100+ 2 Line Shayari in Hindi on Life | जिंदगी शायरी दो लाइन

“Unveil the beauty of brevity with 100+ 2-line Shayari—a captivating collection that distills emotions into a few words. These concise verses resonate with depth, encapsulating a spectrum of feelings like love, heartache, and introspection. Each pair of lines paints a vivid picture, evoking thoughts that linger long after reading. Experience the art of minimalism as these Shayari pieces convey profound sentiments in a succinct yet impactful manner, leaving an indelible mark on the heart.”

2 Line Shayari

जरा मुस्कुराना भी सीखा दे ऐ जिंदगी,
रोना तो पैदा होते ही सीख लिया था !

मुझे लगा कि मेरी आंखें चमक उठेंगी,
आंसू किसी की याद के कितने करीब होते हैं !

मत सोच इतना जिंदगी के बारे में,
जिसने जिंदगी दी है उसने भी कुछ तो सोचा होगा !

धूप में निकलो घटाओं मैं नहाकर देखो,
जिंदगी क्या है किताबों को हटाकर देखो !

बदल जाती है जिंदगी की सच्चाई ऊस वक्त,
जब कोई तुम्हारा तुम्हारे सामने तुम्हारा नहीं होता !

रिश्तों की फिक्र करना छोड़ दो,
जिसे जितना साथ देना हैं वो उतना ही निभाएगा !

भूखा पेट खाली जेब और झूठा प्रेम,
इंसान को जीवन में बहुत कुछ सिखा जाता है !

कुछ तो तन्हाई की रातों में सहारा होता,
तुम न होते न सही जिक्र तुम्हारा होता !

कभी आँखों पे कभी सर पे बिठाए रखना,
जिंदगी नागवार सही दिल से लगाए रखना !

दूरियां इतनी हो गयी हैं इसका एहसास तब हुआ,
जब मैंने कहा मैं ठीक हूँ और उसने मान लिया !

इतनी बदसलूकी ना कर ऐ जिंदगी,
हम कौन सा यहाँ बार-बार आने वाले हैं !

जिंदगी में क्यों भरोसा करते हो गैरों पर,
जब चलना है अपने ही पैरों पर !

अपने ही होते है जो दिल पर वार करते है,
गैरों को क्या खबर दिल किस बात पर दुखता है !

जो जख्म आप देख न पाएं !
समझना वो जख्म किसी अपने ने ही दिया है ।

जिंदा रहने की अब ये तरकीब निकाली है,
जिंदा होने की खबर सब से छुपा ली है !

जिन्दगी में गम हैं गम में दर्द हैं,
दर्द में मजा हैं और मैं मजे में हूँ !

तुझे मेरी फिक्र नहीं मगर सारी दुनिया की फिक्र है,
मुझे बस तेरी फिक्र है और किसी की नही !

बुरे वो लोग नहीं है जो आपको बुरा कहते है,
बुरा आपका दिमाग है जो उनकी बात मान लेता है !

थोड़ा सा और बिखर जाऊं मैंने यही ठानी है,
ऐ जिंदगी थोड़ा रुक मैंने अभी हार कहां मानी है !

आराम से तन्हा कट रही थी तो अच्छी थी,
जिन्दगी तू कहाँ दिल की बातों में आ गयी !

सोचने से कहाँ मिलते हैं तमन्नाओं के शहर,
चलना भी जरुरी है मंजिल को पाने के लिए !

कभी मिलेगी खुशियां कभी मिलेंगे गम,
हमदर्द की क्या जरूरत अकेले काफी हैं हम !

एक दिन आपको अकेला ही होना है,
महफिले तो बस दिखावा कर रही है।

फिसलती ही चली गई एक पल, रुकी भी नहीं,
अब जा के महसूस हुआ रेत के जैसी है जिंदगी !

पहले से उन कदमों की आहट जान लेते हैं,
तुझे ऐ जिंदगी हम दूर से पहचान लेते हैं !

इंसान अच्छा या बुरा नहीं होता,
बस वक्त अच्छा और बुरा होता है !

ना किसी से ईर्ष्या ना किसी से कोई होड़ !
मेरी अपनी मंजीले मेरी अपनी दौड़ !

मन से उतार दो उन लोगो को,
जो आपका मन भारी किये रहते है !

जिंदगी को इतना सिरियस लेने की जरूरत नही यारों,
यहाँ से जिन्दा बचकर कोई नही जायेगा !

ये दुनिया प्यार की सिर्फ बातें करती हैं जनाब,
चलती तो सिर्फ अपने मतलब से हैं !

जिन्हें नींद नहीं आती उन्हें ही मालूम है,
सुबह होने में कितना वक्त लगता है !

जिंदगी की जंग में वही जीतता है,
जो हर परिस्थिति में चलना जानता है !

हर रोज ये जिन्दगी कुछ नए सितम दिखाती है,
सही मायने में यही जिन्दगी को जीना सिखाती है !

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