100+ Lord Krishna quotes in hindi (2023) |कृष्ण के महान उपदेश

Discover wisdom and inspiration through 100+ Lord Krishna quotes. From his teachings in the Bhagavad Gita to timeless words of love and spirituality, these quotes offer profound insights into life, karma, and the path to enlightenment. Explore the essence of Krishna’s teachings in this collection.

Lord Krishna quotes

“सबसे बड़ा तेरा दरबार है,
तू ही सबका पालनहार है,
तू सजा दे या माफी दे प्रभु,
तू ही हमारे जीवन की सरकार है”

“जैसे तेल समाप्त हो जाने पर दीपक बुझ जाता है,
उसी प्रकार कर्म के सीन हो जाने पर भाग्य भी नष्ट हो जाता है”

“समय कभी एक जैसा नहीं होता,
उन्हें भी रोना पड़ता है,
जो बेवजह दूसरों को रुलाते हैं”

“मन से ज्यादा उपजाऊ जगह कोई नहीं है,
क्योंकि वहां जो भी कुछ बोला जाएगा,
बढ़ता जरूर है चाहे फिर वह “विचार” हो, “नफरत” हो या फिर “प्यार” हो”

“जिन्होंने आप को कष्ट दिया है, कष्ट तो उन्हें भी मिलेगा,
और यदि आप भाग्यशाली हुए,
तो ईश्वर आपको यह देखने का अवसर भी देगा”

“चमत्कार उन्हीं के साथ होते हैं,
जिनके मन में विश्वास होता है”

“मुश्किलें केवल बेहतरीन लोगों के हिस्से में आती है,
क्योंकि वही लोग उसे बेहतरीन तरीके से अंजाम देने की ताकत रखते हैं”

“जिस परिस्थिति को बदल पाना संभव ना हो,
उसको लेकर अपनी मनोज स्थिति को बदल लीजिए,
कुछ हद तक समाधान अवश्य मिलेगा”

“अगर तुम्हारे ख्वाब बड़े हैं,
तो तुम्हारा संघर्ष कैसे छोटा हो सकता है”

“जहां अपनों के सामने सच्चाई,
साबित करनी पड़े,
वहां बुरे बन जाना ही ठीक है

“अपमान का बदला झगड़े या लड़ाई से नहीं लिया जाता,
बल्कि शांति से कामयाब हो कर लिया जाता है”

“आशा और विश्वास कभी गलत नहीं होते,
यह हम पर निर्भर करता है कि,
हमने आशा किससे की और विश्वास किस पर किया”

“कभी-कभी आप बिना कुछ गलत किए भी बुरे बन जाते हैं,
क्योंकि जैसा लोग चाहते हैं आप वैसा बन नहीं पाते”

“श्री कृष्ण कहते हैं कि,
जो लोग किसी सच्चे व्यक्ति का दिल तोड़ कर,
किसी तीसरे के पास खुशी ढूंढने के लिए जाते हैं,
वह अक्सर धोखा खाते हैं”

“आपके हर कर्म का फल,
आपको किसी ना किसी रूप में,
अवश्य प्राप्त होता है”

“सोच अच्छी रखो लोग अपने आप अच्छे लगेंगे,
नियत अच्छी रखो तो काम अपने आप ठीक होने लगेंगे”

“जब कोई हाथ और साथ दोनों ही छोड़ देता है,
तब कुदरत कोई ना कोई उंगली पकड़ने वाला भेज देता है,
उसी का नाम “कान्हा” है”

“प्रेम एक ऐसा अनुभव है,
जो मनुष्य को कभी परास्त नहीं होने देता,
और घृणा एक ऐसा अनुभव है,
जो मनुष्य को कभी जितने नहीं देता ।”

प्यार या प्रेम एक ऐसा एहसास है जो किसी भी इंसान को कभी भी असफल नहीं होने देता और अहंकार या घृणा वह एहसास है जो किसी भी इंसान को कभी भी सफल नहीं होने देता।

“जीवन ना तो भविष्य में है और ना ही अतीत में,
जीवन तो बस इस पल में है , केवल इस पल में।”

जो मनुष्य अपने जीवन को अपने अतीत या अपने भूतकाल के भरोसे जीते हैं, उन्हें श्री कृष्ण मार्गदर्शन देते हुए कहते हैं – कि मनुष्य का जीवन ना तो उनके भूतकाल में है और ना ही भविष्यकाल में है, मनुष्य के जीवन का असली सुख उसके वर्तमानकाल में ही है इसलिए हर मनुष्य को अपने वर्तमान के जीवन का पूरा आनंद लेना चाहिए और निस्वार्थ भाव से सत्य कर्म करते रहना चाहिए।

“राधा ने श्री कृष्ण से पूछा,
प्यार का असली मतलब क्या होता है?
श्री कृष्णा ने हँस कर कहा,
जहाँ ‘मतलब’ होता है,
वहाँ प्यार ही कहा होता है॥”

श्री कृष्ण कहते हैं कि जिस प्रेम के रिश्ते में स्वार्थ, अहंकार या मतलब होता है वह रिश्ता प्रेम का रिश्ता कभी नहीं कहला सकता, क्योंकि प्रेम के रिश्ता निस्वार्थ होता है यानी प्रेम के रिश्ते में कोई स्वार्थ नहीं होता।

“राधा कृष्ण का मिलना तो बस एक बहाना था,
दुनिया को प्यार का सही मतलब समझाना था॥”

श्री कृष्ण और राधा दोनों ने ही इस पृथ्वी पर कुछ विशेष कार्य को पूर्ण करने के लिए अवतार लिया था, उन दोनों का मिलना और मिलकर बिछड़ना एक प्रक्रिया मात्र थी जो पहले से निश्चित थी और इसी प्रक्रिया के माध्यम से उन्होंने प्रेम के वास्तविक रूप को इस संसार को समझाया।

“जीवन में आधे दुख इस कारण जन्म लेते हैं,
क्योंकि हमारी ‘आशाएं’ बड़ी होती है,
इन आशाओं का ‘त्याग’ करके देखो,
जीवन में ‘सुख’ ही ‘सुख’ है॥”

“प्रेम और आस्था दोनों पर किसी का जोर नहीं,
ये ‘मन’ जहां लग जाए वही ‘ईश्वर’ नजर आता है॥”

हमारी मन की आस्था और हमारा प्रेम एक ऐसी शक्ति है जिस पर हमारा खुद का नियंत्रण होता है और हमारी आस्था और प्रेम जिस चीज में भी लग जाए उसी चीज में हमें श्री कृष्ण के दर्शन हो जाते हैं, क्योंकि श्री कृष्ण का वास संसार के कण-कण में है।

“अहंकार करने पर इंसान की प्रतिष्ठा, वंश, वैभव,
तीनों ही समाप्त हो जाते हैं॥”

जिस मनुष्य के मन में अहंकार का वास होता है उस मनुष्य के जीवन से उसकी प्रतिष्ठा, उसका वंश और उसका वैभव तीनों समाप्त होते चले जाते हैं।

“अहंकार मत कर किसी को कुछ भी देकर,
क्या पता – तू दे रहा है,
या पिछले जन्म का ‘कर्जा’ चुका रहा है॥”

जीवन में कभी भी दान देते समय मनुष्य को अहंकार नहीं करना चाहिए, क्योंकि हो सकता है जिसे वो दान दे रहा है उसे दान देकर वो अपने पिछले जन्म का कर्ज चुका रहा है

“बुरे ‘कर्म’ करने नहीं पड़ते हो जाते है,
और अच्‍छे ‘कर्म’ होते नहीं करने पड़ते हैं॥”

मनुष्य को बुरे कर्म करने की आवश्यकता नहीं होती, बुरे कर्म खुद ही हो जाते हैं, पर अच्छे कर्म खुद से नहीं होते मनुष्य को अच्छे कर्म स्वयं अपनी इच्छा से करने पड़ते हैं तभी उसका जीवन सफल हो पाता है।

“जब आप ‘प्रभु’ के साथ जुड़ जाओगे,
तो आपकी परीक्षा आरंभ हो जाएगी,
कुछ लोग इसे ‘दुख’ समझते हैं,
तो कुछ लोग प्रभु की ‘कृपा’॥”

सदियों से ईश्वर अपने भक्तों के परीक्षा लेता आया है और इस परीक्षा के दौरान ईश्वर अपने भक्तों को अनेक प्रकार के कष्टों से सामना करवाता है, सामान्य मनुष्य इन कष्ट और दुखों को भगवान की पीड़ा समझ कर भगवान से मुंह मोड़ लेता है तो दूसरी तरफ सच्चे भक्त प्रभु का आशीर्वाद समझकर इन कष्टों का सामना करते हैं।

“जीवन में समय चाहे जैसा भी हो,
‘परिवार’ के साथ रहो,
सुख हो तो बड़ जाता है,
और दुःख हो तो बट जाता है॥”

मनुष्य के जीवन की परिस्थिति चाहे जैसी भी हो उसे हर परिस्थिति में अपने परिवार के साथ रहना चाहिए, अगर उसके जीवन में सुख हो तो परिवार के साथ सुख और भी बढ़ जाएगा और उसके जीवन में अगर दुख हो तो उसके परिवार के सहारे से वो दुख कम हो जाएगा।

“स्वार्थ से रिश्ते बनाने की कितनी भी कोशिश करें,
वो कभी नही बनते हैं,
और प्रेम से बने रिश्तों को कितना भी तोड़ने की कोशिश करें,
वो कभी नही टूटते॥”

श्री कृष्ण कहते हैं कि जिस रिश्ते की शुरुआत स्वार्थ से हो वह रिश्ता कभी सफल नहीं हो पाता और जिस रिश्ते की शुरुआत प्रेम से हो उस रिश्ते को दुनिया की कोई भी ताकत नहीं तोड़ सकती।

“फल की अभिलाषा छोड़कर,
कर्म करने वाला पुरुष ही,
अपने जीवन को सफल बनाता है॥”

जिस मनुष्य का अटूट विश्वास अपने कर्मों पर होता है और जो मनुष्य अपने कर्मों पर सदा अडिग रहता है वही मनुष्य जीवन में सफल हो पाता है और जो मनुष्य सिर्फ फल की चिंता करता है और कर्म नहीं करता उसे जीवन में सिर्फ असफलता ही प्राप्त होती है।

“अगर व्यक्ति शिक्षा से पहले संस्कार,
व्यापार से पहले व्यवहार और,
भगवान से पहले ‘माता पिता’ को पहचान ले तो,
जिंदगी में कभी कोई कठिनाई नही आएगी॥”

अगर मनुष्य शिक्षा प्राप्त करने से पहले अच्छे संस्कार प्राप्त करें, व्यापार करने से पहले अच्छा व्यवहार सीखे और ईश्वर को पहचानने से पहले अपने माता-पिता को पहचान ले, तो उस मनुष्य के जीवन में कभी भी कोई कठिनाइयां नहीं आती है।

“वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है,
‘मैं’ और ‘मेरा’ की लालसा तथा,
‘भावना’ से मुक्त हो जाता है,
उसे शांति प्राप्त होती है॥”

जिस मनुष्य के मन से ‘मैं’ या ‘मेरा’ या ‘अहंकार’ का भाव समाप्त हो जाता है और जिसके मन में सांसारिक मोह माया की लालसा समाप्त हो जाती है वही मनुष्य अंत में परम परमात्मा की शरण को प्राप्त करता है।

“हर कीमती चीज को उठाने के लिए झुकना ही पड़ता हैं,
माँ और पिता का आशीर्वाद भी,
इनमें से एक हैं॥”

श्री कृष्ण कहते हैं – जैसे हर कीमती वस्तु को उठाने के लिए मनुष्य को झुकना पड़ता है ठीक उसी प्रकार माता-पिता के आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए भी मनुष्य को झुकना ही पड़ता है, क्योंकि माता-पिता का आशीर्वाद इस संसार मैं सबसे ज्यादा कीमती होता है।

“खाली हाथ आए, खाली हाथ वापस चले जाओगे,
आज तुम्हारा है कल किसी और का था,
परसों किसी और का होगा,
तुम जिसे अपना समझ कर मगन हो रहे हो,
बस यही प्रसन्नता तुम्हारे दुखों का कारण है॥”

मनुष्य की मन की इच्छा और सांसारिक सुख की मोह माया ही उसके दुखों का असली कारण होती है, मनुष्य इस बात को नहीं समझता कि वह इस संसार में खाली हाथ आया था और उसे इस संसार से खाली हाथ ही जाना है, इसीलिए जिस वस्तु को वह हमेशा अपना समझ कर खुश होता है वही उसके दुखों का असली कारण होता है, क्योंकि जो आज उसका है वह कल किसी और का हो जाएगा।

“प्यार और तकदीर कभी साथ नहीं चलते,
क्योंकि जो ‘तकदीर’ में होते है,
उनसे कभी ‘प्यार’ नहीं होता,
और जिससे हमे प्यार हो जाता है,
वह तकदीर में नहीं होता॥”

प्रेम और किस्मत कभी साथ नहीं चल सकते क्योंकि हमारे किस्मत में जो होता है उससे हमें प्रेम नहीं होता और हम जिससे प्रेम करते हैं वो हमारी किस्मत में नहीं होता, यही प्रभु की माया है।

Best Lord Krishna quotes

Delve into the timeless teachings of Lord Krishna with this collection of profound quotes in Hindi for 2023. Each quote encapsulates the essence of his spiritual guidance and universal truths. Explore these timeless words of wisdom and let them illuminate your path towards a more enlightened and purposeful life.

“क्रोध की अवस्था में भ्रम जन्म लेता है,
भ्रम बुद्धि को नष्ट कर देती है,
बुद्धि के नष्ट होते ही, व्यक्ति का पतन हो जाता है॥”

मनुष्य का क्रोध ही इस संसार में उसका सबसे बड़ा शत्रु होता ,है क्योंकि जब भी मनुष्य क्रोध की अवस्था में होता है तब उसके मन में भ्रम का जन्म होता है और हमारा भ्रम हमारी बुद्धि का नाश कर देता है और हमारे बुद्धि का नाश होते ही हमारा भी नाश होना निश्चित होता है

“मनुष्य का जीवन केवल उसके कर्मो पर चलता है,
जैसा कर्म होता है, वैसा उसका जीवन होता है॥”

हमारा जीवन केवल हमारे कर्मों के बल पर ही चलता है, जैसे हमारे कर्म होंगे, हमारा जीवन भी वैसा ही बनता जाता है।

“तुम उसके लिए शोक करते हो जो शोक करने के योग्य नही हैं,
बुद्धिमान व्यक्ति ना जीवित और ना ही मृत व्यक्ति के लिए शोक करते हैं॥”

श्री कृष्ण कहते हैं कि जो मनुष्य शोक के योग्य नहीं होता उसके बारे में शोक करके हमें कुछ प्राप्त नहीं होगा, श्रेष्ठ और बुद्धिमान मनुष्य वही होता है जो जीवित और मृत व्यक्तियों के लिए शोक नहीं करता।

जिसके मन के अंदर शांति होती है, उस मनुष्य से ज्यादा धनवान और सुखी व्यक्ति इस संसार में कोई नहीं होता।

जब आपके जीवन के चारों ओर हताशा और निराशा हो, जब दुखों ने आपको हर जगह से घेर रखा हो, तब आप सच्चे मन से कृष्ण जी के नाम का दीपक जलाना और अपना सब हाल श्री कृष्ण को सुना देना, श्री कृष्ण स्वयं आपके सब दुख हरने आएंगे।

महान व्यक्ति वो नहीं होता जो धनवान हो बल्कि महान व्यक्ति वह होता है जो जीवन में कभी किसी का अपमान नहीं करता और ना ही खुद का अपमान कभी सेहता है।

“यदि आप किसी के साथ ‘मित्रता’ नहीं कर सकते हैं,
तो उसके साथ ‘शत्रुता’ भी नहीं करना चाहिए॥”

अगर आप किसी के साथ मित्रता करके जीवन भर उसका साथ नहीं दे सकते तो आपको कोई हक नहीं कि आप उसके साथ शत्रुता करके उसे पीड़ा दे।

जो लोग सच्चे मन से श्री कृष्ण की पूजा करते हैं और उन पर अटूट विश्वास करते हैं, उन्हें कभी भी निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि अपने सच्चे भक्तों के साथ मुरलीवाला हमेशा साथ रहता है।

“जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता हैं”

“श्री कृष्ण जी कहते हैं,
जिस व्यक्ति को आपकी क़द्र नही,
उसके साथ खड़े रहने से अच्छा हैं,
आप अकेले रहे॥”

“जिस व्यक्ति के पास ‘संतुष्टि’ नहीं है,
उसे कितना भी मिल जाए वह ‘असंतुष्ट’ ही रहेगा॥”

“अंत काल में जो मनुष्य मेरा स्मरण करते हुए,
देह त्याग करता है वह मेरी शरण में आता है,
इसलिए मनुष्य को चाहिए कि अंत काल में मेरा चिंतन करें॥”

“मनुष्य अपने सच्चे हृदय से जो दान दे सकता है वह अपने हाथों से नहीं दे सकता
और मौन रहकर हम जो कह सकते हैं वह हम अपने शब्दों से नहीं कह सकते।”

“इस संसार में मनुष्य किसी भी रूप में बड़ा नहीं होता,
बल्कि मनुष्य के पीछे जो ताकत खड़ी होती है वो ज्यादा बड़ी होती है॥”

“जिंदगी में सदैव अवसरों का आनंद लेना चाहिए,
लेकिन किसी के भरोसे को तोड़कर नहीं॥”

“अगर आप जीवन में असफल होते हैं तो आपको दोबारा प्रयास करने में कभी नहीं घबराना चाहिए,
क्योंकि जब आप दोबारा प्रयास करते हैं तो आप की शुरुआत सुनने से नहीं बल्कि आपके अनुभव से होती है॥”

“जो हुआ, वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है,
वह अच्छा हो रहा है,
जो होगा, वह भी अच्छा ही होगा,
तुम भूत का पश्चाताप न करो,
भविष्य की चिंता न करो,
वर्तमान में जियो॥”

“श्री कृष्ण कभी भी हमारा हाल नहीं पूछते,
पर वो हमारी सब खबर रखते हैं,
श्री कृष्ण अपने सच्चे भक्तों पे हर घड़ी नजर रखते हैं॥”

“‘दुष्ट’ लोग अगर समझाने मात्र से समझ जाते,
तो यकीन मानो ‘महाभारत’ कभी ना होता॥”

“अगर कोई मनुष्य हमारे साथ बुरा कर रहा है,
तो उसे करने दो यह उसका कर्म है,
और समय उसके कर्म का फल उसे जरूर देगा,
लेकिन हमें कभी भी किसी के साथ बुरा नहीं करना चाहिए,
क्योंकि यही हमारा धर्म है॥”

“जो दूसरों की तकलीफों को समझते हैं, जिनमें दया है, दिल से अच्छे हैं,
उन्हें दोबारा जन्म लेना नहीं पड़ता।।”

“इस पूरे ब्रह्मांड में ऐसी कोई ताकत नहीं जो इंसान की इच्छाओं की पूर्ति कर सके,
क्योंकि इंसान की इच्छाएं एक समुद्र के समान होती है जिसे कभी भी भरा नहीं जा सकता।”

“वह दिन मत दिखाना कान्हा,
कि हमें खुद पर गुरुर हो जाए,
रखना अपने दिल में इस तरह,
कि जीवन सुफल हो जाए॥”

“इंसान का मुश्किल वक्त उसके लिए एक दर्पण की तरह होता है,
जो हमारी क्षमताओं का दर्शन हमें करवाता है॥”

“ईश्वर ने हमारे भाग्य में जो लिखा है उसे हम से कोई नहीं छीन सकता,
लेकिन अगर हमें अपने ईश्वर पर सच्चा भरोसा है,
तो हमें वो भी मिल सकता है जो हमारे भाग्य में नहीं लिखा होता॥”

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