Karma Shayari in Hindi delves into the concept of karma, the principle of cause and effect, and the idea that our actions shape our destiny. These poetic verses explore the moral and spiritual implications of one’s deeds, emphasizing the importance of doing good and staying true to righteousness. Karma Shayari often reflects on the cyclical nature of life, where the consequences of our actions come back to us, either as rewards or lessons. It encourages self-reflection, urging individuals to be mindful of their intentions and actions as they navigate the journey of life. The Shayaris touch upon themes of justice, retribution, and the idea that what goes around comes around. They serve as a reminder to lead a life of virtue, kindness, and empathy towards others. From inspiring individuals to take responsibility for their actions to understanding the significance of learning from mistakes, Karma Shayari carries a profound message that transcends boundaries and resonates with people from all walks of life. Whether you seek guidance, contemplation, or motivation to live a more meaningful life, these Shayaris offer insights into the power of karma and its impact on our spiritual growth and overall well-being.
Karma Quotes
कर्म तेरे अच्छे हैं तो किस्मत तेरी दासी है,
नियत तेरी अच्छी है तो घर मैं मथुरा काशी है।
जैसा काम करोगे वैसा ही फल मिलता है,
इसलिए अपनी सोच को अच्छा रखें,
किसी को भी अच्छा बोले,
अच्छा काम करें और अच्छे लोगों के साथ रहे।
वर्तमान को अपने कर्मों से अच्छा बनाओ,
ताकि आपका भविष्य भी आपके जैसा अच्छा हो।
सफल होना चाहते हो तो फल की नहीं,
अपने कर्म की चिंता करनी होगी।
अगर आप कर्म पूरी ईमानदारी से
करेंगे,तो आपको परिणाम भी बिना
बेईमानी के ही मिलेगी.।
ये जरूरी तो नहीं कि इंसान हर रोज मंदिर जाए,
बल्कि कर्म ऐसे होने चाहिए,
की इंसान जहाँ भी जाए,
मंदिर वहीं बन जाए।
किसी ने आप के साथ बुरा किया है,
तो छोड़ दो उसे आगे बढ़ो,
उसका कर्म उसको सजा देगा।
मुसीबतें चाहे जितनी मर्ज़ी हो हर कदम पर,
तू घबरा कर मत बैठ तू बस अपना कर्म कर।
आपके कर्म ही आपकी पहचान है,
वरना एक नाम के हजारों इंसान है।
एक अच्छा कर्म इंसान के सारे बुरे
कर्मों को नष्ट कर सकता है,
और एक बुरा कर्म सारे अच्छे कर्मों को
कष्टों मे बदल सकता है।
दान धर्म करना,
इस पूरी दुनिया का सबसे बड़ा कर्म है।
कर्म कभी न कभी जरूर सामने
आता है जैसा करोगे,वैसा ही भरोगे।
अगर आज के दिन आप कुछ
अच्छा करोगे तो आने वाले कल में
आपको कुछ अच्छा ही मिलेगा.।
अपना समय यह सोच कर बर्बाद ना करो,
की दुसरो ने तुम्हारे साथ क्या किया,
तुम्हारी जगह कर्मो को उनका जवाब देने दो।
क्या मिलना है ये कर्म की बात है,
क्या लेना है ये धर्म की बात है।
कर्म करने से पहले यह तय कर
लेना चाहिए कि उससे पछतावा
होगा या प्रसन्नता प्राप्त होगी.
भगवान ने हाथ किसी को लकीरें
दिखाने के लिए नहीं बल्कि,
अपनी मेहनत का जलवा दिखाने के लिए दिए हैं।
अगर किसी के लिए काँटे बिछाओगे तो
वापस काँटे ही मिलते हैं
और किसी के लिए फूल बिछाओगे तो
आपको वापस फूल ही मिलेंगे।
भगवान से ज्यादा कर्मों से डरिए,
एक बार भगवान तो माफ़ कर सकता है,
लेकिन कर्म नहीं।
कर्म का फल जरूर मिलेगा, बस
फर्क ये हैं की कुछ कर्म अच्छे फल
देते हैं तो कुछ बुरे।
ईमानदारी और बुद्धिमानी
से किया गया काम कभी व्यर्थ नहीं जाता।
इंसानियत दिल में होती है,
हैसियत में नहीं,
ऊपरवाला कर्म देखता है,
वसीयत नहीं।
अच्छा हो या बुरा हो पर
कर्मों का फल जरूर मिलता है,
किसी को जल्दी मिलता है,
तो किसी को थोड़े देर से मिलता है।
यदि आपका कर्म अच्छा है तो,
आपका भाग्य भी आपके पक्ष में होगा।
भगवान भी उन्ही का साथ देता है,
जिनके साथ उनके अच्छे कर्म होते हैं।
ना बुराई में उलझ जाना, ना
अच्छाई में उलझ जाना सिर्फ
अपना कर्म करते जाना।
सफलता चाहते हो तो
ईमानदारी से मेहनत करना,
सफलता जरूर मिलेगी
अगर किसी को कष्ट
देकर सफलता पाने की कोशिश करोगे,
तो सफलता कभी नहीं मिलेगी।
कर्म से ही पहचान होती है,
इंसानों की दुनिया में,
अच्छे कपड़े तो बेजुबान
पुतलो को भी पहनाया जाता है,
दुकानों में।
भगवान् भी उन्ही का साथ देता है,
जिनके साथ उनके अच्छे कर्म होते हैं।
सफलता हमारा परिचय दुनियां को
करवाती है और असफलता हमें
दुनियां का परिचय करवाती है।
भाग्य से जीतनी ज्यादा उम्मीद करोगे,
वो उतना ही ज्यादा निराश करेगा,
और कर्म पे जितना जोर दोगे,
वो हमेशा उम्मीद से भी ज्यादा मिलेगा।
यह कर्म है साहब आज तक इससे
कोई बच नहीं पाया है यह अपने
वक्त का पहिया घुमाकर सबको
अपने अपने कर्मों का फल देता है.
अगर आप जरूरतमंद लोगों की मदद करते हैं,
तो भगवान भी आपकी मदद करता है।
किसी के साथ गलत करके,
अपनी बारी का इंतजार जरुर करना।
फिक्र मत करना,
तुम्हारे गुनाह को तुम्हारे कर्म ढूंढ ही लेंगे।
दुनिया में प्रेम से बड़ा कोई धर्म नही,
और दूसरों की भलाई से बड़ा कोई कर्म नही।
भाग्य हमारे कर्म पर निर्भर करता है
हर कोई अपने भाग्य के लिए जिम्मेदार है.
कोई मेरा बुरा करे वो उसका कर्म है,
मै किसी का बुरा ना करू,
वो मेरा धर्म है।
अच्छे लोगो की इज्जत कभी कम नहीं होती,
सोने के सौ टुकड़े करो,
फिर भी कीमत कम नहीं होती।
अपने कर्म अच्छे रखना,
इस सम्पूर्ण सृष्टि का सबसे बड़ा धर्म है।
दान धर्म करना,
इस पूरी दुनिया का सबसे बड़ा कर्म है।
कर्म जो किसी के भले के लिए किये जा रहे हो,
उनका परिणाम कभी बुरा नहीं हो सकता।
इंसान भाग्यशाली नहीं होता कभी भी जन्म से,
उसका भाग्य बनता है कर्म से।
हमारे कर्म का हिसाब ना पूछो
साहब, हमनें तो उन्हें भी गले
लगाया,जिन्होंने हमारा बुरा चाहा.
जो आपके साथ बुरे है,
उनके साथ ना अच्छे रहो,
ना बुरे, सिर्फ उनसे दूर रहो।