100+ New Jalebi Quotes: Savor the sweetness of life through these delectable quotes celebrating the beloved Indian dessert, jalebi. Just like the golden spirals, these quotes serve up joy, nostalgia, and the simple pleasures of life. From describing the taste of jalebi’s sugary syrup to metaphorical reflections on life’s twists and turns, these quotes delight the senses and warm the heart. Whether it’s the memories of relishing jalebi on festive occasions or the sweet symbolism of love and togetherness, these quotes capture the essence of this beloved treat. Indulge in the delightful world of Jalebi Quotes, and let its sweetness fill your soul with happiness and gratitude for life’s little joys.
Jalebi Quotes in Hindi
“जिंदगी जलेबी सी घुमावदार होती है
जरूरत है प्रेम की चाशनी की”
“जिंदगी उलझ गयी जलेबी की तरह
जब से प्रेम समोसे सा त्रिकोण हो गया है
लोगों का क्या है वो तो चटनी के चटखारे लेते है”
“चख न लेना मेरे उलझे शब्दों की जलेबियाँ
मीठी चाशनी नहीं जिंदगी की कड़वाहट है भरी”
“जलेबी की तरह हो गए हैं लोग भी
लगते बहुत मीठे है पर है उतने ही घुमावदार”
“मेरी उलझने बिलकुल जलेबी की तरह है
उलझी है मगर मीठी है”
“ज़नाब मुझे मीठी जलेबी से ज़्यादा
तीख़ी मिर्ची पसंद हैं”
“जो कहना है साफ-साफ कहो
मुझे जलेबियां पसंद नहीं है”
“फरेबी लोग बातें करते हैं
बिल्कुल जलेबी की तरह”
“जलेबी ये भी बयां करतीं है
की ढूंढने से उलझनों
में भी मिठास मिल जाया करती है”
“उलझनें भी मीठी हो सकती है
जलेबी इस बात की गवाह है “
“मैं तुम्में डूब जाऊँ तुम मुझमें घुल जाओ
मैं जलेबी तुम मेरी चाशनी बन जाओ”
“तुम जो उलझ जाओ किसी रोज़ तो
मै चाशनी बन जाऊँगी
जलेबी सी इक मीठी उलझन बन
जाएंगे फ़िर हम दोनों भी”
प्रेम आया भी तो जलेबी बनकर
मिठास भी है और उलझनें भी
“मीठा मन है नरम तुम्हारा सख्त
मिज़ाज़ का मैं कायल
तुम एक गर्म जलेबी सी मैं
ठहरा एक तीखा शायर”
“यहाँ सबकी बातें जैसे जलेबी हैं
चेहरे खूबसूरत दिल फरेबी हैं”
“कैसी बनी है जलेबी मैंने बनाई है
बस कमबख्त गोल
गोल चक्कर नहीं खा पाई है”
“यूं तो जलेबी सबकी दीवानी है
इसमें रस कैसे से डलता है
बस यही तो कहानी है”
“हम तो लोगो के लिए जलेबी जैसे निकले
किसी ने हमे समझा
नहीं बस हमाऱी मिठास चुरा ली”
ये जिंदगी बड़ी अलबेली है
अब तो मन मेरा खाना चाहता जलेबी है
“उलझनें भी मिठी हो सकती हैं
जलेबी इस बात की जिन्दा मिसाल है”
“कई लोगो की आदत होती है
वह जलेबी की तरह सीधी बात करते है”
“भावना विहीन व्यक्तित्व
बिना चाशनी की जलेबी के समान होता है”
“जिदंगी तेरी राहें कितनी बेगानी और घुमावदार है
मै तो यहाँ से वहाँ जलेबी सा घूमता ही रहा गया”
“वो कोटा की चटपटी कचौड़ी
मैं चाशनी में लिप्त उलझी जलेबी “
“ये मोहब्बत भी जलेबी सी है
गोल-गोल उलझी-उलझी मीठी सी”
Sweet Jalebi lines
जलेबी की तरह बात घूमा दी
आज उसने अपनी औकात दिखा दी
“इतना भी आसान नही है मुझे समझना
चाशनी में डूबी हुई जलेबी हूँ मैं “l
“उसके नाम को सोचते हुए हमने रात बिताई
सुबह उसका नाम पता चला जलेबी बाई”
“तेरी मीठी-मीठी बातों ने
जलेबी के जैसे उलझा कर रख दिया”
राही भी मासूम था और राहें थी अलबेली सी
चला वो उस पथ जहां कठिनाइयां थी जलेबी सी
जलेबी का तो पता नहीं
हम को इनको देखकर चक्कर आ रहे हैं
उसकी बातें समझ में तो आती नही मुझे
पर सुनने में अच्छी लगती है उलझी हुई पर
मीठी सी बोली उसकी जैसे जलेबी
जलेबी सभी को लगभग पसंद आती है
पर उससे कोई क्यों नही सीखना चाहता कि
जीवन मे उलझने
कितने भी हो मीठापन बनाये रखे
आज सुबह जलेबी खाते वक्त एक बात याद आई
कि खुद कितने भी उलझे
रहो पर दूसरो को हमेशा मिठास दो
जलेबी एक स्वादनुमा भंवर है
फस गये तो चक्रवात न फसे
तो सीधी कहानी
सब परिवार का एक साथ हो सुबह में
चना जलेबी हाथो हाथ हो
जब चाय की प्याली होंठ छुवे
वाह वाह क्या बात हो
घूमती उंगलियों से छनती जलेबी है
नहीं यह इंसानों जैसी कोई पहेली है
मत कहा करो सीधी बात
साहिब लोगों को
जलेबियाँ बहुत पसन्द हैं
मीठी भी और घुमावदार भी
अब तो जलेबी जैसी हो गयी है
जिन्दगी मीठा तो है मगर
इतनी उलझी हुई
कि शुरू और अंत का पता ही नही
तुम्हारे इश्क़ में डूबा
हूँ इस कदर
जैसे जलेबी डूबी हो
चासनी में इस कदर
उलझी बहुत है ज़िन्दगी पर
फिर भी मीठी है
जिंदगी बिलकुल जलेबी की तरह
मै फंसी थी कश्मकश मै वरना
ये जेलेबी जितना रास्ता मुझे क्या गुमराह करता
उलझनें भी मीठी हो सकती हैं
जलेबी इस बात की ज़िंदा मिसाल है
खुशबू है अंदर, खुशबू है बाहर,
खुद को मिटाकर चमकी जलेबी।
गर्म आँच पे खूब तपी है जलेबी।
जिंदगी जलेबी जैसी है आज कल ,थोड़ी मीठी, रसीली पर उलझी हुई ।
तेरे इश्क़ में डूबा हूं इस कदर
जलेबी डूबी हो चाशनी में जिस कदर
लेबी की तरह होती हैं इश्क़ की कहानियाँ
घुमावदार भी रसीली भी
जिंदगी जलेबी सी घुमावदार होती है
जरूरत है प्रेम की चाशनी की
जिंदगी उलझ गयी जलेबी की तरह
जब से प्रेम समोसे सा त्रिकोण हो गया है
लोगों का क्या है वो तो चटनी के चटखारे लेते है
चख न लेना मेरे उलझे शब्दों की जलेबियाँ
मीठी चाशनी नहीं जिंदगी की कड़वाहट है भरी
जलेबी की तरह हो गए हैं लोग भी
लगते बहुत मीठे है पर है उतने ही घुमावदार
मेरी उलझने बिलकुल जलेबी की तरह है
उलझी है मगर मीठी है
ज़नाब मुझे मीठी जलेबी से ज़्यादा
तीख़ी मिर्ची पसंद हैं
जो कहना है साफ-साफ कहो
मुझे जलेबियां पसंद नहीं है
फरेबी लोग बातें करते हैं
बिल्कुल जलेबी की तरह
जलेबी ये भी बयां करतीं है
की ढूंढने से उलझनों
में भी मिठास मिल जाया करती है
उलझनें भी मीठी हो सकती है
जलेबी इस बात की गवाह है
मैं तुम्में डूब जाऊँ तुम मुझमें घुल जाओ
मैं जलेबी तुम मेरी चाशनी बन जाओ
तुम जो उलझ जाओ किसी रोज़ तो मै चाशनी बन जाऊँगी
जलेबी सी इक मीठी उलझन बन जाएंगे फ़िर हम दोनों भी
प्रेम आया भी तो जलेबी बनकर
मिठास भी है और उलझनें भी
मीठा मन है नरम तुम्हारा सख्त मिज़ाज़ का मैं कायल
तुम एक गर्म जलेबी सी मैं ठहरा एक तीखा शायर