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Patriotic Shayari
दिल हमारे एक हैं एक ही है हमारी जान,
हिंदुस्तान हमारा है हम हैं इसकी शान,
जान लुटा देंगे वतन पे हो जायेंगे कुर्बान,
इसलिए हम कहते हैं मेरा भारत महान।
जो अब तक ना खौला वो खून नही पानी है,
जो देश के काम ना आये वो बेकार जवानी हैं।
जो खौल नहीं सकता, वो खून नहीं पानी है
जो देश के काम न आए, बेकार वो जवानी है
मर मिटो वतन पे, नाम शहीदों में लिखवाओ
बता दो हर एक को, के हम हिन्दुस्तानी है
जीना उसीका जीना है, जो मरना वतन पे जाने
आन शान को देश की, जो जान से ज्यादा माने
शम्मा है ये वतनपरस्ती, दिल इसपे निशार है
जाँ लुटा दे इसकी लौ में, हम उसके परवाने
रहे साँस जब तलक, नाम जुबाँ पे आएगा
बाद हमारे भी यारो, ये परचम लहराएगा
आवाज उठेगी यलगार होगा, कोई रोक न पाएगा
ऊँचा था सदा तिरंगा, और ऊँचा उठ जाएगा
मेरी रगों में बहता, खून अभी बाकी है
मेरे सिने में हिन्दुस्तान, अभी बाकी है
मुझे जात धरम में, मत उलझाओ
मुझमे अभी इंसान, बाकी है
मजहब मेरा ईमान, देश प्रेम ही जाति है
वतनपरस्ती की बातें, दिल को मेरे भाती है
हरदम मेरे सिने में, एक ही आवाज आती है
सर कभी न झुके कहीं, दिल की धडकन गाती है
मैं लुटा दूं अपनी जाँ, भारत के निर्माण में
मेरा हर एक कदम है, भारत के कल्याण में
है मोहब्बत मेरे दिल में, वतन मेरा महबूब है
है मेरा भी गौरव समाया, भारत के अभिमान में
रहे तिरंगा ऊँचा हरदम, बात है ये सम्मान की
देश भक्ति वन्दे मातरम, हर दिल के अरमान की
राणा शिवा भगत सिंह, वीरो के बलिदान की
सदा सलामत रहे हमेशा, धरती हिंदुस्तान की
मरके भी जिन्दा रहे, ऐसी शान होनी चाहिए
कफ़न तिरंगा और, होठों पे मुस्कान होनी चाहिए
मरते तो सभी है, जहां में लेकिन
मरके भी जिन्दा रहे, वो आन होनी चाहिए
शुभ दिन है लहराओ गगन पे, आज तिरंगा प्यारा
आज़ादी का ये दिन है, है त्यौहार ये हमारा
गूँज रहा है देश प्रेम के, नारों से हिंदुस्तान
कौमी एकता का जलवा, देखे ये ज़माना सारा
शुभ दिन है लहराओ गगन पे, आज तिरंगा प्यारा
आज़ादी का ये दिन है, है त्यौहार ये हमारा
गूँज रहा है देश प्रेम के, नारों से हिंदुस्तान
कौमी एकता का जलवा, देखे ये ज़माना सारा
लिखा संविधान इतना प्यारा, हर मन को भाया है
आजादी का हर उत्सव, हर जन को हर्षाया है
कही बिगुल बजे कही, बजी ध्वनि नारों की
भारत माता का चेहरा, फिर से आज मुस्काया है
फूल है हम उस माला के, जिसको लहू से सींचा है
भांति भांति के धर्मो का ये, सुन्दर सा एक बगीचा है
पहनावे और खान पान में, अंतर हमको दीखता है
पर बात आए जब एकता की, न ऊंचा न कोई निचा है
ये है भारत ये है सभ्यता, आओ जहाँ को बतलाते है
हमको कभी न कम आंकना, आओ सब को दिखलाते है
प्रेम करो तो गले लगाए, बाहों में हम भर लेते है
प्रीत प्यार की रीत हम, आओ जहाँ को सिखलाते है
देश पे मरने वाले का सम्मान होना चाहिए
देश भक्त का दुनिया में नाम होना चाहिए
भारत माँ का लाडला होता लाखो में एक
उस सितारे का जहां में प्रकाश होना चाहिए
हम बेटे है भारत के हम माँ के लाल कहाते है
देशप्रेम में ओतप्रोत हम निज खून बहाते है
संकट न कोई आए हम माँ के पहरेदार है
हम में है वो जज्बा के हम शेर से भी भीड़ जाते है
देश ही सबसे पहले आता देश से ऐसा नाता है
सोचु कुछ और भी तो कुछ और न बोला जाता है
मैं भारत का भारत मेरा सदियों की प्रीत पुरानी है
मस्तक मेरा खुद ही इसकी माटी में झुक जाता है
मेरी साँसे नगमे गाती देशप्रेम की क्यारी में
हम सभी रहते जहाँ प्यार की फुलवारी में
मेरा मकसद मेरा भारत रहे ऊँचा ही हरदम
चाहे कोई जोर लगाले कितनी भी तयारी में
जिऊँ तो जुबाँ पर, नाम हो तेरा
मर जाऊँ तो तिरंगा, कफ़न हो मेरा
मैं ख्वाहिश नहीं करता, सोने चांदी की
निकले जहाँ साँसे, वो मादरे वतन हो मेरा
देश प्रेम का मन में, ख्वाब रखना
होठो पे अपने सदा, इन्कलाब रखना
और थर्रा उठे, दुश्मन का जिगर
चेहरे पे अपने, वो आब रखना
कुछ नहीं मिलेगा, सिमट के सनम की बाहों में
देश पे मर मिट जा, तेरा नाम हो जाएगा
और कतरा लहू का, एक भी गिरा जमीं पर तो
शहीदों में शुमार, तेरा नाम हो जाएगा
धधकते शोलो को, सिने में जलाए रखना
देशप्रेम को दिल में, बसाए रखना
पड़ जाए कभी जरुरत, तो पीछे मत हटना
राणा शिवा को मन में, बसाए रखना
इस सरहद के निगेहबान है हम
माँ भारती के लाल है हम
दोस्त है अपनों के लिए
दुश्मन के लिए काल है हम
माँ भारती की गोदी में, पलकर हम है बड़े हुए
आँच आई जब माँ पर, मिलके सब है खड़े हुए
जान हमारी तेरे नाम है, नाम तेरे ये जवानी है
कायर नहीं समझे कोई, शेरो के संग है लड़े हुए
रंग बिरंगे फूलो की, बगिया है हिंदुस्तान
सत्य अहिंसा चैन अमन से, खिल रहा गुलशन
सब धर्मो के मोती इसमें, सब जाती के लोग
इस धरती पे जन्म लेने, खुद आते भगवान
मोर पपैया कोयल काली, बागो में गीत सुनाते है
होली दशहरा ईद दिवाली, मिलके हम मनाते है
जुदा हमें क्या कोई करेगा, एक माँ की संताने है
एक दूजे के लिए यहाँ, हम जान की बाज़ी लगाते है
लुटा गए जो जान वतन पे, वो भारत के बेटे थे
ठंडी छाँव तुम्हे देने को, वो अंगारों पे लेटे थे
खून खौल के बोल रहा था, है इन्कलाब जिंदाबाद
वो सपूत अपने सर पे, घूमते कफ़न लपेटे थे
याद उन्ही को करता हूँ, मैं नित नित सर को झुकाता हूँ
कोई जवान सीमा से आए, तो अपने गले लगाता हूँ
रिश्ता खून का नहीं मगर, ये सब रिश्तो से ऊंचा है
ये रक्षक है मेरे तुम्हारे, मैं घर घर जाकर बताता हूँ।
हम आजाद तभी तक है, जब तक सीमा पर जवान है
उनके दम से ही तो महकता, ये मेरा हिन्दुस्तान है
वो है तो हम है सलामत, वर्ना दंगो से घिर जाते
ना होती ये आजादी तो, कहो कैसे हम इसे मनाते।
उनकी आँखें सरहद की, निगेहबान बनके रहती है
नजर उठे न कोई देश पे, ये दुश्मन से कहती है
झुलस रहे वो गर्मी में, सर्दी में ठिठुर के काँप रहे
फिर भी कोई शिकवा नहीं, हर सांस जय हिन्द कहती है।
वो मेरे भाई से बढ़कर, वो बेटे से भी दुलारा है
हर सैनिक जो देश पे मरता, मुझे अपनी जाँ से भी प्यारा है
अगर जरुरत पड़े कही मेरे, खून का कतरा कतरा ले लेना
उस सैनिक की जान बचाना, जिसने सबका भाग्य संवारा है।
देशप्रेम ही जिनका लहू था, कतरा कतरा कुर्बानी थी
साँस साँस थी वतन परस्ती, शोलो में चिंगारी थी
आजादी था मकसद जिनका, रंगी खून में जवानी थी
कौन शहीद पहले होगा, ये होड़ लगी बड़ी भारी थी
मैं वो चिराग हु जो तूफ़ान से चलता हु
अपने वतन के खातिर सीना तान के चलता हु।
मुझे क्या मारेंगे ए मेरे दुश्मन
मैं वसा के सीने में हिन्दुस्तान चलता हु।
हवा को खुशबु मुबारक हो
फिजा को मौसम मुबारक हो
दिलो को प्यार मुबारक हो
आपको हमारे तरफ से स्वतंत्रता दिवस
की हार्दिक शुभकामना मुबारक हो।
कभी ठण्ड में ठिठुरकर देख लेना
कभी तपती धुप में जलकर देख लेना
कैसे होती है हिफाजत मुल्क की
कभी सरहद पर खड़े जवानो
को जाकर देख लेना।
चढ़ गए हंसकर लो सूली
खायी जिन्होंने सीने पर गोली
हम उनको प्रणाम करते हैं
जो मिट गए देश पर हम उनको
सलाम करते हैं।
तिरंगा हम सब लहरायेंगे
भक्ति का गीत सुनाएंगे
वादा करो हम सब मिलकर
इस देश को स्वर्ग बनाएंगे।
हम अपने आज़ादी की कभी शाम न होने देंगे
अब इस सोने की चिड़ियाँ को समसान न होने देंगे
जब तक बची है एक बून्द भी लहू की मेरे रगो में
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।
आज़ादी की सुलगी चिंगारी मेरे जश्न में है
ज्वालायें इंकलाब की लिपटी मेरे वदन में है
अब तो मौत भी आएगी तो सह लेंगे हंस के
ख़ुशी है की मरने के वाद तिरंगा मेरे कफ़न में है।
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है जोड़ कितना बाजुए का तिलम है।
खास मेरी ज़िंदगी में सरहद की कोई शाम आये
मेरे ज़िंदगी मेरे बतन के काम आये।
मेरे देश की फौजी जैसा दुनिया में कोई जवान नहीं ,
सांसे सरहदों पर गिरवी है उसकी गिरवी उसकी ईमान नहीं।
ये धरती जिसकी माँ है और आसमान जिसका बाप
ये देश जिसका परिवार है उसकी मैं कहानी हु।
चलो फिर से खुद को जलाते हैं
अनुसासन का डंडा फिर से घुमाते हैं
सुनहरा रंग है गणतंत्र के शहीदों से
ऐसे शहीदों से हम सर झुकाते हैं।
मेरे मुँह में तेरा नाम आ जाय
मेरे हर एक खून का कतरा तेरे काम आ जाय
कैसा नशा है तेरा इस जैकारे में
जैकारा सुनके मुर्दे में भी जान आ जाय।
मैं वो चिराग हु जो तूफ़ान से चलता हु
अपने वतन के खातिर सीना तान के चलता हु।
मुझे क्या मारेंगे ए मेरे दुश्मन
मैं वसा के सीने में हिन्दुस्तान चलता हु।
मैं इसका हनुमान हु ये देश मेरा राम है
चाहे तो सीना चीड़ के देख लो
अंदर बैठा हिन्दुस्तान है।
फैसला जो कुछ भी हो मंजूर होना चाहिए
जुंग हो इस इसक हो भरपूर होना चाहिए।