Indulge in the love for chai (tea) with our collection of 100+ Chai Lover Shayari. These poetic verses celebrate the simple joy of sipping tea and the warmth it brings. From expressing the comfort of chai to capturing the moments of relaxation, these Shayaris resonate with every chai enthusiast. Whether you’re enjoying a solitary cup or sharing conversations over tea, these verses add a delightful touch to your love for this beloved beverage. Immerse yourself in the world of Chai Lover Shayari and let these words evoke the soothing aroma and camaraderie of chai.
Chai Lover Shayari
मन के थकान को दूर करती है चाय,
स्वाद बढ़ जाएँ अगर आपके हाथो से मिल जाएँ !
ये जो चाय से इतनी मोहब्बत है,
कसम से ये सब तुम्हारी बदौलत है !
हलके में मत लेना तुम सावले रंग को,
दूध से कहीं ज्यादा देखे हैं शौकीन मैंने चाय के !
किसको बोलूँ हेलो और किसको बोलू हाय,
हर टेंशन की एक ही दवा है अदरक वाली चाय !
अमीरी और गरीबी नहीं देखती साहब,
ये चाय है सबको एक सा सुकून देती है !
सांवला है रंग थोड़ा कड़क मिजाज है,
सुनो तुम पसंद हो मुझे,
तुम्हारा चाय जैसा स्वाद है।
मिलों कभी चाय पर फिर कोई किस्से बुनेंगे,
तुम खामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे !
चाय के नशे का आलम तो कुछ, यह है गालिब कोई राई भी दे, तो अदरक वाली बोल देते हैं !
जैसे शाम ढलती जा रही है,
तुम्हारे संग चाय की तलब,
बढ़ती जा रही है।
सर्दियों के बस दो ही जलवे,
तुम्हारी याद और हाथ में वो चाय !
इक चाय सा नशा है तुझमे भी यारा,
सुबह होते ही तुमारी तलब लग जाती है !
इश्क में दर्द का होना लाजमी है,
क्योंकि बिना चीनी की चाय फीकी लगती है !
चाय की चुस्की के साथ अक्सर कुछ गम भी पीता हूं !
मिठास कम है जिंदगी में मगर जिंदादिली से जीता हूँ ।
ये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानो,
हर एक घूँट में एक अलग ही नशा है !
ये चाय की लत भी बड़ी खराब है, तन्हाई में भी दिलाती तेरी ही याद है !
चाय के बाद दूसरा रंग तुम्हारा है, जो मुझे सांवला अच्छा लगता है !!
मोहब्बत हो या चाय, एकदम कड़क होनी चाहिए !
दूध से कहीं ज्यादा देखे है
मैंने शौक़ीन चाय के !
ना इश्क ना कोई राय चाहिए
सर्द मौसम है बस चाय चाहिए !!
यादों में आप और हाथ में चाय हो, फिर उस सुबह की क्या बात हो !
कॉफी वाले तो सिर्फ फ्लर्ट करते हैं,
कभी इश्क़ करना हो तो चाय वालों से मिलना !
वो पल भी कोई पल है,
जिस पल तेरा एहसास ना हो,
वो चाय फिर चाय कैसी,
जिसमें तेरे होठों सी मिठास ना हो !!
जीभ जलने पर जब चाय छोडी नही जाती,
तो दिल ज़लने पर इश्क क्या खाक छोड़ेंगे !
तो सिर्फ दवा है साहब,
दर्द तो कुछ और ही है !
ये गरम चाय तो यूं ही बदनाम है,
कलेजा तो आपकी बेरुखी से जलता है !
रिश्तों में मिठास आखिर क्यूं न हो, आपके महबूब को चाय जो पसंद है !
महंगाई ने आशिकों को मार रखा है,
ये चाय ही है जिसने अभी तक संभाला हुआ है !
जितना उबलती है उतनी बेहतर लगती है,
ये चाय भी ना मुझे मेरे,
गुस्सेवाली बाबू जैसे लगती है !
चाय दूसरी एसी चीज़ है,
जिससे आंखें खुलती है,
धोखा अभी भी पहले नम्बर पर है !
लोगों की दोस्ती पर शक होने लगा है,
क्योंकि चाय पिने वाला आज कल,
कॉफी जो पिने लगा है !
लोगो ने दारु को तो यूँही बदनाम किया है,
असली नसा तो चाय पीने में है ।
बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से गरम करने,
चाय ठंडी होती गई और आँखे नम !
सुबह की चाय और बड़ो की राई,
समय समय पर लेते रहना चाहिए !
उस चाय से भरे प्याले में बस कमी थी,
तो उसके इश्क करने वाले हाथों की !
चाय के नशे का आलम तो कुछ इस कदर है, कोई राई भी दे तो अदरक वाली बोल देते हैं ।
चाय से हमेशा मोहब्बत है,
और हमेशा रहेगी,
चाहे पूरी दुनिया कॉफी के लिए मर मिटे !
मैं बन जाऊंचाय की पत्ती,
तुम बन जाओ शक्कर के दाने,
कोई तो मिलाएगा हमें चाय पीने के बहाने !