100+ Afsos Shayari in Hindi

“Afsos” Shayari, also known as poetry of regret or sorrow, delves into the depths of human emotions, capturing the pangs of heartache, loss, and remorse. These soul-stirring verses express the pain of unfulfilled dreams, lost love, and missed opportunities. Afsos Shayari reflects the bittersweet moments of life, reminding us of the fleeting nature of time and the significance of cherishing every precious moment. Through its poignant expressions, this genre of poetry touches the hearts of readers, offering solace and a sense of connection to those who have experienced similar emotions. Afsos Shayari is a window into the human soul, reflecting the complexities of the human experience and leaving an indelible impact on those who immerse themselves in its verses.

Afsos Shayari

वो कभी डरा ही नहीं मुझे खोने से
उसे क्या फर्क पड़ता है मेरे होने से

अफसोस यही है जिंदगी का
की एक जिंदगी मिली, उसमे भी तू ना मिली

उसकी आँखों में नजर आता है सारा जहाँ मुझको
अफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा

अफसोस है मुझे कि मैंने तुम्हें अपना दिल दिया
एक बेवफा को मैंने अपना मासूम दिल सौंप दिया।

मुझे कुछ अफ़सोस नहीं की मेरे पास सब कुछ होना चाहिए था
मैं उस वक्त भी मुस्कुराता था जब मुझे रोना चाहिए था।

एक ही गिला मुझको, वो क्यों नहीं मिला मुझको

हर मुलाकात पर वक़्त का तकाज़ा हुआ, हर याद पर दिल का दर्द ताज़ा हुआ
सुनी थी सिर्फ लोगों से जुदाई की बातें, खुद पर बीती तो हकीक़त का अंदाज़ा हुआ

तकलीफ ये नहीं की किस्मत ने मुझे दोखा दिया
अफ़सोस तो ये है की मेरा तुम पर था, किस्मत पर नहीं।

सीखा दिया दुनिया ने मुझे अपनों पर भी शक करना
मेरी फितरत मे तो गैरो पर भी भरोसा करना था

आज अफ़सोस होता है खुद के हाल पर, रोना आता है उसकी हर कही बात पर
हमने तो खुद को पूरी तरह खो कर भी उसको पा ना सके

तुम लिखते रहे मेरे आँसुओ पर गजल
अफसोस ये भी न पूछा रोते क्यों हो

वो सर भी काट देता तो होता न कुछ मलाल
अफ़सोस ये है उस ने मिरी बात काट दी

अब अच्छा लगता है ना जलाकर दिल मेरा 
अफसोस करोगे एक दिन, क्योंकि ये था आशियां तेरा

अब सज़ा दे ही चुके हो तो मेरा हाल ना पूछना
अगर मैं बेगुनाह निकला तो तुम्हे अफ़सोस बहुत होगा

तुम्हारे जाने का अफसोस नहीं है मुझे
मगर सोच रहा हूं कैसे भूलाऊंगा तुझे

हमसे बिछडकर अब वो खुश रहने लगे है
अफ़सोस की हमने उनकी ये ख़ुशी छिन रखी थी

ये दिल, दिल नहीं है साहब
अधूरी हसरतों का यतीम खाना है

लोग ख़ुद पर विश्वास खोने लगे है
अब तो दोस्त भी मतलबी होने लगे है

रो रहे थे जो जनाजे में मेरे
अफ़सोस वही लोग मेरे कातिल निकले

यूं तो सब कुछ पा लोगे तुम अपनी जिंदगी में
मगर अफसोस की मेरे वो मेंहदी वाले हाथ तेरे ना हो सकेंगे

अफ़सोस तो है तुम्हारे बदल जाने का मगर
तुम्हारी कुछ बातों ने मुझे जीना सिखा दिया

वो अपने घर चला गया अफ़सोस मत करो
इतना ही उस का साथ था अफ़सोस मत करो

मसला ये नही की मंजिल मुश्किल है
तू साथ नही इस बात का अफ़सोस है

ज़िन्दगी उसकी जिसकी मौत पर ज़माना अफ़सोस करे
यूँ तो हर शख्स आता है दुनिया में फ़ना होने के लिए

कोई बात नहीं जो प्यार के गुल ना खिले
अफसोस नहीं है हमें तुम जो ना मिले

मैं फना हो गया अफ़सोस वो बदला भी नहीं
मेरी चाहतों से भी सच्ची रहीं नफरतें उसकी

रखते थे जो होंठों पे उँगलियाँ मरने के नाम से
अफ़सोस वो ही लोग मेरे दिल के कातिल निकले

उसकी ख़ुशी के लिए हमने छोड़ दी हर ख्वाहिश
चार कदम चला और बदल गया किसी के आने से

अफ़सोस है हमे, तुम्हे पा ना सके
तेरी इन बाहों में सर छुपा ना सके

अफसोस क्या करे तेरे ना मिलने का
मिले तो हम उस खुदा से भी नही

आकर मेरी कब्र पर रोता हैं बार बार
क़ातिल को मेरी मौत का अफ़सोस बहुत हैं

हम चाहते थे मौत ही हम को जुदा करे
अफ़सोस अपना साथ वहाँ तक नहीं हुआ

अफ़सोस है मगर अब शिकवा नही
एक शख्स मेरे साथ रह कर भी मुझे समझा नही

चलिए अब तो मान लें, आप हैं दुश्मन मेरे
अफसोस है कि यार को ये कहना मुझे पड़ा

दिलबर ने तोड़ा दिल, फिर भी हमने ना कोई गिला किया
अब कोई अफसोस नहीं है, हमें जो प्यार में धोखा मिला

सर अब भी झुक रहे है नमाजों में दोस्तों
अफ़सोस तो ये है की वो सजदे अब नहीं रहे

मत रहो दूर हमसे इतना की अपने फैसले पर अफ़सोस हो जाए
कल को शायद ऐसी मुलाक़ात हो हमारी, की आप हमसे लिपटकर रोयें और हम खामोश हो जाएँ

क्या कहूँ मैं कहने को शब्द नहीं मिल रहे
चलो आज खामोशी ही महसूस कर लो

अफसोस नही है मुझे की तुम बेवफा निकली, लेकिन ग़म इस बात का है
वो लोग सब सच निकले, जो कहते थे ये तेरे काबिल नही है

मुझे गम नही के वो हमें छोड़ कर चले गए, अफ़सोस तो इस बात का है की
जिन जिन को हम ने अपना माना, वहीँ हम से मुंह मोड़ कर चले गए

मैं अन्धेरा हूं तो अफसोस क्यूं करूं
मुझे गुरूर है रोशनी का वजूद मुझसे है

दुनिया जो कहती थी वो किए जा रहे थे हम
अफ़सोस आप ने जो कहा था नहीं किया

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