100+ Hate Shayari

100+ Hate Shayari is a collection of expressive verses that delve into the raw and complex emotions of hatred. With over a hundred Shayari compositions, this anthology explores the depths of negative feelings, resentment, and animosity, providing a platform for venting and expressing difficult emotions. Each Shayari piece reflects the intense emotions associated with hatred, making it a resource for those looking to convey their feelings or simply engage with the darker facets of human emotions through the art of poetry. Whether you’re grappling with negative sentiments or seeking a channel to express them, this collection offers a candid and emotive journey through the world of Hate Shayari.

Hate Shayari In Hindi

कौन कहता है कि,
सिर्फ नफरतों में ही दर्द होता हैं,
कभी हद से ज्यादा मोहब्बत भी,
बहुत तकलीफ देती है…!!

यकीन करो मोहब्बत इतनी भी आसान नही हैं,
हज़ारों दिल टूट जाते हैं,
एक दिल के हिफाज़त में….

तन्हा रहना तो सिख लिया,
पर कभी खुश न रह पाएंगे,
तेरी दूरी तो सह लेगा ये दिल,
पर तेरे प्यार के बिना जी न पाएंगे…

आँशु जानते हैं कौन अपना हैं,
तभी अपनो के आगे निकलते है,
मुस्कुराहट का क्या हैं,
गैरो से भी वफ़ा कर लेती हैं….

नफरत थी मुझसे तो इज़हार क्यों किया,
देना था ज़हर मुझको तो प्यार क्यों किया,
ज़हर दे के कहते हो पीना ही होगा,
पी गया तो कहते हो अब जीना ही होगा।

वो जो हमसे नफरत करते हैं,
हम तो आज भी सिर्फ़ उन पर मरते हैं,
नफरत है तो क्या हुआ यारों,
कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।

दिलों में गर पली बेजा कोई हसरत नहीं होती,
हम इंसानों को इंसानों से यूँ नफरत नहीं होती।

चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,
देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,
जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,
सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह।

कुछ इस अदा से निभाना है
किरदार मेरा मुझको,
जिन्हें मुहब्बत न हो मुझसे
वो नफरत भी न कर सके।

खुदा सलामत रखना उन्हें,
जो हमसे नफरत करते हैं,
प्यार न सही नफरत ही सही,
कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।

हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं,
जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।

गुजरे हैं इश्क़ में हम इस मुकाम से
नफरत सी हो गई है मोहब्बत के नाम से
हम वह नहीं जो मोहब्बत में रो कर के
जिंदगी को गुजार दे…
अगर परछाई भी तेरी नजर आ जाए
तो उसे भी ठोकर मार दें।

तेरी नफरतों को प्यार की खुशबु बना देता,
मेरे बस में अगर होता तुझे उर्दू सीखा देता।

नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं मुझसे,
जब भी मिलते हैं कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं ।

देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना
नफरत बता रही है…
तूने मोहब्बत गज़ब की की थी।

वो वक़्त गुजर गया… जब मुझे तेरी आरज़ू थी,
अब तू खुदा भी बन जाए तो मैं सज़दा न करूँ।

मतलबी ज़माना है नफरतों का कहर है,

ये दुनिया दिखाती शहद है पिलाती ज़हर है

दिलों में गर पली बेजा कोई हसरत नहीं होती,

हम इंसानों को इंसानों से यूँ नफरत नहीं होती।

क़त्ल तो लाजिम है इस बेवफा शहर में,

जिसे देखो दिल में नफरत लिये फिरता है।

तेरे हर एक अक्स से नफरत होने लगी,

कुछ इस कदर हमें खुद से मोहब्बत होने लगी।

जीते थे कभी हम भी शान से,

महक उठी थी फिजा किसी के

नाम से.पर गुज़रे हैं हम कुछ ऐसे मुकाम से,

की नफरत सी हो गयी है मोहब्बत के नाम से.

कौन कहता है की दिल.. सिर्फ लफ्जों से दुखाया जाता है,

तेरी ख़ामोशी भी कभी कभी..आँखें नाम कर देती है.

जब से वो नफरत के काबिल हुए है,

हम खुद से ही मोहब्बत करने लगे है।

चला जाऊँगा मैं धुंध के बादल की तरह,

देखते रह जाओगे मुझे पागल की तरह,

जब करते हो मुझसे इतनी नफरत तो क्यों,

सजाते हो आँखो में मुझे काजल की तरह।

लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,

नफरत ही सही पर वो मुझे सोचता तो है।

नफ़रतों के शहर में चालाकियों के डेरे है,

यहाँ वो लोग रहते है जो तेरे मुँह पे तेरे मेरे मुंह पे मेरे है।

नफरत कभी न करना तुम हमसेये हम सह नहीं पायेंगे.

एक बार कह देना हमसे ज़रूरत नहीं अब तुम्हारीतुम्हारी दुनिया से हसकर चले जायेंगे.

प्यार किया बदनाम हो गए,

चर्चे हमारे सरेआम हो गए,

ज़ालिम ने दिल उस वक़्त तोडा,

जब हम उसके गुलाम हो गए|

बदला नहीं लूंगा बस बदल जाऊंगा,
नज़रअंदाज़ कर दूंगा तुझे जब भी नज़र आऊंगा।

कुछ इस अदा से निभाना है किरदार मेरा मुझको,

जिन्हें मुहब्बत ना हो मुझसे वो नफरत भी ना कर सके।

बैठ कर सोचते हैं अब कि क्या खोया क्या पाया,

उनकी नफरत ने तोड़े बहुत मेरी वफ़ा के घर।

हम उनको भी दुआ देते है,

जिनको हमारे नाम से भी नफरत है।

तूने जो किया गुनाह,

हम तुझे माफ़ न करेंगे,

अगर मिल भी गए किसी और जनम में,

हम तब भी तुझसे नफरत ही करेंगे.

झ़ुठा अपनापन तो हर कोई जताता है,

वो अपना ही क्या जो हरपल सताता है,

यकीन न करना हर किसी पे,

क्यू की करीब है कितना कोई ये तोवक़्त ही बताता है…

बिना तुम्हारे कभी आयी नहीं,

क्या मेरी नींद भी तुम्हारी है।

खुदा सलामत रखना उन्हें,

जो हमसे नफरत करते हैं,

प्यार न सही नफरत ही सही,

कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे करते हैं।

वो नफरतें पाले रहे हम प्यार निभाते रहे,

लो ये जिंदगी भी कट गयी खाली हाथ सी।

नफरत हो जाएगी तुझे खुदसे,

मैं अगर तुझसे तेरे ही अंदाज़ में बात करूं।

बड़ी हसीन थी जिंदगीजब

ना किसी से मोहब्बत न किसी से नफरत थीजिंदगी में

एक मोड़ ऐसा आया मोहब्बत उससे हुई

और नफरत सारी दुनिया से हो गयी.

आंसुओं की बूँदें हैं या आँखों की नमी है

न ऊपर आसमां है न नीचे ज़मी है

यह कैसा मोड़ है ज़िन्दगी का,

उसी की ज़रूरत है और उसी की कमी है..

तेरी नफरत बता रही है कि,

कितनी मोहब्बत की थी हमने।

हाँ मुझे रस्म-ए-मोहब्बत का सलीक़ा ही नहीं,

जा किसी और का होने की इजाज़त है तुझे।

नफ़रत हो जायेगी तुझे अपने ही किरदार से,

अगर मैं तेरे ही अंदाज में तुझसे बात करुं।

समझ नहीं आता किस पर भरोसा करू,

यहाँ तो लोग नफरत भी करते है प्यार की तरह।

Latest Hate Shayari

कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,

सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,

सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,

जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था…

मुझे कुछ अफ़सोस नहीं के मेरे पास,

सब कुछ होना चाहिए था,

मै उस वक़्त भी मुस्कुराता था..

जब मुझे रोना चाहिए था|

वो जो नफरत के लायक नहीं थे,

उनसे हम बेशुमार प्यार कर बैठे।

तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज्यादा किया था,

अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।

तुम ना ही मिलते तो अच्छा था,

बेकार में मोहब्बत से नफरत हो गयी।

लम्हें जुदाई के बेकरार करते हैं,

हालात मेरे मुझे लाचार करते हैं,

आँखें मेरी पढ़ लो कभी भी,

हम खुद कैसे कहें कि आपसे प्यार करते हैं।

लेकर के मेरा नाम वो मुझे कोसता है,

नफरत में ही सही वो मुझे सोचता है।

मुझसे नफरत की अजब राह निकली उसने,

हँसता बसता दिल कर दिया खाली उसने,

मेरे घर की रिवायत से वोह खूब था वाकिफ,

जुदाई माँग ली बन के सवाली उसने।

तेरी नफरतों को प्यार की खुशबु बना देता,

मेरे बस में अगर होता तुझे उर्दू सीखा देता।

तुझे प्यार भी तेरी औकात से ज़्यादा किया था,

अब बात नफरत की है तो नफरत ही सही।

धोखा दिया था जब तूने मुझे;

जिंदगी से मैं नाराज था;

सोचा कि दिल से तुझे निकाल दूं;

मगर कंबख्त दिल भी तेरे पास था।

मुनाफा ही कर दिया उन्होंने मेरा,
कम मोहबब्त के बदले ज़्यादा नफरत देकर।

नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं मुझसे,

जब भी मिलते हैं कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं ।

उसने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,

कितने रिश्ते उसकी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,

कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,

कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ।

ज़माना वो भी था जब तुम खास थे,

ज़माना ये भी है कि तेरा ज़िक्र तक नहीं।

तेरी आरज़ू मेरा ख्वाब है,

जिसका रास्ता बहुत खराब है,

मेरे ज़ख्म का अंदाज़ा न लगा,

दिल का हर पन्ना दर्द की किताब है।

जब नफरत करते करते थक जाओ,
तब एक मौका प्यार को भी दे देना।

देख कर उसको तेरा यूँ पलट जानानफरत बता रही है…

तूने मोहब्बत गज़ब की की थी।

कभी उसने भी हमें चाहत का पैगाम लिखा था,

सब कुछ उसने अपना हमारे नाम लिखा था,

सुना है आज उनको हमारे जिक्र से भी नफ़रत है,

जिसने कभी अपने दिल पर हमारा नाम लिखा था।

धोखा देकर ऐसे चले गए,

जैसे कभी जानते ही नहीं थे

अब ऐसे नफरत जताते हो,

जैसे प्यार को मानते ही नहीं थे।

रात की गहराई आँखों में उतर आई,

कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,

ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,

कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई.

चलो थोड़ा सुकून से जिया जाए,
जो दिल दुखाते है उनसे थोड़ा दूर रहा जाए।

वो वक़्त गुजर गया… जब मुझे तेरी आरज़ू थी,

अब तू खुदा भी बन जाए तो मैं सज़दा न करूँ।

न मोहब्बत संभाली गई,

न नफरतें पाली गईं,

अफसोस है उस जिंदगी का,

जो तेरे पीछे खाली गई।

तुम से जो मोहबत थी ना,

अब वो नफरत में बदल गयी है।

सुन लिया हम ने फैसला तेरा;

और सुन के उदास हो बैठे;

ज़हन चुप चाप आँख खाली;

जैसे हम क़ायनात खो बैठे।

नफरत करनी है तो इस कदर करना,
कि हम दुनिया से चले जाए.
पर तेरी आंख में आंसू ना आए।

ज्यादा कुछ नहीं बदला,

उनके और मेरे बीच में,

पहले नफरत नहीं थी,

अब मोहब्बत नहीं हैं।

तुम नफरत का धरना कयामत तक जारी रखो,

मैं प्यार का इस्तीफा ज़िन्दगी भर नहीं दूंगा।

नज़र नवाज़ नज़रों में ज़ी नहीं लगता;

फ़िज़ा गई तो बहारों में ज़ी नहीं लगता;

ना पूछ मुझसे तेरे ग़म में क्या गुजरती है;

यही कहूंगा हज़ारों में ज़ी नहीं लगता।

देख कर उसको तेरा यूँ पलट जाना,

नफरत बता रही है तूने मोहब्बत गज़ब की की थी।

दुनिया को नफरत का सुबूत नहीं देना पड़ता,

मगर लोग मोहब्बत का सुबूत ज़रूर मांगते है।

हर भूल तेरी माफ़ की..

हर खता को तेरी भुला दिया..

गम है कि, मेरे प्यार का..

तूने बेवफा बनके सिला दिया!!

नफरत करने वाले भी गज़ब का प्यार करते हैं,

जब भी मिलते है कहते हैं कि तुझे छोड़ेंगे नहीं।

जो लोग कहते है कि उन्हें प्यार से बहुत नफरत है,

ये वही लोग है जिन्हें प्यार में सिर्फ नफरत ही मिलती है।

उसके चले जाने के बाद..

हम महोबत नहीं करते किसी से..

छोटी सी जिन्दगी है..

किस किस को अजमाते रहेंगे|

नही हो अब तुम हिस्सा मेरी किसी हसरत के,

तुम बस काबिल हो बस मेरी नफरत के।

दिल नहीं लगता आपको देखे बिना;

दिल नहीं लगता आपके बारे में सोचे बिना;

आँखें भर आती हैं यह सोच कर;

कि किस हाल में होंगे आप हमारे बिना……

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