“100+ Duniya Ki Bheed Shayari” is a poetic exploration of life amidst the bustling crowds and chaos of the world. With over a hundred verses, this collection beautifully captures the essence of navigating through the complexities and challenges of existence. Each shayari reflects the myriad emotions, aspirations, and reflections that arise when one is a part of the tumultuous journey in this crowded world. Whether you seek solace in the shared human experience or appreciate the beauty of finding meaning in chaos, this anthology offers a profound tapestry of verses that resonate with the essence of life itself.
Duniya Ki Bheed Shayari
अकेलापन से छुटकारा पाने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में भी एक अकेला दिल है मेरा, सपनों की दुनिया में खो जाने का मन करता है।
जहाँ भी देखो, दुनिया की भीड़ है साथ, अकेलापन का दर्द बढ़ जाता है मन में।
दुनिया की भीड़ में खोने की आदत हो गई है, अपने ख्वाबों को भूलने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में भी एक अकेला हूँ, खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
जब भी दुनिया की भीड़ में खो जाता हूँ, अपनी खोई हुई खुदी को ढूंढने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में बसता है एक अकेला दिल, सोचता हूँ, कहीं खो जाने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ से दूर, अपने ख्यालों में, खो जाने का मन करता है इस आदमी को।
जब दुनिया की भीड़ से थक जाता हूँ, तो खुद को पुराने दिनों में खो जाने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में भी अपना एक सफर है, खुद को खोकर अपनी खुदी का पता करने का मन करता है।
जिन्दगी की दुनिया में छुपा है ख़ुद का रास्ता, दुनिया की भीड़ में भी अपने सपनों को पूरा करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में भी खुद का अलग ही सफर है, खुद को पहचानने का मन करता है ये दिल।
दुनिया की भीड़ में भी अपने ख्वाबों को पूरा करता हूँ, अकेलेपन से जीने का मन करता है मुझे।
जिन्दगी की दुनिया में होता है सब कुछ, लेकिन कभी-कभी दुनिया से दूर जाने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में भी अपने आप को पहचानने का मन करता है, खुद को खोकर अपना रस्ता ढूंढने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में खो जाने का मन करता है, अपने अंदर की खोई हुई खुदी को ढूंढने का मन करता है।
जब दुनिया की भीड़ से थक जाता हूँ, तब खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में भी एक अकेला दिल है, सपनों की दुनिया में खो जाने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में बसता है एक अकेला दिल, खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
जब भी दुनिया की भीड़ में खो जाता हूँ, खुद को पहचानने का मन करता है मुझे।
दुनिया की भीड़ में भी अपने सपनों को पूरा करने का मन करता है, खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
जिन्दगी की दुनिया में छुपा है एक अकेला सफर, खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में खोने की आदत हो गई है, खुद को खोने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में बसता है अकेला दिल, अपने सपनों की तलाश में खो जाने का मन करता है।
जब दुनिया की भीड़ से थक जाता हूँ, खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में भी अपने आप को पहचानने का मन करता है, खुद को खोने का मन करता है।
जब दुनिया की भीड़ से थक जाता हूँ, अपने सपनों की तलाश में खो जाने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में खोने की आदत हो गई है, खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में भी एक अकेला दिल है, सपनों की दुनिया में खो जाने का मन करता है।
जब दुनिया की भीड़ से थक जाता हूँ, खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपना खोया हुआ हूँ, खुद को पहचानने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में एक खोया हुआ दिल है, अपनी खुदी को खो जाने का मन करता है।
जिन्दगी की दुनिया में बसी है भीड़, खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में खो जाने का मन करता है, खुद को खोकर अपना असली आत्मा ढूंढने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में भी अपना रास्ता ढूंढता है, खुद को पहचानने का मन करता है। l
जब दुनिया की भीड़ से थक जाता हूँ, तब खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में भी एक खोया हुआ दिल है, अपनी खुदी को पहचानने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में खो जाने का मन करता है, अपने अंदर की खोई हुई खुदी को ढूंढने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ से दूर, अपनी ख्यालों में, खो जाने का मन करता है इस आदमी को।
दुनिया की भीड़ में अपना रास्ता ढूंढने का मन करता है, अपनी मनजिल की ओर बढ़ने का मन करता है।
जिन्दगी की दुनिया में छुपा है एक अकेला सफर, खुद को पहचानने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में खोने की आदत हो गई है, अपने ख्वाबों को पूरा करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपनी खुदी को पहचानने का मन करता है, खुद को पहचानने का मन करता है ये दिल।
जब दुनिया की भीड़ से थक जाता हूँ, खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपनी खुदी को खो जाने का मन करता है, अपने सपनों को पूरा करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में खोने की आदत हो गई है, खुद को पहचानने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपना रास्ता ढूंढता है, अपनी मनजिल की ओर बढ़ने का मन करता है।
जिन्दगी की दुनिया में छुपा है एक अकेला सफर, खुद को पहचानने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपना खोया हुआ हूँ, अपनी मनजिल की ओर बढ़ने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में खो जाने का मन करता है, खुद को पहचानने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अकेलापन ढूंढता है मन, जब भी दुनिया से छुटकारा पाने का मन करता है।
जिन्दगी की दुनिया में होती है सारी छवियाँ, लेकिन कभी-कभी अपने अंदर की सच्चाई को पहचानने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में जब खो जाता है राह, तो अपने सपनों की ओर चलने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ से बातचीत करते करते तन्हा हो जाता है दिल, खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
जब दुनिया की भीड़ से थक जाता हूँ, तो अपने ख्वाबों की ओर बढ़ने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपने आप को खो जाने का मन करता है, अपने दिल की गहराइयों में खो जाने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में भी खुद का खोया हुआ हूँ, अपने अंदर की खुदी को ढूंढने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में खोने की आदत हो गई है, अपने सपनों को पूरा करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपने आप को पहचानने का मन करता है, खुद को खोकर अपना असली आत्मा ढूंढने का मन करता है।
जिन्दगी की दुनिया में होता है सब कुछ, लेकिन कभी-कभी दुनिया से दूर जाने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में छुपा है एक अकेला सफर, जिसमें अपनी ख्वाबों की तलाश होती है।
दुनिया की भीड़ में अकेलापन का दर्द छुपा होता है, जो अपने ख्वाबों की पुरी कविता होता है।
जिन्दगी की भीड़ में हम सभी गुम हो जाते हैं, लेकिन अकेलापन से भी कुछ सीख लेने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपना खोया हुआ दिल है, जो अपने सपनों की ओर बढ़ने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में छुपा है अकेलापन का दर्द, जो अपने अंदर की खुदी की तलाश में होता है।
जब भी दुनिया की भीड़ में खो जाता हूँ, अपने ख्वाबों की ओर बढ़ने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपना रास्ता ढूंढता है मन, खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ से दूर जाने की आसमान जरूरत है, जहाँ खुद को पहचानने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपने सपनों की खोज होती है, जो अपने सपनों की ओर बढ़ता है।
जिन्दगी की भीड़ में होता है सब कुछ, लेकिन कभी-कभी दुनिया से दूर जाने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अकेलेपन की तलाश होती है, सपनों के जहां में खो जाने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपना खुद का रास्ता बनाने का मन करता है, अपने ख्वाबों की ओर बढ़ने का मन करता है।
जब भी दुनिया की भीड़ में खो जाता हूँ, खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में खोने की आदत हो गई है, खुद को पहचानने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपने अंदर की खुदी को खो जाने का मन करता है, सपनों के साथ का सफर करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपनी मनजिल की ओर बढ़ता है आदमी, खुद को पहचानने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में छुपा है एक अकेला सफर, जो अपनी मनजिल की ओर बढ़ता है।
दुनिया की भीड़ में खो जाने का मन करता है, खुद को खोकर अपने सपनों की ओर बढ़ने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपने सपनों को पूरा करने का मन करता है, खुद के साथ का सफर करने का मन करता है।
दुनिया की भीड़ में अपने आप को पहचानने का मन करता है, अपनी मनजिल की ओर बढ़ने का मन करता है।