बहाने ही
उसकी पुरानी यादों से मिल लेता हूं
कुछ लोगों को अपनी बात बताने के
लिए बोलने की जरूरत नहीं होती
उनकी खामोशी ही काफी होती है।
दस्तक और आवाज तो कानो के लिए है
जो रूह को सुनाई दे
उसे ख़ामोशी कहते है।
कुछ बातें लफ्जों से बयां नहीं होती
पर खामोशी सब कुछ बयां कर देती हैजज्बात कहते हैं
छोड़ो अब जाने भी दो यार
क्या करोगे सुनकर दास्ताँ मेरी..
ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं
और बयाँ हमसे कुछ होगा नहीं…
ख़ामोशी की तह में छुपा लीजिए उलझने
क्योंकि, शोर कभी मुश्किले आसान नहीं करता
खामोशीयाँ यूं ही बेवजह नहीं होतीं,
कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लिया करतें हैं…!!!
शिकायते तो बहुत है
उनसे मेरी पर क्या करूं
ये जो खामोशी है
मुझे कुछ कहने ही नहीं देती
चुभता तो बहुत कुछ हैं मुझे भी तीर की तरह,
लेकिन खामोश रहता हूँ तेरी तस्वीर की तरह।
जब इंसान अंदर से टूट जाता हैं,
तो अक्सर बाहर से खामोश हो जाता हैं।
रुतबा तो खामोशीयों का होता है
अल्फाज का क्या?
वो तो बदल जाते है अक्सर
हालात देखकर
मेरी खामोशी से किसी को कोई फर्क नही पड़ता,
और शिकायत में दो लफ़्ज कह दूं तो वो चुभ जाते हैं।
खामोशी को चुना है अब बाकी के
सफर के लिए
अब अल्फाजो को जाया करना
हमे अच्छा नहीं लगता
खामोश बैठे है तो लोग कहते है
उदासी अच्छी नहीं
और जरा मुस्करा लेते है
तो मुस्कराने की वजह पुछ लेते है।
खामोशी बहुत अच्छी है
वह रिश्तो की आबरू ढक लेती है।
खामोशी शायरी
तू खुश है अपनी जिंदगी में
मैं खुश हूं अपनी खामोशी में
खामोशी से जब तुम भर जाओगे
थोड़ा चीख लेना वरना मर जाओगे…
हम खामोशी से देते है खामोशी का जवाब
कौन कहता है अब हम बात नहीं करते
दिल की खामोशी पर मत जाओ
राख के नीचे आग दबी होती है।
खामोश है ये जुबां सुनी सी है राते,
न दिल का ठिकाना है न दिल का बसेरा!!
तेरी रूह में खामोशी है और
मेरी आवाज में तन्हाई
तू अपने अंदाज में खामोश है
मैं अपने अंदाज में तन्हा
बड़ी नखरेबाज है खामोसियाँ तेरी,
पास बैठा हूँ पर वो टूटती ही नहीं
तेरी खामोशी, अगर तेरी मजबूरी है,
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है।
वक्त तुम्हारे ख़िलाफ़ हो तो खामोश हो जाना,
कोई छीन नहीं सकता जो तेरे नसीब में है पाना।
बोलने से जब अपने रूठ जाए,
तब खामोशी को अपनी ताकत बनाएं।
ख़ामोश फ़िजा थी कोई साया न था,
इस शहर में मुझसा कोई आया न था,
किसी जुल्म ने छीन ली हमसे हमारी मोहब्बत
हमने तो किसी का दिल दुखाया न था.
अंधेरे में भी सितारे उग आते,
रात चाँदनी रहती है,
कहीं जलन है दिल में मेरे,
ये खामोशी कुछ तो कहती है…!!!